ग्वालियर। आजादी का अमृत महोत्सव देशभर में हर्षोल्लास के मनाया गया, इसी बीच सोशल मीडिया से एक आपत्तिजनक वीडियो सामने आया. दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो स्वतंत्रता दिवस की एक सभा का है, जिसमें भारत माता बनी छात्रा के सिर से मुकुट उतारकर सफेद कपड़ा बांधा जाता है और बाद में उनसे नमाज कराई जाती है. अब मामले में ग्वालियर हिन्दू महासभा ने इसको भारत माता का अपमान बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. ये वायरल वीडियो लखनऊ का बताया जा रहा है, हालांकि ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है. Lucknow School Controversial Video
राजद्रोह में गिरफ्तार हों आरोपी: हिंदू महासभा ने पत्र में लिखा कि, "अखिल भारत हिंदू महासभा का जिला ग्वालियर आपका ध्यान आकर्षित करता है गत दिवस 76वें स्वतंत्रता दिवस Independence Day 2022 के अवसर पर सोशल मीडिया पर भारत माता के मुकुट को उतारते हुए पोस्ट भेजकर कुछ शरारती तत्वों द्वारा देश में सांप्रदायिक दंगा कराने का प्रयास किया गया. हिंदू महासभा को आशंका है कि इन शरारती तत्वों का संबंध किसी आतंकवादियों से हो सकता है. इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर राजद्रोह में गिरफ्तार करना चाहिए, जिससे भारत देश, मध्य प्रदेश, और जिला ग्वालियर के अंदर किसी भी प्रकार के तनाव से मुक्त होकर सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे. आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि राष्ट्रहित में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर हमें अवगत कराने का कष्ट करेंगे." Bharat Mata Controversy
लखनऊ पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'हमें सोशल मीडिया के जरिए एक वीडियो मिला है, जिसमें एक लड़की को दूसरों के सिर से ताज हटाने के बाद नमाज पढ़ने को कहा गया है. जब हमने वीडियो की जांच की, तो हमने पाया कि यह थाना बाजार खाला के मालवीय नगर में शिशु भारतीय विद्यालय में रिकॉर्ड किया गया था. स्कूल मैनेजर से बात करने और पूरा वीडियो देखने के बाद हमने पाया कि यह स्कूल के बच्चों द्वारा आयोजित एक नाटक का है. नाटक का संदेश था धर्म के नाम पर विवाद शुरू न करना और सामाजिक समरसता बनाए रखना. वीडियो ट्वीट करने वाले गलत सूचना फैला रहे हैं और हम उनके खिलाफ गंभीर कानूनी कार्रवाई करने के लिए काम कर रहे हैं.
इंदौर में सांप्रदायिक हिंसा: इंदौर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में मौजूद जांगड़ पोरवाल धर्मशाला में कल आर एस एस एस के पदाधिकारी एवं बीजेपी के नेताओं के बीच विवाद की बात सामने आई. बता दें कि जांगिड़ पोरवाल समाज की धर्मशाला में समाज के द्वारा झंडा वंदन का कार्यक्रम किया गया था, इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज जन मौजूद थे तो वहीं कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर समाज से ही जुड़े एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता ललित पोरवाल को बुलाया था. लेकिन ललित पोरवाल कार्यक्रम में बीजेपी के वरिष्ठ नेता कमाल खान को लेकर पहुंच गए. कमाल खान को कार्यक्रम में लेकर पहुचने पर वहां पर मौजूद आर एस एस के पदाधिकारी ने आपत्ति जताई. इतना ही नहीं कुछ देर बाद पदाधिकारी और ललित पोरवाल आमने-सामने हो गए और हाथापाई की नौबत आ गई. इसके बाद जैसे ही अन्य स्वयंसेवकों मामले की जानकारी लगी, वह मौके पर पहुंचे और जमकर हंगामा हुआ.
ऐसे बची जान: बाद में बीजेपी के नेता ललित पोरवाल और कमाल खान ने एक कमरे में छुप कर अपनी जान बचाई, इस दौरान स्वयं सेवक सबक सिखाने की बात करते रहे और बीजेपी के वरिष्ठ नेता को मंच पर आकर माफी मांगने की बात कही. बाद में बीजेपी के वरिष्ठ नेता ललित पोरवाल मंच पर आए और स्वयंसेवकों से माफी मांगी. इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी और पुलिस की सुरक्षा में ही वे आयोजन स्थल से बाहर निकले. वहीं इस पूरे मामले की जानकारी जैसे ही बजरंग दल को लगी बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और कमाल खान के बेटे माज खान के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया.