आगर मालवा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पार्टी छोड़कर गए लोगों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि पार्टी छोड़ने के बाद 'गरिमापूर्ण चुप्पी' बनाए रखने वाले कपिल सिब्बल जैसे लोगों को वापस लौटने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया या हिमंत बिस्वा सरमा जैसे लोगों को नहीं. कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रमेश ने भी केंद्रीय मंत्री सिंधिया को ''24 कैरेट का देशद्रोही'' (Scindia 24 Carats ke Deshdrohi) करार दिया. यह बात उन्होंने आगर मालवा में भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra in Agar Malwa) के दौरान कही.
गरिमा के साथ पार्टी छोड़ने वालों के लिए वापसी का रास्ता खुला: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुक्रवार को मप्र के आगर मालवा पहुंची. इस दौरान जयराम रमेश से पूछा गया कि यदि कोई गद्दार नेता वापस लौटना चाहता है तो पार्टी का क्या रुख होगा, इस पर रमेश ने PTI भाषा से कहा कि मुझे लगता है कि जो लोग कांग्रेस छोड़ी और पार्टी को गाली देकर गए उनका वापस स्वागत नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन ऐसे लोग हैं जिन्होंने पार्टी को गरिमा के साथ छोड़ दिया उनके लिए वापसी का रास्ता खुला हुआ है.
सिंधिया एक गद्दार हैं: रमेश ने कहा 'मैं अपने पूर्व सहयोगी और एक बहुत अच्छे दोस्त कपिल सिब्बल के बारे में सोच सकता हूं, जिन्होंने किसी कारण से पार्टी छोड़ दी, लेकिन उन्होंने सिंधिया और हिमंत बिस्वा सरमा के विपरीत कांग्रेस पार्टी पर बहुत गरिमापूर्ण चुप्पी बनाए रखी'. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि जिन नेताओं ने गरिमा बनाए रखी है, उनका वापस स्वागत किया जा सकता है, लेकिन जिन लोगों ने पार्टी छोड़ दी है और पार्टी और उसके नेतृत्व को लात मारी है, उनका वापस स्वागत नहीं किया जाना चाहिए. यह उनसे पूछे गया कि क्या सिंधिया कांग्रेस छोड़ देते अगर उन्हें पार्टी अध्यक्ष, मुख्यमंत्री या राज्यसभा बर्थ की पेशकश की जाती, इस पर रमेश ने कहा, सिंधिया एक 'गद्दार' हैं.
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भाजपा का पलटवार- सिंधिया 24 कैरेट के देशभक्त: रमेश की टिप्पणियों पर भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने पलटवार किया है. उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'सिंधिया मजबूत सांस्कृतिक जड़ों वाले 24 कैरेट के देशभक्त हैं'. अग्रवाल ने कहा कि सिंधिया और सरमा दोनों की अपने काम के प्रति प्रतिबद्ध हैं और रमेश की टिप्पणी "असंस्कृत" और "पूरी तरह से अलोकतांत्रिक" है.
सिंधिया और सरमा ने क्यों छोड़ी कांग्रेस: बता दें कि सरमा ने 2015 में पार्टी की चुनावी हार के लिए राहुल गांधी के 'कुप्रबंधन' को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए. वह केंद्रीय मंत्री और बाद में असम के मुख्यमंत्री बने. सिंधिया ने 2020 में ग्रैंड ओल्ड पार्टी छोड़ दी, जिसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर गई। बाद में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया और नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया.