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Bharat Jodo Yatra : बर्फीली फिजा में भारत जोड़ो यात्रा का समापन, कई विपक्षी दलों ने राहुल को बताया 'आशा की किरण'

भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण समारोह और सोनवार इलाके में शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित एक सार्वजनिक रैली के साथ संपन्न हुई. इस दौरान कांग्रेस ने विपक्षी एकजुटता की ताकत दिखाने का प्रयास किया.

Bharat Jodo Yatra
भारत जोड़ो यात्रा
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Published : Jan 30, 2023, 10:57 PM IST

श्रीनगर : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का करीब पांच महीनों के बाद सोमवार को बर्फ की सफेद चादर में लिपटे श्रीनगर में समापन हो गया. इस मौके पर कांग्रेस ने विपक्षी एकजुटता की ताकत दिखाने का प्रयास किया तथा कई विपक्षी दलों ने राहुल गांधी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि वह देश के लिए 'आशा की किरण' हैं.

एक साथ दिखे कई दलों के नेता
एक साथ दिखे कई दलों के नेता

श्रीनगर के प्रसिद्ध शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में हाड़ कंपाने वाली सर्दी के बीच सजे कांग्रेस के मंच पर नौ विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे, हालांकि मौसम खराब होने के कारण कुछ ऐसे दलों के नेता नहीं पहुंच सके, जिनके रैली में शामिल होने की संभावना थी। वैसे, कुछ प्रमुख दलों के नेताओं ने पहले ही इस कार्यक्रम से दूर रहने के संकेत दे दिये थे.

कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी वाली रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि देश की बुनियाद को ध्वस्त करने का प्रयास करने वाली विचारधारा के खिलाफ सबको खड़ा होना है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उन्होंने यह यात्रा पार्टी और खुद के लिए नहीं, बल्कि देश की जनता निकाली. राहुल गांधी ने कहा कि उनके परिवार ने उन्हें निडर होकर जीना सिखाया है और यही वजह है कि उन्होंने कश्मीर घाटी में पदयात्रा की, जहां लोगों ने उन्हें 'हैंड ग्रेनेड' नहीं, बल्कि दिल खोलकर प्यार दिया.

रैली में राहुल गांधी ने उन पलों को याद किया, जब उन्हें फोन पर उनकी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या की सूचना मिली थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हिंसा भड़काने वाले कभी भी उस दर्द को नहीं समझ पाएंगे.

उन्होंने कहा, 'जो लोग हिंसा भड़काते हैं - जैसे मोदीजी, अमित शाहजी, अजीत डोभाल जी, भाजपा और आरएसएस - वे इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे. सेना के किसी जवान का परिवार यह समझेगा, पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का परिवार यह समझेगा, कश्मीर के लोग समझेंगे कि वह दर्द क्या होता है.'

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी 'यात्रा का मकसद अपने प्रियजनों की मौत की खबर देने वाले फोन कॉल को समाप्त करना है - चाहे वह कोई सैनिक हो, सीआरपीएफ का जवान हो या कोई कश्मीरी हो.'

इस रैली में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी राजा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मिथिलेश कुमार, द्रमुक के तिरुची शिवा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के कानी एन नवास, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन प्रेमचंद्रन, वीसीके के थिरुमावलवन और बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव शामिल हुए. यादव ने दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पदयात्रा भी की थी.

कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल समेत 20 से अधिक राजनीतिक दलों को न्योता दिया था, लेकिन कई प्रमुख दलों के नेता नजर नहीं आए. कुछ दलों ने पहले ही अपनी असमर्थता जता दी थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर में सोमवार को भारी बर्फबारी होने के कारण कुछ दलों के नेता नहीं पहुंच सके.

रैली से पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां 'भारत जोड़ो यात्रा' के शिविर स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और फिर अपनी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ मजेदार 'स्नोबॉल फाइट' (एक-दूसरे पर बर्फ के गोले फेंकना) की.

शिविर स्थल पर ध्वजारोहण के बाद राहुल और प्रियंका मौलाना आजाद रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचे, जहां पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने बड़ी संख्या में मौजूद नेताओं और समर्थकों के बीच तिरंगा फहराया. इसके बाद, वहां राष्ट्रगान बजाया गया.

रैली के दौरान राहुल गांधी कश्मीरी परिधान फेरन पहने नजर आए. सुबह के समय उन्हें अपनी ट्रेडमार्क सफेद रंग की टी-शर्ट पर बिना बाजू की जैकेट पहने हुए देखा गया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रैली में कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि देश में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा फैलायी गई नफरत के खिलाफ है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और अन्य विपक्षी नेताओं ने 'भारत जोड़ो यात्रा' को लेकर राहुल गांधी की जमकर सराहना की.

उन्होंने कहा, 'महात्मा गांधी जी ने कहा था कि मुझे जम्मू-कश्मीर से आशा की किरण नजर आती है. आज पूरे मुल्क को राहुल गांधी से उम्मीद की किरण नजर आ रही है.' बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव ने कहा, 'राहुल गांधी आगे आइए, मज़हब को मज़हब से जोड़िए, अमन लाइए, पूरा देश आपके साथ खड़ा है.' आरएसपी के नेता एन.के. प्रेमचंद्रन ने कहा, 'देश के लोग बदलाव चाहते हैं. राहुल गांधी इस देश का नेतृत्व कर सकते हैं.'

डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि जब राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरुआत की थी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन लॉन्च के लिए वहां थे और अब इस विदाई समारोह में उन्होंने उन्हें अपनी ओर से भेजा. शिवा ने कहा, 'राहुल गांधी ने यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया है और हर आम नागरिक तक पहुंचकर यह संदेश दिया है कि एक नेता इस देश को बचाने के लिए उभरा है.'

कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' 4,080 किलोमीटर के सफर के बाद 30 जनवरी को श्रीनगर में संपन्न हुई. गत सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरी. राहुल गांधी समेत 130 से अधिक 'भारत यात्रियों' ने इस यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा की.

पढ़ें- Rahul gandhi on Bharat Jodo Yatra: जम्मू कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं, प्यार दिया, बोले राहुल

श्रीनगर : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) का करीब पांच महीनों के बाद सोमवार को बर्फ की सफेद चादर में लिपटे श्रीनगर में समापन हो गया. इस मौके पर कांग्रेस ने विपक्षी एकजुटता की ताकत दिखाने का प्रयास किया तथा कई विपक्षी दलों ने राहुल गांधी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि वह देश के लिए 'आशा की किरण' हैं.

एक साथ दिखे कई दलों के नेता
एक साथ दिखे कई दलों के नेता

श्रीनगर के प्रसिद्ध शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में हाड़ कंपाने वाली सर्दी के बीच सजे कांग्रेस के मंच पर नौ विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे, हालांकि मौसम खराब होने के कारण कुछ ऐसे दलों के नेता नहीं पहुंच सके, जिनके रैली में शामिल होने की संभावना थी। वैसे, कुछ प्रमुख दलों के नेताओं ने पहले ही इस कार्यक्रम से दूर रहने के संकेत दे दिये थे.

कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी वाली रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि देश की बुनियाद को ध्वस्त करने का प्रयास करने वाली विचारधारा के खिलाफ सबको खड़ा होना है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उन्होंने यह यात्रा पार्टी और खुद के लिए नहीं, बल्कि देश की जनता निकाली. राहुल गांधी ने कहा कि उनके परिवार ने उन्हें निडर होकर जीना सिखाया है और यही वजह है कि उन्होंने कश्मीर घाटी में पदयात्रा की, जहां लोगों ने उन्हें 'हैंड ग्रेनेड' नहीं, बल्कि दिल खोलकर प्यार दिया.

रैली में राहुल गांधी ने उन पलों को याद किया, जब उन्हें फोन पर उनकी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या की सूचना मिली थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हिंसा भड़काने वाले कभी भी उस दर्द को नहीं समझ पाएंगे.

उन्होंने कहा, 'जो लोग हिंसा भड़काते हैं - जैसे मोदीजी, अमित शाहजी, अजीत डोभाल जी, भाजपा और आरएसएस - वे इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे. सेना के किसी जवान का परिवार यह समझेगा, पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का परिवार यह समझेगा, कश्मीर के लोग समझेंगे कि वह दर्द क्या होता है.'

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी 'यात्रा का मकसद अपने प्रियजनों की मौत की खबर देने वाले फोन कॉल को समाप्त करना है - चाहे वह कोई सैनिक हो, सीआरपीएफ का जवान हो या कोई कश्मीरी हो.'

इस रैली में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के डी राजा, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मिथिलेश कुमार, द्रमुक के तिरुची शिवा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के कानी एन नवास, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन प्रेमचंद्रन, वीसीके के थिरुमावलवन और बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव शामिल हुए. यादव ने दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पदयात्रा भी की थी.

कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल समेत 20 से अधिक राजनीतिक दलों को न्योता दिया था, लेकिन कई प्रमुख दलों के नेता नजर नहीं आए. कुछ दलों ने पहले ही अपनी असमर्थता जता दी थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि श्रीनगर में सोमवार को भारी बर्फबारी होने के कारण कुछ दलों के नेता नहीं पहुंच सके.

रैली से पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां 'भारत जोड़ो यात्रा' के शिविर स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और फिर अपनी बहन एवं पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ मजेदार 'स्नोबॉल फाइट' (एक-दूसरे पर बर्फ के गोले फेंकना) की.

शिविर स्थल पर ध्वजारोहण के बाद राहुल और प्रियंका मौलाना आजाद रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय पहुंचे, जहां पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने बड़ी संख्या में मौजूद नेताओं और समर्थकों के बीच तिरंगा फहराया. इसके बाद, वहां राष्ट्रगान बजाया गया.

रैली के दौरान राहुल गांधी कश्मीरी परिधान फेरन पहने नजर आए. सुबह के समय उन्हें अपनी ट्रेडमार्क सफेद रंग की टी-शर्ट पर बिना बाजू की जैकेट पहने हुए देखा गया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रैली में कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि देश में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा फैलायी गई नफरत के खिलाफ है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और अन्य विपक्षी नेताओं ने 'भारत जोड़ो यात्रा' को लेकर राहुल गांधी की जमकर सराहना की.

उन्होंने कहा, 'महात्मा गांधी जी ने कहा था कि मुझे जम्मू-कश्मीर से आशा की किरण नजर आती है. आज पूरे मुल्क को राहुल गांधी से उम्मीद की किरण नजर आ रही है.' बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव ने कहा, 'राहुल गांधी आगे आइए, मज़हब को मज़हब से जोड़िए, अमन लाइए, पूरा देश आपके साथ खड़ा है.' आरएसपी के नेता एन.के. प्रेमचंद्रन ने कहा, 'देश के लोग बदलाव चाहते हैं. राहुल गांधी इस देश का नेतृत्व कर सकते हैं.'

डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि जब राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरुआत की थी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन लॉन्च के लिए वहां थे और अब इस विदाई समारोह में उन्होंने उन्हें अपनी ओर से भेजा. शिवा ने कहा, 'राहुल गांधी ने यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा किया है और हर आम नागरिक तक पहुंचकर यह संदेश दिया है कि एक नेता इस देश को बचाने के लिए उभरा है.'

कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' 4,080 किलोमीटर के सफर के बाद 30 जनवरी को श्रीनगर में संपन्न हुई. गत सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरी. राहुल गांधी समेत 130 से अधिक 'भारत यात्रियों' ने इस यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा की.

पढ़ें- Rahul gandhi on Bharat Jodo Yatra: जम्मू कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं, प्यार दिया, बोले राहुल

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