नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आयु से संबंधित गलत हलफनामा प्रस्तुत करने को आधार बनाकर सोमवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन अवैध घोषित कर दिया था,
हाई कोर्ट ने अवैध घोषित किया अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस.पी. केसरवानी ने नवाब काजिम अली खान की चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया था.
अदालत ने इस चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि अब्दुल्ला आजम खान ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जब नामांकन पत्र दाखिल किया तो उस समय उनकी आयु 25 वर्ष नहीं थी. इस तरह वह विधानसभा चुनाव लड़ने के पात्र नहीं थे.
आयु के साथ दस्तावेजों को बताया कारण
मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को रामपुर जिले की 34 स्वार विधानसभा सीट से 11 मार्च, 2017 को विधायक चुना गया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
स्वार सीट से अब्दुल्ला खान से चुनाव हारने वाले बसपा उम्मीदवार नवाब काजिम अली खान ने अदालत का रुख किया था. उनका आरोप था कि प्रतिवादी अब्दुल्ला आजम खान का जन्म एक जनवरी, 1993 को हुआ था, इसलिए नामांकन दाखिल करने के दिन 25 जनवरी, 2017 को वह 25 वर्ष की आयु से काफी कम थे.
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याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि मोहम्मद अब्दुल्ला के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, पासपोर्ट और वीजा में भी इसी जन्मतिथि का उल्लेख है, लेकिन बाद में लखनऊ स्थित जन्म एवं मृत्यु पंजीयक कार्यालय से एक जन्म प्रमाणपत्र जारी कराया गया, जिसमें अब्दुल्ला का जन्म 30 सितंबर, 1990 दिखाया गया.