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उत्तर प्रदेश : फर्जी एनसीईआरटी किताबों के साथ चार गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ अब NCERT की फर्जी किताब छापने वाले गिरोह को खंगालने में लग गई है. रविवार को एसटीफ ने मेरठ में छापेमारी की. इस दौरान 8 लाख 90 हजार से ज्यादा फर्जी किताबें बरामद हुई हैं. वहीं मौके से 4 आरोपी भी पकड़े गए हैं.

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Published : Aug 24, 2020, 7:00 AM IST

लखनऊ : एनसीईआरटी (NCERT) की फर्जी किताबें छापने और बेचने वाले गिरोह को लेकर यूपी एसटीएफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. प्रदेश भर में जाल बिछाने के बाद यूपी एसटीएफ की मेरठ इकाई ने जनपद में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान 8 लाख 90 हजार से ज्यादा फर्जी किताबें बरामद की.

एसटीएफ ने करोड़ों रुपयों की फर्जी किताबों के साथ बिलिंग करने में इस्तेमाल होने वाले दो कंप्यूटर भी बरामद किए गए हैं. गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं मेरठ और गजरौला में गोदामों को सील किया जा चुका है.

चाचा-भतीजा फरार
मेरठ में छापेमारी संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के फार्म हाउस पर की गई. फर्म हाऊस पर कारखाना और गोदाम का संचालन राहुल गुप्ता करवाता था. राहुल गुप्ता ने गोदाम को किराए पर ले रखा था. छापेमारी के दौरान गोदाम के सुपरवाइजर सुनील कुमार, शिवम, राहुल और आकाश को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चाचा-भतीजा संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता फरार हैं.

बिलिंग के बाद देशभर में होती थी सप्लाई
पूछताछ में गिरोह के लोगों ने बताया कि मेरठ में किताबें छापी जाती थीं और यहीं से फर्जी बिल भी तैयार किए जाते थे, जबकि कुछ किताबें गजरौला स्थित प्रिंटिंग प्रेस से छपकर मेरठ स्थित गोदाम पर लाई जाती थी.

यहीं पर उन किताबों की भी बिलिंग की जाती थी. यहीं से किताबें देश के अन्य राज्यों और जनपदों में भेजी जाती थी. इसकी जिम्मेदारी गिरोह के विकास त्यागी और नफीस की थी.

लखनऊ : एनसीईआरटी (NCERT) की फर्जी किताबें छापने और बेचने वाले गिरोह को लेकर यूपी एसटीएफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. प्रदेश भर में जाल बिछाने के बाद यूपी एसटीएफ की मेरठ इकाई ने जनपद में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान 8 लाख 90 हजार से ज्यादा फर्जी किताबें बरामद की.

एसटीएफ ने करोड़ों रुपयों की फर्जी किताबों के साथ बिलिंग करने में इस्तेमाल होने वाले दो कंप्यूटर भी बरामद किए गए हैं. गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं मेरठ और गजरौला में गोदामों को सील किया जा चुका है.

चाचा-भतीजा फरार
मेरठ में छापेमारी संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के फार्म हाउस पर की गई. फर्म हाऊस पर कारखाना और गोदाम का संचालन राहुल गुप्ता करवाता था. राहुल गुप्ता ने गोदाम को किराए पर ले रखा था. छापेमारी के दौरान गोदाम के सुपरवाइजर सुनील कुमार, शिवम, राहुल और आकाश को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चाचा-भतीजा संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता फरार हैं.

बिलिंग के बाद देशभर में होती थी सप्लाई
पूछताछ में गिरोह के लोगों ने बताया कि मेरठ में किताबें छापी जाती थीं और यहीं से फर्जी बिल भी तैयार किए जाते थे, जबकि कुछ किताबें गजरौला स्थित प्रिंटिंग प्रेस से छपकर मेरठ स्थित गोदाम पर लाई जाती थी.

यहीं पर उन किताबों की भी बिलिंग की जाती थी. यहीं से किताबें देश के अन्य राज्यों और जनपदों में भेजी जाती थी. इसकी जिम्मेदारी गिरोह के विकास त्यागी और नफीस की थी.

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