सूरत : गुजरात के सूरत की एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी ने एक स्वागत योग्य कदम उठाया है, जो काफी सराहनीय है. अब इस कंपनी की महिला कर्मचारियों को हर वर्ष 12 दिन की पीरियड लीव दी जाएगी. यानी की इस कंपनी की महिला कर्मचारियों को परेशानियों से भरे पीरियड के दिनों में राहत महसूस होगी.
पीरियड के पांच दिन महिलाओं के लिए बेहद मुश्किल भरे होते हैं और केवल वे ही इसे समझ सकती हैं. हालांकि, एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी सूरत सिटी ने पीरियड्स की समस्या पर ध्यान दिया है. यह एक ऐसा कदम है, जो हर एक कंपनी नहीं उठाती है. बता दें कि, आईविपनन के संस्थापक एक पुरुष हैं, बावजूद उन्होंने लेडीज स्टाफ की विशेष जरूरत को ध्यान में रखते हुए 12 दिन की 'पीरियड लीव' देने का फैसला किया.
पीरियड के दिनों की दिक्कतें
पीरियड के दिनों में विशेष रूप से महिलाओं को ऑफिस का काम करने के दौरान काफी कठिन समय से गुजरना पड़ता है. जैसे दर्द, भारी रक्तस्राव, मनोदशा में बदलाव और स्तन में दर्द के कारण उन्हें होने वाली कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान ऑफिस शिफ्ट को पूरा करना बेहद मुश्किल हो जाता है.
मुश्किल भरे होते हैं पीरियड डे
ऑफिस में काम के दौरान महिलाओं के लिए स्वच्छता बनाए रखना काफी मुश्किल हो जाता है. किसी भी कार्यक्षेत्र में बिना आराम किए काम चलता रहता है. ऐसे में पीरियड के दिनों में बिना आराम के काम करना एक चुन्नौती भरा टास्क बन जाता है. काफी समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना और इन दिनों चेयर पर बैठे-बैठे पैरों में सूजन के कारण दर्द और अधिक बढ़ जाता है.
हर वर्ष 12 दिनों की 'पीरियड लीव'
हाल ही में एक खाद्य कंपनी ने भी महिला कर्मचारियों को कुछ राहत देने के लिए 10 दिनों की पीरियड लीव देने की घोषणा की थी. अब इस पहल को सूरत स्थित डिजिटल मार्केटिंग कंपनी ने भी शुरू कर दिया है. बीते रविवार आईविपनन के संस्थापक भौतिक शेठ ने एक अच्छी पहल करते हुए अपनी कंपनी के महिला कर्मचारियों को हर वर्ष 12 दिनों की 'पीरियड लीव' देने की घोषणा की है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत
आईविपनन का लेडीज़ स्टाफ पांच दिनों की अवधि के दौरान कभी भी इन लीव का लाभ उठा सकता है और यह एक पेड लीव होगी. ईटीवी भारत से बात करते हुए भौतिक शेठ कहते हैं कि, 'मैंने एक खाद्य कंपनी के बारे में सुना है, जिसने अवकाश अवधि की घोषणा की है, इसलिए हमने भी सभी महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव देने का फैसला किया है. वे छुट्टी ले सकती हैं या फिर वे घर से भी काम कर सकती हैं और राहत भरे दिन महसूस कर सकती हैं.'
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पीरियड लीव की घोषणा
आईविपनन के संस्थापक ने बातचीत के दौरान आगे बताया कि, 'काम करने का माहौल मानवीय अनुकूल होना चाहिए. अपने कार्यस्थल और सभी कर्मचारी परिवार को एक अधिक स्वस्थ और खुशहाल वातावरण देने की प्रक्रिया में हम अपनी सभी महिला कर्मचारियों के लिए मासिक छुट्टी (पीरियड लीव) की घोषणा कर रहे हैं.'
पीरियड के दौरान ले सकती हैं छुट्टी
उन्होंने आगे बताया कि, 'हम जानते हैं कि इस अवधि के दौरान महिलाओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इस बीच मूड में बदलाव होते हैं और शारीरिक असुविधाएं होती हैं, जो तनाव को बढ़ा देती हैं. भारतीय समाज में मासिक धर्म (पीरियड) को लेकर अभी भी खुलापन नहीं है इसके बारे में बात करने से महिलायें झिझक महसूस करती हैं. हम महिला टीम के सदस्यों द्वारा पीरियड्स के दौरान होने वाली असुविधा को समझते हैं. कार्यालय का तनाव और वातावरण उनके दर्द और असुविधा के स्तर को बढ़ा सकता है. ऐसे समय में अगर महिला कर्मचारी चाहें तो मासिक धर्म के दौरान प्रतिमाह एक छुट्टी ले सकती हैं.'
'असहनीय दर्द से गुजरती हैं महिलाएं'
आईविपनन में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी रेशमा ने ईटीवी से बातचीत के दौरान बताया कि, 'सभी महिला कर्मचारी कंपनी के इस खास निर्णय से काफी खुश हैं. महिलाओं का शरीर काफी अनोखा होता है, उनके पास विभिन्न स्तर की समस्याएं होती हैं. कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान में पूरे दिन एक असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है, तो कुछ को पहले दिन दर्द का अनुभव ज्यादा होता है. जबकि दूसरे दिन ये दर्द कुछ के लिए आरामदायक हो सकता है. इन सभी दिक्कतों के बीच पूरे दिन एक महिला का ऑफिस में लंबी अवधि तक एक ही स्थान पर बैठकर काम करना काफी मुश्किल भरा रहता है. इस फैसले से महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है.'
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फैसले से खुश लेडीज़ स्टाफ
इस फैसले पर कंपनी की ही एक अन्य महिला कर्मचारी ईशा का कहना है कि, 'हम इस निर्णय के चलते राहत महसूस कर रहे हैं. अब मैं अपने पीरियड के दिनों में शांतिपूर्ण और राहत महसूस कर सकती हूं. कंपनी के निर्णय से हमें अपने कर्तव्यों को और अधिक आराम से निर्वहन करने में मदद मिलेगी. इससे कंपनी को भी मदद मिलेगी और हमें क्लाइंट मीटिंग के दौरान ब्रेक मिलेगा.'
सरकार भी उठाये ये कदम
वहीं इस फैसले के चलते कंपनी के प्रबंधन का मानना है कि, 'अन्य छोटी या बड़ी कंपनियों को भी इस बारे में सोचना चाहिए और यहां तक कि सरकार को भी इसके लिए छुट्टी की नीति अपनानी चाहिए.