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US सहित 16 देशों के राजनयिक हालात का जायजा लेने जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे

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Published : Jan 9, 2020, 8:23 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 2:44 PM IST

अमेरिका सहित 16 देशों के राजदूत जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले कानून को हटाए जाने के बाद यह पहला आधिकारिक दौरा है. दौरे पर जाने वालों में बांग्लादेश, वियतनाम, नार्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरोक्को, नाइजीरिया आदि देशों के राजनयिक शामिल हैं. पढ़ें पूरी खबर...

16 envoys to visit jk
राजनयिक जम्मू-कश्मीर के दौरे पर

नई दिल्ली : भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर सहित 16 देशों के राजनयिक आज से जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच गए हैं. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा पिछले वर्ष समाप्त किए जाने के बाद राजनयिकों का यह पहला आधिकारिक दौरा है. फिलहाल सभी राजनयिक श्रीनगर में हैं, जहां भारतीय सेना उन्हें सुरक्षा के हालातों के बारे में जानकारी दे रही है.

दिल्ली से ये राजनयिक हवाई मार्ग से श्रीनगर जाएंगे और वहां से वे जम्मू जाएंगे. वे वहां पर उप राज्यपाल जी सी मर्मू के साथ ही नागरिक समाज के लोगों से भी मुलाकात करेंगे.

श्रीनगर पहुंचा राजनयिकों का दल

इनमें बांग्लादेश, वियतनाम, नार्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरोक्को, नाइजीरिया आदि देशों के भी राजनयिक शामिल होंगे.

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि ब्राजील के राजनयिक आंद्रे ए कोरिये डो लागो के भी जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का कार्यक्रम था. यद्यपि उन्होंने यहां अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चलते दौरे पर नहीं जाने का फैसला किया.

ऐसा माना जाता है कि यूरोपीय संघ के देशों के प्रतिनिधियों ने किसी अन्य तिथि पर केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने की बात कही है. यह भी माना जाता है कि इन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मुलाकात करने की इच्छा जताई है.

16 देशों के राजनयिकों का काफिला

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को दौरा करने वाले राजनयिक नागरिक समाज के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और उन्हें विभिन्न एजेंसियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी.

उसी दिन राजनयिकों को जम्मू ले जाया जाएगा जहां वे उप राज्यपाल जी सी मुर्मू और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.

सूत्रों ने बताया कि कई देशों के राजनयिकों ने भारत सरकार से अनुरोध किया था कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए कश्मीर का दौरा करने की अनुमति दी जाए.

इस कदम से भारत को कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी.

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : लश्कर और जैश के तीन आतंकी गिरफ्तार

भारत ने पी-पांच देशों और विश्व के सभी देशों की राजधानियों से संपर्क कर अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने के निर्णय पर अपना मत रखा था.

इससे पहले दिल्ली के एक थिंक टैंक द्वारा यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के शिष्टमंडल को जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरे पर ले जाया गया था.

हालांकि सरकार ने उसे निजी दौरा बताया था.

नई दिल्ली : भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर सहित 16 देशों के राजनयिक आज से जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच गए हैं. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा पिछले वर्ष समाप्त किए जाने के बाद राजनयिकों का यह पहला आधिकारिक दौरा है. फिलहाल सभी राजनयिक श्रीनगर में हैं, जहां भारतीय सेना उन्हें सुरक्षा के हालातों के बारे में जानकारी दे रही है.

दिल्ली से ये राजनयिक हवाई मार्ग से श्रीनगर जाएंगे और वहां से वे जम्मू जाएंगे. वे वहां पर उप राज्यपाल जी सी मर्मू के साथ ही नागरिक समाज के लोगों से भी मुलाकात करेंगे.

श्रीनगर पहुंचा राजनयिकों का दल

इनमें बांग्लादेश, वियतनाम, नार्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरोक्को, नाइजीरिया आदि देशों के भी राजनयिक शामिल होंगे.

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि ब्राजील के राजनयिक आंद्रे ए कोरिये डो लागो के भी जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का कार्यक्रम था. यद्यपि उन्होंने यहां अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के चलते दौरे पर नहीं जाने का फैसला किया.

ऐसा माना जाता है कि यूरोपीय संघ के देशों के प्रतिनिधियों ने किसी अन्य तिथि पर केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने की बात कही है. यह भी माना जाता है कि इन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से मुलाकात करने की इच्छा जताई है.

16 देशों के राजनयिकों का काफिला

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को दौरा करने वाले राजनयिक नागरिक समाज के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और उन्हें विभिन्न एजेंसियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी.

उसी दिन राजनयिकों को जम्मू ले जाया जाएगा जहां वे उप राज्यपाल जी सी मुर्मू और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.

सूत्रों ने बताया कि कई देशों के राजनयिकों ने भारत सरकार से अनुरोध किया था कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटने के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए कश्मीर का दौरा करने की अनुमति दी जाए.

इस कदम से भारत को कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी.

पढ़ें-जम्मू-कश्मीर : लश्कर और जैश के तीन आतंकी गिरफ्तार

भारत ने पी-पांच देशों और विश्व के सभी देशों की राजधानियों से संपर्क कर अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त करने के निर्णय पर अपना मत रखा था.

इससे पहले दिल्ली के एक थिंक टैंक द्वारा यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के शिष्टमंडल को जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरे पर ले जाया गया था.

हालांकि सरकार ने उसे निजी दौरा बताया था.

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JK-ENVOYS-VISIT
16 envoys from Latin American, African countries to visit J-K on Thursday
         New Delhi, Jan 8 (PTI) Sixteen envoys will be travelling to Jammu and Kashmir on Thursday where they will meet civil society members and will be briefed on the security situation in the Union territory, officials said on Wednesday.
         The group will primarily comprise envoys from Latin American and African countries, they said.
         The European Union countries are understood to have conveyed that they would visit the Union Territory on a different date and are also believed to have stressed on meeting three former chief ministers -- Farooq Abdullah, Omar Abdullah and Mehbooba Mufti -- who are in detention.
         The envoys travelling on Thursday will meet civil society members and receive a briefing on the security situation from various agencies, the officials said.
         On the same day, the envoys will be taken to Jammu, where they will meet Lt Governor G C Murmu and other officials before returning to the national capital the next day, they added.
         Sources said envoys of a number of countries had requested the government for a visit to Kashmir to get a first-hand account of the situation prevailing in the Valley following the abrogation of provisions of Article 370 there.
         The move will be part of India's diplomatic outreach to rebut Pakistan's propaganda against it on the Kashmir issue.
         India had reached out to the P5 countries and all the world capitals, putting forward its perspective on its decision to abrogate Article 370 and bifurcation of the state into two Union territories.
         After India announced its decision to reorganise J&K on August 5 last year, Pakistan reacted angrily and mounted a major diplomatic offensive against New Delhi on the issue. Pakistan has also downgraded diplomatic ties by expelling the Indian envoy.
         This will be the second visit of a foreign delegation to Kashmir since August 5, 2019, the day when the Centre withdrew special status of the state and also bifurcated it into union territories -- Ladakh and Jammu and Kashmir.
         Earlier, a delegation of 23 EU MPs was taken on a two-day visit to assess the situation in the Union territory by the International Institute for Nonaligned Studies, a Delhi-based think tank.
         However, the government had distanced itself from the visit of the delegation and Minister of State for Home G Kishan Reddy informed Parliament that the European parliamentarians were on a "private visit". PTI SKL
ABS
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Last Updated : Jan 9, 2020, 2:44 PM IST
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