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प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार सृजन पर खर्च ₹10 हजार करोड़

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए मनरेगा के तहत बीते दो माह में 14.62 करोड़ मानव श्रम दिवस रोजगार सृजित किए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक सहायता पैकेज की घोषणा की थी.

money spent under manrega
प्रतीकात्कमक फोटो
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Published : May 14, 2020, 8:16 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पिछले दो महीने में 14.62 करोड़ मानव श्रम दिवस रोजगार सृजित किये गये.

इस पर कुल 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वह यहां आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्तों की घोषणा कर रही थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक सहायता पैकेज की घोषणा की थी. सीतारमण ने कहा कि 13 मई तक 2.33 करोड़ श्रमिकों को रोजगार दिया गया.

पिछले साल मई के मुकाबले इस साल इससे जुड़ने वाले श्रमिकों की संख्या 40 से 50 प्रतिशत अधिक रही. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार सुधारों पर काम कर रही है. इसमें पूरे देश में एक जैसी न्यूनतम मजदूरी लागू करना शामिल है जो क्षेत्रीय असमानता को दूर करेगी. इसके लिए सरकार राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम पारिश्रमिक ढांचा तैयार करेगी.

पढ़ें-वित्तमंत्री की घोषणाओं पर कृषि अर्थशास्त्री देवेंद्र शर्मा से खास बातचीत

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पिछले दो महीने में 14.62 करोड़ मानव श्रम दिवस रोजगार सृजित किये गये.

इस पर कुल 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वह यहां आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्तों की घोषणा कर रही थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के लिए 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक सहायता पैकेज की घोषणा की थी. सीतारमण ने कहा कि 13 मई तक 2.33 करोड़ श्रमिकों को रोजगार दिया गया.

पिछले साल मई के मुकाबले इस साल इससे जुड़ने वाले श्रमिकों की संख्या 40 से 50 प्रतिशत अधिक रही. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार सुधारों पर काम कर रही है. इसमें पूरे देश में एक जैसी न्यूनतम मजदूरी लागू करना शामिल है जो क्षेत्रीय असमानता को दूर करेगी. इसके लिए सरकार राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम पारिश्रमिक ढांचा तैयार करेगी.

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