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चार वर्ष की उम्र में 20-30 किलोमीटर दौड़ता है ओडिशा का होनहार

ओडिशा के बुधादित्या स्प्रिंट रनिंग में कई रिकार्ड बना सकते हैं. महज 4 वर्ष की उम्र में बुधादित्या 20-30 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं. बुधादित्या के पिता ने सरकार से मदद की अपील की है. जानें पूरा विवरण

बुधादित्या
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Published : Aug 25, 2019, 11:06 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 6:42 AM IST

भुवनेश्वरः महज 4 वर्ष की उम्र में प्रतिदिन 20 से 30 किलोमीटर की दौड़ ! सुनकर चौंक गए न आप, लेकिन ओडिशा का एक होनहार ऐसा ही करता है. नाम है बुधादित्या.

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से पुरी तक की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है. बुधादित्या सप्ताह में एक बार ये दूरी 8 घंटे में बिना रुके दौड़ कर पूरा कर लेते हैं. बुधादित्या युवकों की भांति व्यायाम भी करते हैं.

बुधादित्या के पिता देवदत्ता ने कहा कि बुधादित्या छोटी उम्र से ही खेलकूद में अच्छा है. यही देखकर मैं उसे धावक बनने का प्रशिक्षण देने लगा. लेकिन बुधादित्या को सही प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है. न दौड़ने की जगह. अभी बुधादित्या सड़कों पर दौड़ता है.

पिता देवदत्ता ने बताया कि उन्होंने बुधादित्या के प्रशिक्षण के लिए सरकार से मदद करने का अनुरोध किया है. सरकार बुधादित्या के प्रशिक्षण में मदद करेगाी, तभी बुधादित्या आगे बढ़ पायेगा.

बुधादित्या की गतिविधि और उसके पिता का बयान

बुधादित्या भविष्य में धावक बनकर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं. बुधादित्या को बुनायादी रूप से प्रशिक्षण और दौड़ने के मैदान का नहीं मिल पा रहा है. बुधादित्या को सही प्रशिक्षण न मिलने और उनकी कम उम्र से उनके परिवार वाले परेशान हैं.

पढ़ेंः पाक अधिकृत कश्मीर भारत के साथ रहना चाहता हैः सुब्रमण्यम स्वामी

गौरतलब है कि इससे पहले ओडिशा का ही एक बच्चा बुधिया सिंह भी काफी सुर्खियों में रहा था. बुधिया भी स्प्रिंट रनर के रूप में अपना करियर बनाना चाहता था. साल 2006 में बुधिया ने महज चार साल की उम्र में पुरी ले भुवनेश्वर तक 65 किलोमीटर की दौड़ सफलतापूर्वक पूरी की थी.

भुवनेश्वरः महज 4 वर्ष की उम्र में प्रतिदिन 20 से 30 किलोमीटर की दौड़ ! सुनकर चौंक गए न आप, लेकिन ओडिशा का एक होनहार ऐसा ही करता है. नाम है बुधादित्या.

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से पुरी तक की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है. बुधादित्या सप्ताह में एक बार ये दूरी 8 घंटे में बिना रुके दौड़ कर पूरा कर लेते हैं. बुधादित्या युवकों की भांति व्यायाम भी करते हैं.

बुधादित्या के पिता देवदत्ता ने कहा कि बुधादित्या छोटी उम्र से ही खेलकूद में अच्छा है. यही देखकर मैं उसे धावक बनने का प्रशिक्षण देने लगा. लेकिन बुधादित्या को सही प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है. न दौड़ने की जगह. अभी बुधादित्या सड़कों पर दौड़ता है.

पिता देवदत्ता ने बताया कि उन्होंने बुधादित्या के प्रशिक्षण के लिए सरकार से मदद करने का अनुरोध किया है. सरकार बुधादित्या के प्रशिक्षण में मदद करेगाी, तभी बुधादित्या आगे बढ़ पायेगा.

बुधादित्या की गतिविधि और उसके पिता का बयान

बुधादित्या भविष्य में धावक बनकर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं. बुधादित्या को बुनायादी रूप से प्रशिक्षण और दौड़ने के मैदान का नहीं मिल पा रहा है. बुधादित्या को सही प्रशिक्षण न मिलने और उनकी कम उम्र से उनके परिवार वाले परेशान हैं.

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गौरतलब है कि इससे पहले ओडिशा का ही एक बच्चा बुधिया सिंह भी काफी सुर्खियों में रहा था. बुधिया भी स्प्रिंट रनर के रूप में अपना करियर बनाना चाहता था. साल 2006 में बुधिया ने महज चार साल की उम्र में पुरी ले भुवनेश्वर तक 65 किलोमीटर की दौड़ सफलतापूर्वक पूरी की थी.

Last Updated : Sep 28, 2019, 6:42 AM IST
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