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चेन्नई में कोरोना परीक्षण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य

चेन्नई नगर निगम ने आदेश दिया है कि कोरोना प्रयोगशालाओं में नमूनों के परीक्षण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा. जानें विस्तार से...

Aadhaar mandatory for Corona test in tamilnadu
आधार अनिवार्य
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Published : Jun 4, 2020, 4:13 AM IST

चेन्नई : तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में नगर निगम ने आदेश दिया है कि कोरोना प्रयोगशालाओं में नमूनों के परीक्षण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. दरअसल चेन्नई कोरोना के खतरे से जूझ रहा है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निगम कई एहतियातन कदम उठा रहा है.

कोरोना परीक्षण वर्तमान में 10 सरकारी कोरोना लैब्स और 13 निजी प्रयोगशालाओं के माध्यम से चेन्नई में किया जा रहा है. यदि किसी का कोरोना परीक्षण सकारात्मक पाया जाता है तो पूरा विवरण स्वास्थ्य विभाग और निगम को भेजा जाता है. लेकिन कुछ लोग जो कोरोना परीक्षण के लिए आते हैं, गलत मोबाइल नंबर और पता देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है यदि परिणाम सकारात्मक रहा तो 14 दिनों के लिए पृथक वास में रहना पड़ेगा. इससे स्थिति और बदतर हो जाएगी और अधिकारियों को कोरोना पीड़ित की पहचान करना मुश्किल होता जा रहा है.

इसी तरह आरोप है कि कुछ निजी प्रयोगशालाएं सरकार को पीड़ितों का विवरण उपलब्ध नहीं करा रही हैं. परीक्षण के लिए आने वाला व्यक्ति परिणाम के बाद नहीं आता है. इसलिए पीड़ित अनजाने में वायरस का करियर बन जाता है.

भारत में कोरोना : मौजूदा मृत्यु दर 2.89%, महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या 74 हजार के पार

इससे बचने के लिए, निगम आयुक्त प्रकाश ने एक आदेश का प्रस्ताव दिया है. कोरोना के लिए परीक्षण करने के लिए आने वाले व्यक्ति को अपने आधार विवरण के साथ जांच कराना होगा. व्यक्ति को मोबाइल नंबर की पुष्टि करनी होगी. आधार के बिना आने वाले लोगों को पृथक् वास किया जाएगा.

चेन्नई : तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में नगर निगम ने आदेश दिया है कि कोरोना प्रयोगशालाओं में नमूनों के परीक्षण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है. दरअसल चेन्नई कोरोना के खतरे से जूझ रहा है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निगम कई एहतियातन कदम उठा रहा है.

कोरोना परीक्षण वर्तमान में 10 सरकारी कोरोना लैब्स और 13 निजी प्रयोगशालाओं के माध्यम से चेन्नई में किया जा रहा है. यदि किसी का कोरोना परीक्षण सकारात्मक पाया जाता है तो पूरा विवरण स्वास्थ्य विभाग और निगम को भेजा जाता है. लेकिन कुछ लोग जो कोरोना परीक्षण के लिए आते हैं, गलत मोबाइल नंबर और पता देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है यदि परिणाम सकारात्मक रहा तो 14 दिनों के लिए पृथक वास में रहना पड़ेगा. इससे स्थिति और बदतर हो जाएगी और अधिकारियों को कोरोना पीड़ित की पहचान करना मुश्किल होता जा रहा है.

इसी तरह आरोप है कि कुछ निजी प्रयोगशालाएं सरकार को पीड़ितों का विवरण उपलब्ध नहीं करा रही हैं. परीक्षण के लिए आने वाला व्यक्ति परिणाम के बाद नहीं आता है. इसलिए पीड़ित अनजाने में वायरस का करियर बन जाता है.

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इससे बचने के लिए, निगम आयुक्त प्रकाश ने एक आदेश का प्रस्ताव दिया है. कोरोना के लिए परीक्षण करने के लिए आने वाले व्यक्ति को अपने आधार विवरण के साथ जांच कराना होगा. व्यक्ति को मोबाइल नंबर की पुष्टि करनी होगी. आधार के बिना आने वाले लोगों को पृथक् वास किया जाएगा.

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