लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद टाइटल सूट में संभावित फैसले से पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के अलग-अलग कॉलेजों में आठ अस्थायी जेल स्थापित करने को लेकर कदम उठाए हैं.
जिला विद्यालय निरीक्षक अंबेडकर नगर ने पत्र के माध्यम से अकबरपुर के तीन कॉलेजों और टांडा, जलालपुर, जैतपुर, भिती व अलापुर के एक-एक कॉलेजों में पुलिस थाना प्रमुखों को भवन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
बुधवार को लिखे गए पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि अंबेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में ऐसा किया जा रहा है, जिसमें शॉर्टलिस्ट किए गए संस्थानों के नाम, जिनमें अस्थायी जेलों की स्थापना की जाएगी.
इससे पहले 5 नवंबर को भाजपा नेताओं के साथ आरएसएस के शीर्ष कार्यकर्ता और मुस्लिम मौलवियों ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक की थी. जिसमें उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शांति और सद्भाव बनाए रखने की बात कही गई है.
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मंदिरों के कस्बे में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या जिले में भी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बलों की व्यापक तैनाती और लोगों को विश्वास में लिया जा रहा है.
अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमी विवाद पर आने वाले सुप्रिम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए अक्टूबर में ही अयोध्या में धारा 144 लगा दी थी. जो की 10 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 नवंबर से पहले अयोध्या टाइटल सूट मामले में फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है.