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दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन: किसानों को हटाने के लिये कोर्ट में यचिका - दिल्ली सीमा

किसान आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. कोर्ट में दायर याचिका में किसानों को दिल्ली की सीमा से हटाने की मांग की गई है.

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दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन
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Published : Dec 4, 2020, 7:26 PM IST

नई दिल्ली: नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तमाम सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को तत्काल वहां से हटाने का प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिये उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गयी. याचिका में कहा गया है कि सड़क मार्ग अवरूद्ध होने की बजह से लोगों को आवागमन में कठिनाईयां हो रही हैं और इस तरह से बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े से कोविड-19 के मामलों में भी वृद्धि हो सकती है.

SC
SC

याचिका में प्राधिकारियों को दिल्ली सीमा की सड़कों को खुलवाने, विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्धारित स्थान पर भेजने और कोविड-19 मामलों के प्रसार को रोकने के लिये धरना स्थल पर सामाजिक दूरी बनाने और मास्क लगाने के लिये दिशा निर्देश देने अनुरोध न्यायालय से किया गया है.

याचिका में किये गये ये दावे
यह याचिका कानून के छात्र ऋषभ शर्मा ने दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को बुराड़ी में निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी, लेकिन इसके बावजूद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को अवरूद्ध कर दिया है.

'विरोध प्रदर्शन के कारण सड़कें अवरूद्ध'
अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे इस विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरूद्ध कर दिया है और सीमाओं को बंद कर दिया है, जिसकी वजह से वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है. यही नहीं, इस वजह से सरकार और प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों में इलाज के लिये आने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

सात अक्टूबर के फैसले का हवाला
याचिका में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन करके सड़क अवरूद्ध करने के खिलाफ दायर याचिका पर शीर्ष अदालत के सात अक्टूबर के फैसले का भी हवाला दिया गया है. इस मामले मे न्यायालय ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिये कब्जा नहीं किया जा सकता और एक निश्चित स्थान पर ही अपनी असहमति और विरोध प्रकट करना होगा.

'तेजी से बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले'
याचिका में सरकार के कोविड-19 दिशा निर्देशों का हवाला देते हुये याचिका में कहा गया है कि महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र नहीं होने के परामर्श दिये जाने के बावजूद लाखों किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्र हैं और इससे कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.

'जमावड़ा कोविड महामारी के लिये बड़ा खतरा'
याचिकाकर्ता ने दिल्ली की सीमा पर इतनी बड़ी संख्या में एकत्र लोगों को तितर बितर करने और उन्हें पहले से ही निर्धारित स्थान पर भेजने के लिये तत्काल निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि इनका जमावड़ा कोविड महामारी के लिये बड़ा खतरा हो सकता है.

'किसान फिर कर सकते हैं प्रदर्शन'
याचिका के अनुसार, कोविड के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुये जरूरी है कि यह विरोध प्रदर्शन तुरंत बंद किया जाये और कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद किसान फिर प्रदर्शन कर सकते हैं.

नई दिल्ली: नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तमाम सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को तत्काल वहां से हटाने का प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिये उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गयी. याचिका में कहा गया है कि सड़क मार्ग अवरूद्ध होने की बजह से लोगों को आवागमन में कठिनाईयां हो रही हैं और इस तरह से बड़ी संख्या में किसानों के जमावड़े से कोविड-19 के मामलों में भी वृद्धि हो सकती है.

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याचिका में प्राधिकारियों को दिल्ली सीमा की सड़कों को खुलवाने, विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्धारित स्थान पर भेजने और कोविड-19 मामलों के प्रसार को रोकने के लिये धरना स्थल पर सामाजिक दूरी बनाने और मास्क लगाने के लिये दिशा निर्देश देने अनुरोध न्यायालय से किया गया है.

याचिका में किये गये ये दावे
यह याचिका कानून के छात्र ऋषभ शर्मा ने दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस ने इन किसानों को बुराड़ी में निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी, लेकिन इसके बावजूद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं को अवरूद्ध कर दिया है.

'विरोध प्रदर्शन के कारण सड़कें अवरूद्ध'
अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है, दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे इस विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरूद्ध कर दिया है और सीमाओं को बंद कर दिया है, जिसकी वजह से वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है. यही नहीं, इस वजह से सरकार और प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों में इलाज के लिये आने वाले लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

सात अक्टूबर के फैसले का हवाला
याचिका में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन करके सड़क अवरूद्ध करने के खिलाफ दायर याचिका पर शीर्ष अदालत के सात अक्टूबर के फैसले का भी हवाला दिया गया है. इस मामले मे न्यायालय ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिये कब्जा नहीं किया जा सकता और एक निश्चित स्थान पर ही अपनी असहमति और विरोध प्रकट करना होगा.

'तेजी से बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले'
याचिका में सरकार के कोविड-19 दिशा निर्देशों का हवाला देते हुये याचिका में कहा गया है कि महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र नहीं होने के परामर्श दिये जाने के बावजूद लाखों किसान दिल्ली की सीमा पर एकत्र हैं और इससे कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.

'जमावड़ा कोविड महामारी के लिये बड़ा खतरा'
याचिकाकर्ता ने दिल्ली की सीमा पर इतनी बड़ी संख्या में एकत्र लोगों को तितर बितर करने और उन्हें पहले से ही निर्धारित स्थान पर भेजने के लिये तत्काल निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि इनका जमावड़ा कोविड महामारी के लिये बड़ा खतरा हो सकता है.

'किसान फिर कर सकते हैं प्रदर्शन'
याचिका के अनुसार, कोविड के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि को ध्यान में रखते हुये जरूरी है कि यह विरोध प्रदर्शन तुरंत बंद किया जाये और कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद किसान फिर प्रदर्शन कर सकते हैं.

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