काठमांडू : भारत में महीने भर तक कई धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद गुपचुप तरीके से नेपाल में अपने घरों को लौटे 11 धार्मिक नेताओं समेत कम से कम 26 नेपालियों को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें पृथक वास में भेज दिया गया. इसी के साथ देश में ऐसे मामले बढ़कर 44 हो गए हैं.
दक्षिण नेपाल के सप्तरी जिले के धार्मिक नेताओं ने भारत में एक महीने तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और फिर वे गुपचुप तरीके से भारत-नेपाल सीमा पार कर विश्रामपुर ग्राम नगरपालिका पहुंचे. पुलिस ने उन्हें गुरुवार को हिरासत में ले लिया और बीरगंज में एक विद्यालय में पृथक केंद्र में भेज दिया.
एक समाचार के अनुसार पुलिस उपाधीक्षक गौतम मिश्रा ने कहा, 'जब हमें पता चला कि कुछ मुस्लिम धार्मिक नेता विश्रामपुर की एक मस्जिद में पहुंचे हैं, तब हम नगरपालिका के अध्यक्ष अमृतलाल पाल, उपाध्यक्ष सुमित्रादेवी शाह, और स्थानीय लोगों के साथ वहां पहुंचे. उनके स्वास्थ्य की जांच कराने के बाद उन्हें पृथक वास में भेज दिया.'
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इसी तरह दक्षिण नेपाल के परसा जिले में भी 15 नेपाली मुसलमानों को पृथक रखा गया है, जो भारत से लॉकडाउन के दौरान पहुंचे थे.
उससे पहले, नई दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के एक एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौटे 18 नेपाली मुसलमानों की पहचाकर उन्हें पृथक केंद्र भेज दिया गया था.