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सरदारजी आए थे कर्नाटक घूमने, अनुकूल मौसम देख यहीं करने लगे खेती - सरदार लखवीर सिंह आए थे कर्नाटक घूमने

सरदार लखवीर सिंह मूल रूप से हरियाणा के हैं. कुछ साल पहले वे अपने दो बच्चों को कर्नाटक के विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा देना चाहते थे. उस वक्त लखवीर अपने बच्चों के साथ धारवाड़ आए थे. उस दौरान उन्होंने भूमि की उर्वरता और मौसम को देखते हुए वहां कृषि करने का फैसला लिया.

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मूल रूप से हरियाणा के सरदार जी कर्नाटक में कर रहे हैं खेती
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Published : Jul 15, 2020, 11:01 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 12:52 PM IST

बेंगलुरू : कृषि के बिना जीवन अधूरा है. हालांकि आधुनिक लोग इसके बारे में ज्यादा जानने की इच्छा नहीं रखते हैं. जो लोग कृषि से जुड़े हुए हैं, उन्हें खेती की महत्व के बारे में पता होता है. ऐसे ही एक व्यक्ति है लखवीर सिंह. उन्होंने लोगों के समक्ष एक मिसाल पेश की है. वह हरियाणा से चलकर कुछ वर्ष पूर्व कर्नाटक किसी अन्य मकसद से आए थे. लेकिन उन्होंने यहां खेती करने की ठानी. सरदार जी कोप्पला जिले में खेती का काम शुरू किया. अब वे कृषि गतिविधियों में व्यस्त हैं. क्योंकि उन्हें यहां का मौसम कृषि के अनुकूल लगा.

लखवीर सिंह नाम के सरदार जी मूल रूप से हरियाणा के हैं. कुछ साल पहले वे अपने दो बच्चों को कर्नाटक के विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा देना चाहते थे. उस वक्त लखवीर अपने बच्चों के साथ धारवाड़ आए थे. उस दौरान उन्होंने भूमि की उर्वरता और मौसम को देखते हुए वहां कृषि करने का फैसला लिया.

बच्चों की पढ़ाई के बाद लखवीर सिंह ने दोनों को हरियाणा वापस भेज दिया और कुस्तगी तालुक में एक झील के पास पट्टे के लिए 16 एकड़ जमीन ली. जमीन पर उन्होंने मिलिया दुबिया की फसल उगाने के लिए उनका उपयोग किया. शेष बची जमीन पर उन्होंने कपास और कई अन्य पौधे उगाए.

कर्नाटक आने से पहले सिंह आंध्र प्रदेश की सीड्स मार्केटिंग की एक कंपनी में काम कर रहे थे. उस दौरान उन्होंने कृषि में शामिल होने के लिए सोचा, और उन्होंने यह भी देखा कि कुस्तगी में मिलिया दुबिया की खेती करने के लिए मौसम बहुत उपयोगी है.

पढ़ें : कर्नाटक के युवक ने 'रैबिट फार्मिंग' कर बदली अपनी जिंदगी की दशा और दिशा

लखवीर सिंह के पास नवीनतम तकनीक का उपयोग करके खेत में अधिक उपज प्राप्त करने का कौशल है, इसलिए कुस्तगी के स्थानीय किसान कृषि के बारे में सुझाव प्राप्त करने के लिए सिंह के पास आते हैं.

बेंगलुरू : कृषि के बिना जीवन अधूरा है. हालांकि आधुनिक लोग इसके बारे में ज्यादा जानने की इच्छा नहीं रखते हैं. जो लोग कृषि से जुड़े हुए हैं, उन्हें खेती की महत्व के बारे में पता होता है. ऐसे ही एक व्यक्ति है लखवीर सिंह. उन्होंने लोगों के समक्ष एक मिसाल पेश की है. वह हरियाणा से चलकर कुछ वर्ष पूर्व कर्नाटक किसी अन्य मकसद से आए थे. लेकिन उन्होंने यहां खेती करने की ठानी. सरदार जी कोप्पला जिले में खेती का काम शुरू किया. अब वे कृषि गतिविधियों में व्यस्त हैं. क्योंकि उन्हें यहां का मौसम कृषि के अनुकूल लगा.

लखवीर सिंह नाम के सरदार जी मूल रूप से हरियाणा के हैं. कुछ साल पहले वे अपने दो बच्चों को कर्नाटक के विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा देना चाहते थे. उस वक्त लखवीर अपने बच्चों के साथ धारवाड़ आए थे. उस दौरान उन्होंने भूमि की उर्वरता और मौसम को देखते हुए वहां कृषि करने का फैसला लिया.

बच्चों की पढ़ाई के बाद लखवीर सिंह ने दोनों को हरियाणा वापस भेज दिया और कुस्तगी तालुक में एक झील के पास पट्टे के लिए 16 एकड़ जमीन ली. जमीन पर उन्होंने मिलिया दुबिया की फसल उगाने के लिए उनका उपयोग किया. शेष बची जमीन पर उन्होंने कपास और कई अन्य पौधे उगाए.

कर्नाटक आने से पहले सिंह आंध्र प्रदेश की सीड्स मार्केटिंग की एक कंपनी में काम कर रहे थे. उस दौरान उन्होंने कृषि में शामिल होने के लिए सोचा, और उन्होंने यह भी देखा कि कुस्तगी में मिलिया दुबिया की खेती करने के लिए मौसम बहुत उपयोगी है.

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लखवीर सिंह के पास नवीनतम तकनीक का उपयोग करके खेत में अधिक उपज प्राप्त करने का कौशल है, इसलिए कुस्तगी के स्थानीय किसान कृषि के बारे में सुझाव प्राप्त करने के लिए सिंह के पास आते हैं.

Last Updated : Jul 16, 2020, 12:52 PM IST
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