लखनऊ : 7 सितंबर से कन्या कुमारी से शुरू हुई कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की 3570 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी. भारत जोड़ो यात्रा के यूपी में प्रवेश के पूर्व निर्धारित रूट में एआईसीसी की ओर से परिवर्तन कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी (State President Brijlal Khabri) की अध्यक्षता में यूपी में भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने की रणनीति पर गहन मंथन का दौर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भारत जोड़ो यात्रा के यूपी में प्रवेश करते समय किस तरह से तैयारियां हों इसको लेकर बैठक में चर्चा होगी.
भारत जोड़ो यात्रा का करीब 85 दिन से अधिक का समय पूरा हो चुका है. यात्रा में 7 राज्यों को कवर करते हुए लगभग आधी दूरी को पूरी कर लिया गया है. आने वाले हफ्तों में भारत जोड़ो यात्रा उत्तरी राज्यों को कवर करने वाली है. यात्रा को लेकर सबसे ज्यादा फोकस उत्तर प्रदेश में प्रवेश के बाद लोगों में इसके उत्साह को लेकर है. कांग्रेस के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टियां भी यात्रा के रिस्पांस को लेकर नजर बनाए हुए हैं. पार्टी के पदाधिकारियों का कहना था कि भारत जोड़ो यात्रा को 5 दिन के बजाय 16 दिन का किया जाए और यात्रा को बुलंदशहर की बजाए दिल्ली से यूपी में प्रवेश कराया जाए. हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को एआईसीसी ने मंजूरी तो नहीं दी, बल्कि रूट के बदलाव से लगभग अंतिम मुहर लगा दी है.
कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा को पहले मध्य प्रदेश से होते हुए बुलंदशहर के रास्ते से यूपी में प्रवेश करना था. 5 दिन तक यात्रा करते हुए मथुरा के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करना था, लेकिन अब यह यात्रा मध्यप्रदेश से होते हुए पहले राजस्थान में प्रवेश करेगी. वहां से यात्रा दिल्ली जाएगी. कांग्रेस पदाधिकारियों ने बताया कि यात्रा अब दिल्ली से यूपी में प्रवेश करेगी. यात्रा नोएडा व गाजियाबाद होते हुए यूपी में मथुरा और सहारनपुर तक जाएगी, वहां से यात्रा प्रदेश की सीमा को पार कर दूसरे राज्य में प्रवेश कर जाएगी. बदले हुए रूट की यात्रा 5 दिन की ही होगी.
उत्तर प्रदेश में यात्रा को सफल बनाने के लिए प्रदेश लेवल पर जिम्मेदारियां तय की जाएंगी. इसके तहत प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सभी प्रांतीय अध्यक्ष, जिला अध्यक्षों व पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इसके तहत यात्रा का कहां-कहां स्वागत होना है, यात्रा को रात में कहां विश्राम करना है. उसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी किसके पास होगी, राहुल गांधी की रैली कहां आयोजित होगी. उसमें भीड़ जुटाने या ज्यादा से ज्यादा लोगों को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कराने तक की जिम्मेदारियां पार्टी की ओर से तय की जाएंगी. पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि इससे कांग्रेस यूपी में अपने पदाधिकारियों में एक नया जोश भरने की तैयारी भी कर रही है, ताकि आगामी निकाय चुनाव में पार्टी को बेहतर परिणाम मिल सके, जिसे वह संजीवनी के रूप में 2024 के लोकसभा में प्रयोग कर सके.
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