नई दिल्ली : देश में बड़ते सड़क हादसों के मद्देनजर नया मोटर वाहन कानून अस्तित्व में आया. इस कानून को पारित किए जाने के पांच महीनों के बाद सरकार का कहना है कि संसद द्वारा नए मोटर वाहन कानून को पारित किए जाने के बाद देश में सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में 10 प्रतिशत की कमी आई है.
इस क्रम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि हमारे देश में साल भर में पांच लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की जान जाती है.
गडकरी ने कहा कि सरकार ने सड़क हादसों में हताहत लोगों की संख्या को कम करने के मकसद से मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक तैयार किया, जिसे पिछले साल संसद में पारित किया गया.
उन्होंने कहा कि इस कानून के कड़े प्रावधानों के कारण देश के विभिन्न राज्यों में सड़क हादसों की संख्या में कमी आई है. उन्होंने इस कानून के लागू होने के बाद गुजरात में 14 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 13 प्रतिशत, मणिपुर में चार प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 15 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में सात प्रतिशत और सर्वाधिक तमिलनाडु में 24 प्रतिशत की कमी आई है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान केरल में सड़क हादसों में 4.9 प्रतिशत और असम में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद पांच महीनों में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में दस प्रतिशत की कमी आई है.
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गडकरी ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि सड़क हादसों में लोगों की मौत कम से कम हो इसलिए इस कानून को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक दुपहिया वाहन पर चार-चार लोग बैठते है. शराब पीकर वाहन चलाते हैं. सड़क नियमों का पालन नहीं करते. इसके कारण होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों की बेवजह जान जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में अमीर-गरीब अथवा शिक्षित-अशिक्षित में कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता क्योंकि मानव जीवन अमूल्य है.
गडकरी ने बताया कि चूंकि सड़क परिवहन समवर्ती सूची में है इसलिए नए कानून में अर्थदंड तय करने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ा गया किंतु कानून में इसके लिए सीमा तय की गई है.
उन्होंने बताया कि देश में 1000 ड्राइविंग स्कूल खोले जाने हैं, जिसमें से 22 ऐसे स्कूल खोल दिए गए हैं.
सड़क परिवहन मंत्री ने टोल बूथों से जुड़े एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि इस समय टोल बूथों पर 73 प्रतिशत लेनदेन फास्ट टैग के जरिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसे एक महीने के भीतर बढ़ाकर 98 प्रतिशत तक किया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि यातायात निगरानी तंत्र में अब मशीनों की मदद लिए जाने के कारण अधिक चालान कट रहे हैं और भ्रष्टाचार में कमी आ रही है. उन्होंने कहा कि मुबंई में उनकी निजी कार का चालान काट दिया गया और उनके नाम का चालान भेजा गया. इसी तरह कई मुख्यमंत्रियों के वाहनों का भी चालान काटा गया.