अहमदाबाद : भारतीय नौसेना में डॉर्नियर विमान के छठे स्क्वाड्रन को कमिशन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन गुजरात के पोरबंदर में किया गया है. इस कार्यक्रम में नौसेना के उच्च अधिकारी मौजूद रहे.
पोरबंदर में स्थित छठा डॉर्नियर एयरक्राफ्ट स्क्वाड्रन, अपग्रेड किए गए डॉर्नियर 228 को ऑपरेट करेगा. डॉर्नियर 228 भारत में बन कर तैयार हुआ है. इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है. इसका निर्माण मेक इन इंडिया के तहत किया गया है. डॉर्नियर विमान को कमिशन किए जाने के कार्यक्रम में वाइस एडमिरल एमएस पवार, डिप्टी चीफ ऑफ नेवल स्टाफ भी मौजूद रहे.
क्या है डॉर्नियर
डॉर्नियर विमान भारतीय नौसेना में करीब छह दशकों से सेवा दे रहा है. निगरानी के मोर्चे पर ये विमान काफी अहम है. भारतीय नौसेना स्वदेश निर्माण को प्राथमिकता देती है. डॉर्नियर इसका भी प्रतीक है. ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम में भी डॉर्नियर की उल्लेखनीय भूमिका रही है.
क्या है डॉर्नियर की खासियत
- ग्लास कॉकपिट
- निगरानी के लिए अत्याधुनिक रडार
- ELINT सेंसर
- ऑप्टिकल सेंसर
- नेटवर्किंग की विशेषताएं
कहां हो सकता है उपयोग
- इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर मिशन
- समुद्री तटों की निगरानी
- खोज और बचाव कार्य
- हथियारों के प्लेटफॉर्म के बारे में सटीक जानकारी देना
समुद्री सीमा के लिए अहम
INAS 314 पर चार सीएस डॉर्नियर को कमिशन किया जाएगा. इन विमानों में अत्याधुनिक सेंसर लगाए गए हैं. ये नौसेना का छठा डॉर्नियर स्क्वाड्रन होगा. उत्तरी अरब सागर में समुद्री सीमा की निगरानी के मद्देनजर डॉर्नियर विमान से लैस INAS 314 की भूमिका काफी अहम साबित होगी.
INAS 314 कैप्टन संदीप राय के कमांड में है. वे एक जनवरी, 1999 को नौसेना में शामिल हुए थे.
रक्षा खरीद को भी मिली है मंजूरी
इससे पहले गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने 22,800 करोड़ रुपये की खरीद को मंजूरी दी. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद् (डीएसी) की एक बैठक में ये फैसला लिया गया. इस राशि से सैन्य प्लेटफॉर्म और हथियारों की खरीदारी की जाएगी.
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए मध्य रेंज के पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान पी8आई की खरीद को भी मंजूरी दी है.