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सैनिक बेटे ने भेजी पहली सैलरी, मां ने देश की भलाई के लिए किया दान

देश का हर व्यक्ति कोरोना महामारी से लड़ने में अपनी हर संभव मदद कर रहा है. ऐसे ही श्रीनगर के श्रीकोट में रहने वाली सुनीता गैरोला ने भी अपने बेटे की पहली तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की है. महिला का बेटा असम में भारत चीन सीमा पर देश की रक्षा कर रहा है. पढे़ं खबर विस्तार से.....

woman donates first salary of his son in cm funds-
मां ने बेटे की पहली तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की
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Published : Apr 4, 2020, 8:36 PM IST

श्रीनगर: देश का हर व्यक्ति कोरोना महामारी से लड़ने में अपनी हर संभव मदद कर रहा है. कोई लॉकडाउन का पालन गंभीरता से कर रहा तो दूसरी तरफ कोरोना वॉरियर्स फ्रंट फुट पर कोरोना वायरस से दो-दो हाथ कर रहे हैं. वहीं, श्रीनगर के श्रीकोट में रहने वाली सुनीता गैरोला ने अपने बेटे की पहली तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की है. महिला का बेटा असम में भारत चीन सीमा पर देश की रक्षा कर रहा है.

बता दें, देश में इस समय हर कोई कोरोना के इस युद्ध मे अपनी भूमिका अदा कर रहा है. कोई बेसहारा गरीबों को भोजन करवा रहा है तो कोई सड़क पर घुमती गायों को चारा खिला रहा है. वहीं, डॉक्टर भी फ्रंट फुट पर कोरोना से लड़ रहे है.

ऐसे में अब श्रीनगर निवासी अमन गैरोला जो सेना में आधिकारी हैं उनकी मां श्रीनगर के श्रीकोट में रहती हैं उन्होंने अपने बेटे कि पहली सैलरी को देश के लिए समर्पित किया है. बता दें, उन्होंने आज उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए 50 हजार का चेक सौंपा.

पढे़ं : कोरोना से लड़ाई में मददगार साबित हो सकती है डिजिटल प्रौद्योगिकी

पढ़े- CORONA: IIT रुड़की ने 45 रुपये में बना दी फेस शील्ड, AIIMS में हो रहा इस्तेमाल

सुनीता देवी का कहना है कि उनका बेटा भारत चीन सीमा पर देश की सेवा कर रहा है. लेकिन अभी देश कोरोना संकट से गुजर रहा है जिसको देखते हुए उन्होंने अपने बेटे द्वारा दी गयी पहली तनख्वाह को देश के लिए समर्पित किया है, जिससे देश की मदद की जा सके.

श्रीनगर: देश का हर व्यक्ति कोरोना महामारी से लड़ने में अपनी हर संभव मदद कर रहा है. कोई लॉकडाउन का पालन गंभीरता से कर रहा तो दूसरी तरफ कोरोना वॉरियर्स फ्रंट फुट पर कोरोना वायरस से दो-दो हाथ कर रहे हैं. वहीं, श्रीनगर के श्रीकोट में रहने वाली सुनीता गैरोला ने अपने बेटे की पहली तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की है. महिला का बेटा असम में भारत चीन सीमा पर देश की रक्षा कर रहा है.

बता दें, देश में इस समय हर कोई कोरोना के इस युद्ध मे अपनी भूमिका अदा कर रहा है. कोई बेसहारा गरीबों को भोजन करवा रहा है तो कोई सड़क पर घुमती गायों को चारा खिला रहा है. वहीं, डॉक्टर भी फ्रंट फुट पर कोरोना से लड़ रहे है.

ऐसे में अब श्रीनगर निवासी अमन गैरोला जो सेना में आधिकारी हैं उनकी मां श्रीनगर के श्रीकोट में रहती हैं उन्होंने अपने बेटे कि पहली सैलरी को देश के लिए समर्पित किया है. बता दें, उन्होंने आज उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए 50 हजार का चेक सौंपा.

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सुनीता देवी का कहना है कि उनका बेटा भारत चीन सीमा पर देश की सेवा कर रहा है. लेकिन अभी देश कोरोना संकट से गुजर रहा है जिसको देखते हुए उन्होंने अपने बेटे द्वारा दी गयी पहली तनख्वाह को देश के लिए समर्पित किया है, जिससे देश की मदद की जा सके.

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