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ऑपरेशन डेयर डेविल के तहत ITBP जवानों ने बरामद किये 7 पर्वतारोहियों के शव

500 घंटे के लंबे संघर्ष के बाद ITBP के जवानों ने 20 हजार फीट की ऊंचाई पर पिथौरागढ़ में नंदा देवी में हुए भूस्खलन में मारे गए आठ में से सात पर्वतारोहियों के शव बरामद कर उनके परिवार वालों को सौंप दिए. हालांकि, एक पर्वतरोही का शव अभी बरामद करना बाकी है.

ITBP प्रवक्ता विवेक पांडे
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Published : Jul 9, 2019, 10:24 PM IST

Updated : Jul 9, 2019, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: इंडो तिब्बतियन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के 15 जांबाज जवानों ने सात पर्वतारोहियों के शव बरामद कर, उनके परिवारों को सौंप दिये. जवानों ने हिमालय के 20 हजार फीट की ऊंचाई पर सभी विषम जलवायु से लड़ते हुए इस काम को अंजाम दिया है.

बता दें, ITBP के जवानों को ये जीत करीब 500 घंटे के लंबे संघर्ष के बाद हासिल हुई है.

ईटीवी भारत से बात करते ITBP प्रवक्ता विवेक पांडे

अहम बात ये है कि ITBP के जवानों के लिए ये कार्य काफी कठिन था, बावजूद इसके उन्होंने इस काम को अंजाम दिया. दरअसल, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नंदा देवी पूर्व में करीब आठ पर्वतारोहियों के शव बर्फ में फंसे हुए थे. ITBP जवानों ने इनमें से सात के शव बरामद कर उनके परिवार वालों को सौंप दिये हैं.

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

इस बारे में ईटीवी भारत ने ITBP प्रवक्ता विवेक पांडे से खास बातचीत की. इस दौरान विवेक ने बताया कि हमने एक खास मिशन 'डेयरडेविल्स' के तहत ये कार्य किया है. उन्होंने बताया कि ये मिशन लगभग 500 घंटे में पूरा किया जा सका.

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

विवेक पांडे ने कहा कि ITBP के जवानों ने पिथौरागढ़ के नंदादेवी पूर्व के पास पर्वतारोहियों के सात शवों की तलाश की. उन्होंने बताया कि 'डेयरडेविल्स' मिशन की टीम का नेतृत्व सहायक अध्यक्ष रतन सिंह सोनल ने किया. पांडे ने बताया, 'इतनी ऊंचाई और विशिष्ट इलाके पर किया गया यह मिशन दुनिया के कठिन मिशनों में से एक था.'

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

गौरतलब है, तीन विदेशियों सहित एक भारतीय व्यक्ति ने पर्वतारोहण के दौरान अपनी जान गवाई थी. इस बारे में आगे बात करते हुए विवेक ने बताया कि नंदा देवी पूर्व की चढ़ाई के दौरान 12 पर्वतारोही यहां फंस गए थे. वह 13 मई से यहां फंसे हुए थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद 30 मई को पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को घटना के संबंध में एक इमरजेंसी कॉल आई.

पढ़ें- ऑपरेशन डेयरडेविल : ITBP ने अभियान की सफलता पर जवानों को सम्मानित किया

पांडे ने कहा, 'बचाव प्रयासों में चार ब्रिटिश पर्वतारोहियों को दो जून को नंदा देवी बेस कैंप से एयरलिफ्ट किया गया, जो 12 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे.' जानकारी के मुताबिक, नंदा देवी पर्वत पर 26 मई को अचानक हिमस्खलन हुआ था. इस हिमस्खलन में सात विदेशी और एक भारतीय पर्वतारोही की मौत हो गई थी. जिसके बाद शवों की तलाश के लिए आईटीबीपी ने ऑपरेशन डेयर डेविल शुरू किया और सात पर्वतारोहियों के शवों को खोज निकाला.

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

बता दें, इस ऑपरेशन के लिए 34 बेस्ट जवानों को चुना गया. जिसमें से 18 सदस्यीय टीम ऑपरेशन को लीड कर रही थी, जबकि बाकी के जवान बेस कैंप में बैकअप के लिए थे. हादसे में मारे गए पर्वतरोहियों के शव बर्फ के काफी अंदर दबे थे. ऐसे में उन्हें निकालने के लिए आईटीबीपी जवानों ने खास तकनीक का प्रयोग किया. इस दौरान नंदा देवी की चोटियों पर लगातार बर्फबारी हो रही थी.

500 घंटे तक चले दुनिया के सबसे खतरनाक रेक्स्यू ऑपरेशन को हिमवीरों ने तीन जुलाई को पूरा कर लिया और सात पर्वतारोहियों के शवों को पिथौरागढ़ हेलीकॉप्टर की मदद से उनके परिवारों तक पहुंचा दिया गया.

पांडे ने कहा, 'ITBP पर्वतारोही तकनीकी चढ़ाई के माध्यम से साइट पर पहुंचे क्योंकि इलाके की स्थिति बहुत ही कठिन थी. वहां तेज बहाव, बर्फ जमाव और हवा की स्थिति थी.' लेकिन फिर भी आईटीबीपी की टीम ने 23 जून को सात शवों को बरामद कर लिया.

पांडे ने कहा, 'टीम ने आठवें शव की खोज करने की कोशिश की, लेकिन इलाके की ऊंचाई और मौसम के कारण आई बाधाओं के से उसे खोजने में कामयाबी नहीं मिली. पांडे ने बताया कि आईटीबीपी पांच उच्च ऊंचाई वाले बचाव दल बनाने की योजना बना रहा है, जिसमें पांच राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पर्वतारोही शामिल हैं.

बता दें कि आईटीबीपी को मुख्य रूप से 1962 में अपनी स्थापना के बाद से भारत चीन सीमा पर तैनात किया गया है. बल ने अपने पर्वतारोहण कौशल का उपयोग कर 2013 में 33 हजार से अधिक लोगों को उत्तराखंड जल प्रलय के खतरे से बचाया था.

नई दिल्ली: इंडो तिब्बतियन बॉर्डर पुलिस (ITBP) के 15 जांबाज जवानों ने सात पर्वतारोहियों के शव बरामद कर, उनके परिवारों को सौंप दिये. जवानों ने हिमालय के 20 हजार फीट की ऊंचाई पर सभी विषम जलवायु से लड़ते हुए इस काम को अंजाम दिया है.

बता दें, ITBP के जवानों को ये जीत करीब 500 घंटे के लंबे संघर्ष के बाद हासिल हुई है.

ईटीवी भारत से बात करते ITBP प्रवक्ता विवेक पांडे

अहम बात ये है कि ITBP के जवानों के लिए ये कार्य काफी कठिन था, बावजूद इसके उन्होंने इस काम को अंजाम दिया. दरअसल, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नंदा देवी पूर्व में करीब आठ पर्वतारोहियों के शव बर्फ में फंसे हुए थे. ITBP जवानों ने इनमें से सात के शव बरामद कर उनके परिवार वालों को सौंप दिये हैं.

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

इस बारे में ईटीवी भारत ने ITBP प्रवक्ता विवेक पांडे से खास बातचीत की. इस दौरान विवेक ने बताया कि हमने एक खास मिशन 'डेयरडेविल्स' के तहत ये कार्य किया है. उन्होंने बताया कि ये मिशन लगभग 500 घंटे में पूरा किया जा सका.

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

विवेक पांडे ने कहा कि ITBP के जवानों ने पिथौरागढ़ के नंदादेवी पूर्व के पास पर्वतारोहियों के सात शवों की तलाश की. उन्होंने बताया कि 'डेयरडेविल्स' मिशन की टीम का नेतृत्व सहायक अध्यक्ष रतन सिंह सोनल ने किया. पांडे ने बताया, 'इतनी ऊंचाई और विशिष्ट इलाके पर किया गया यह मिशन दुनिया के कठिन मिशनों में से एक था.'

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

गौरतलब है, तीन विदेशियों सहित एक भारतीय व्यक्ति ने पर्वतारोहण के दौरान अपनी जान गवाई थी. इस बारे में आगे बात करते हुए विवेक ने बताया कि नंदा देवी पूर्व की चढ़ाई के दौरान 12 पर्वतारोही यहां फंस गए थे. वह 13 मई से यहां फंसे हुए थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद 30 मई को पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को घटना के संबंध में एक इमरजेंसी कॉल आई.

पढ़ें- ऑपरेशन डेयरडेविल : ITBP ने अभियान की सफलता पर जवानों को सम्मानित किया

पांडे ने कहा, 'बचाव प्रयासों में चार ब्रिटिश पर्वतारोहियों को दो जून को नंदा देवी बेस कैंप से एयरलिफ्ट किया गया, जो 12 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे.' जानकारी के मुताबिक, नंदा देवी पर्वत पर 26 मई को अचानक हिमस्खलन हुआ था. इस हिमस्खलन में सात विदेशी और एक भारतीय पर्वतारोही की मौत हो गई थी. जिसके बाद शवों की तलाश के लिए आईटीबीपी ने ऑपरेशन डेयर डेविल शुरू किया और सात पर्वतारोहियों के शवों को खोज निकाला.

ऑपरेशन डेयरडेविल के दौरान ITBP जवान

बता दें, इस ऑपरेशन के लिए 34 बेस्ट जवानों को चुना गया. जिसमें से 18 सदस्यीय टीम ऑपरेशन को लीड कर रही थी, जबकि बाकी के जवान बेस कैंप में बैकअप के लिए थे. हादसे में मारे गए पर्वतरोहियों के शव बर्फ के काफी अंदर दबे थे. ऐसे में उन्हें निकालने के लिए आईटीबीपी जवानों ने खास तकनीक का प्रयोग किया. इस दौरान नंदा देवी की चोटियों पर लगातार बर्फबारी हो रही थी.

500 घंटे तक चले दुनिया के सबसे खतरनाक रेक्स्यू ऑपरेशन को हिमवीरों ने तीन जुलाई को पूरा कर लिया और सात पर्वतारोहियों के शवों को पिथौरागढ़ हेलीकॉप्टर की मदद से उनके परिवारों तक पहुंचा दिया गया.

पांडे ने कहा, 'ITBP पर्वतारोही तकनीकी चढ़ाई के माध्यम से साइट पर पहुंचे क्योंकि इलाके की स्थिति बहुत ही कठिन थी. वहां तेज बहाव, बर्फ जमाव और हवा की स्थिति थी.' लेकिन फिर भी आईटीबीपी की टीम ने 23 जून को सात शवों को बरामद कर लिया.

पांडे ने कहा, 'टीम ने आठवें शव की खोज करने की कोशिश की, लेकिन इलाके की ऊंचाई और मौसम के कारण आई बाधाओं के से उसे खोजने में कामयाबी नहीं मिली. पांडे ने बताया कि आईटीबीपी पांच उच्च ऊंचाई वाले बचाव दल बनाने की योजना बना रहा है, जिसमें पांच राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के पर्वतारोही शामिल हैं.

बता दें कि आईटीबीपी को मुख्य रूप से 1962 में अपनी स्थापना के बाद से भारत चीन सीमा पर तैनात किया गया है. बल ने अपने पर्वतारोहण कौशल का उपयोग कर 2013 में 33 हजार से अधिक लोगों को उत्तराखंड जल प्रलय के खतरे से बचाया था.

Intro:New Delhi: Fighting against all odd climate at the 20000 feet high altitude at the Himalaya's, the 15 "Daredevils" of the Indo Tibetean Border Police (ITBP) retrieved bodies of seven mountaineers after 500 hours long struggle and hand them over to their families.


Body:It was a hurculian task for the ITBP jawans to get the bodies of eight mountaineer who were snowed down at the 20000 feet high altitude at the Nanda Devi East in Pithorgarh in Uttarakhand.
But the 15 Daredevils had only one intention in their mind that is to retrieve the bodies.

"In a rare search and retrieval mission code named Daredevils l, the ITBP mountaineers had searched and retrieved seven dead bodies near Nanda Devi East in Pithoragarh after a 500 hrs operation in high altitude," said ITBP spokesperson Vivek Pandey in an exclusive interview to ETV Bharat.

The team of Daredevils was led by Ratan Singh Sonal, second in command.

"This was one of the difficult retrieval operations in the world at such an altitude and typical terrain," said Pandey.

Nationals of three foreign countries and one from India lost their lives during the expedition.

Pandey said that 12 mountaineers on their attempt to climb mountain Nanda Devi East were on the expedition in Pithorgarah district since May 13. But on May 30, the Pithorgarah district administration got a SOS call.

"In the rescue efforts four British mountaineers were airlifted from Nanda Devi base camp on June 2, who were part of the 12 member team," said Pandey.

The ITBP had launched search operation from June 14 from Pithorgarah for the mission mountaineers including 4 from Britain, 2 from USA and 1 each from Australia and India.

"After acclimatization, the ITBP mountaineers reached to the site through technical climbing as the terrain conditions were very difficult due to steep gradient, snow accumulations and wind conditions," said Pandey. Ultimately, the ITBP team retrieved seven dead bodies on June 23.

"The team tried to search 8th body but die to terrain, altitude and weather limitations, it was not found," said Pandey.



Conclusion:Pandey informed that ITBP is planning to raise 5 high altitude rescue teams comprising of mountaineers of the force in five states namely Jammu & Kashmir, Himachal Pradesh, Uttarakhand, Sikkim and Arunachal Pradesh.

The ITBP has been primarily deployed on the India China border since its inception in 1962. The force had saved more than 33,000 people from extreme danger in Uttarakhand deluge in 2013 using their mountaineering skills.

end.

8 mountaineers who lost their lives:

1. Martin Moran: UK
2. John Mclaren: UK
3. Rupert Whewell: UK
4. Richard Payne: UK
5. Anthony Sudekum: USA
6. Ronald Beumel: USA
7. Ruth McCane: Australia
8. Chetan Pandey: India
Last Updated : Jul 9, 2019, 10:48 PM IST
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