लहौर/नई दिल्ली: भारतीय राजनयिक स्टाफ के कम से कम 13 सदस्यों ने पाकिस्तान छोड़ दिया और वाघा में स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत लौट आए. जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद बढ़े तनाव के चलते यह फैसला लिया गया है.
हालांकि, भारतीय राजनयिक स्टाफ के कम से कम 13 सदस्यों के पाकिस्तान छोड़ने की खबर से भारतीय विदेश मंत्रालय ने इंकार किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुछ स्टाफ ईद मनाने के लिए परिवार सहित भारत आ रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के पाकिस्तान छोड़ने की बात में सच्चाई नहीं है.
जम्मू एवं कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को खत्म करने व सभी द्विपक्षीय व्यवस्था की समीक्षा करने की बात कही है. स्टाफ के सभी लोग अपने परिवार के साथ वापस लौट आए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नागरिक-सैन्य नेतृत्व ने कश्मीर को लेकर स्थिति पर चर्चा की, जिसके बाद पाकिस्तानी सरकार ने कई फैसले किए हैं, उसी उपायों की एक श्रृंखला का यह निर्णय एक हिस्सा था.
प्रधानमंत्री इमरान खान की सूचना एवं प्रसारण मामलों की विशेष सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के रूख को स्पष्ट किया और कहा कि पाकिस्तान अपने पुराने स्टैंड पर कायम है और वह अपने देश के हितों की रक्षा करेंगे.
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इससे पहले, प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अपने कैबिनेट के सदस्यों को कहा कि वह सोशल मीडिया का सहारा लेकर कश्मीर मामले पर भारतीय बलों द्वारा किए जा रहे कार्यो का पर्दाफाश करें.