कोलकाता : पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ रॉय का शव बरामद होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी विधायक देबेंद्र नाथ की हत्या के विरोध में आज पूरे उत्तर बंगाल में सुबह छह बजे से 12 घंटे के बंद का आह्वान किया.
भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हत्याओं के मद्देनजर वहां की तृणमूल कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की मांग की. पार्टी नेताओं ने साथ ही राज्य के उत्तरी दिनाजपुर जिले के हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की.
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भाजपा ने आज माननीय राष्ट्रपतिजी को ज्ञापन देकर WB अराजक स्थिति की जानकारी दी! उन्हें बताया गया कि अभी तक इस राज्य में भाजपा सांसदों को क्षेत्र में जाने से रोका जा रहा था, अब वहाँ विधायकों की हत्या होने लगी है! ऐसी सरकार को बने रहने का अधिकार नहीं है, इसे तत्काल बर्खास्त किया जाए! pic.twitter.com/Htv1TxrFK9
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भाजपा महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि रे की हत्या’’प्रदेश में हो रही राजनीतिक हत्याओं की लंबी श्रृंखला की एक कड़ी है.
विजयवर्गीय के अलावा इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता, लोकसभा सदस्य राजू बिष्ट और भाजपा के संगठन मंत्री अरविंद मेनन शामिल थे.
बाद में यह प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिला और रे के मौत के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की.
रे का शव सोमवार को उत्तर दिनाजपुर जिले के बिंदाल गांव में अपने घर के पास एक बंद दुकान के बाहर बरामदे की छत से लटका मिला था. उनके परिवार और प्रदेश भाजपा इकाई ने उनकी मौत को राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस द्वारा की गई नृशंस हत्या करार दिया है.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में विजयवर्गीय ने कहा, हमें वहां की किसी भी एजेंसी पर कोई विश्वास नहीं है. हमने राष्ट्रपति से मांग की है कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, साथ ही ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, जहां पर जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं रह सकते. इसलिए इस सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए. इस संबंध में राज्यपाल से रिपोर्ट मंगवानी चाहिए.
विजयवर्गीय ने बाद में एक वीडियो जारी कर कहा पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र सूली पर लटका हुआ है. अभी तक वहां कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही थी, सांसदों को अपने क्षेत्रों में जाने नहीं दिया जा रहा था और अब जनप्रतिनिधियों की हत्या हो रही है. और उसे आत्महत्या दिखाया जा रहा है. मैं समझता हूं कि देश के अंदर पश्चिम बंगाल एक ऐसा अराजक राज्य हो गया है जहां की सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा, इस सरकार को एक मिनट के लिए भी बने रहने का हक नहीं है. इसलिए विधानसभा भंग करनी चाहिए.
राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में पार्टी ने दावा किया है कि पिछले तीन वर्षों में 105 भाजपा कार्यकर्ताओं या समर्थकों की सत्ताधारी पार्टी द्वारा निर्मम हत्या की गई है.
ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से आग्रह किया गया कि वे पश्चिम बंगाल में हिंसा को खत्म करने और राज्य विधानसभा को भंग करने के लिए न्यायसंगत व उपयुक्त कदम उठाएं ताकि राज्य में न्याय व कानून व्यवस्था का राज स्थापित किया जा सके.
मंगलवार को जारी रे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि रे की मृत्यु फांसी लगाने के कारण हुई और उनके शरीर पर कोई अन्य चोट का निशान नहीं पाया गया.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि उनकी कमीज की जेब से एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने दो लोगों को उनकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया.
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ‘‘गढ़ी गई’’ बताया और कहा कि पार्टी को इस पर भरोसा नहीं है.
उन्होंने कहा, रे का शव घर से ढाई किलोमीटर दूर, फंदे पर लटका मिला है. इसे देखते हुए यदि इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराई जाती है तो हम सत्य के निकट भी नहीं पहुंच सकते. ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. हमने महामहिम राष्ट्रपति से मामले की सीबीआई जांच कराने के साथ साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा भंग करने का भी आग्रह किया है.
सांसद बिष्ट ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को परेशान करने लिए कर रही हैं, इसलिए सच्चाई सामने लाने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है.
पढ़ें-पश्चिम बंगाल में भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ की मौत, हत्या की आशंका
दासगुप्ता ने कहा कि राज्य में लंबे समय से राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं और रे की कथित हत्या इससे कोई अलग नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार सभी लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक पर रख अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को परेशान कर रही है.
रे ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे. हालांकि, उन्होंने विधायक के पद से इस्तीफा नहीं दिया था.