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बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल रिजल्ट सितंबर तक, नए स्ट्रेन के लिए बूस्टर डोज की जरुरत : गुलेरिया

एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए वैक्सीन के बूस्टर शॉटस की जरुरत है. एक बयान में उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक बच्चों के लिए जो वैक्सीन बना रही है, उसके ट्रायल परिणाम सितंबर तक आने की उम्मीद है.

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Published : Jul 24, 2021, 10:43 AM IST

नई दिल्ली : एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए वैक्सीन के बूस्टर शॉटस की जरुरत है. गुलेरिया ने कहा कि कोविड के नए वैरिएंट्स के लिए बूस्टर शॉटस की जरुरत पड़ सकती है क्योंकि समय बीतने के साथ ही इम्यूनिटी में गिरावट आएगी.

उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज सेकेंड जेनरेशन वैक्सीन होगी. कहा कि सेकेंड जेनरेशन वैक्सीन बेहतर इम्यूनिटी के साथ ही अलग-अलग प्रकार के वैरिएंट पर अधिक प्रभावी होगी. बूस्टर शॉट्स का ट्रायल जारी है और इस साल के अंत तक लोगों के लिए यह उपलब्ध होगा. डॉ गुलेरिया ने कहा कि यह तभी संभव है जब एक बार पूरी आबादी का टीकाकरण पूरा कर लिया जाए.

बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल

एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक बच्चों के लिए वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में है और इसके ट्रायल रिजल्ट सितंबर तक आने की संभावना है. भारत बायोटेक का ट्रायल अंतिम चरण में है और हमें इसका डाटा सितंबर तक मिल सकता है. यह ट्रायल तीन चरणों में किया जा रहा है जिसमें अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों का वर्गीकरण किया गया है. पहला ट्रायल 12-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए किया गया. फिर 6-12 वर्ष आयु वर्ग और अब 2-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर ट्रायल जारी है.

जायडस ने उपलब्ध कराया डाटा

एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जायडस-कैडिला द्वारा निर्मित बच्चों के वैक्सीन का डाटा उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने बच्चों की वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन दिया है. उन्होंने 12-18 वर्ष आयु वर्ग का ट्रायल पूरा कर लिया है और आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मांगी है.

यह भी पढ़ें- कोविड-19 : 24 घंटे में संक्रमण से 546 मौतें, 39,097 नए मामले

अहमदाबाद स्थित कंपनी ने तीन डोज की वैक्सीन तैयार की है जो दुनिया की पहली प्लाज्माइड वैक्सीन है. जल्द ही इसे डीसीजीआई (DCGI) से मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

नई दिल्ली : एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए वैक्सीन के बूस्टर शॉटस की जरुरत है. गुलेरिया ने कहा कि कोविड के नए वैरिएंट्स के लिए बूस्टर शॉटस की जरुरत पड़ सकती है क्योंकि समय बीतने के साथ ही इम्यूनिटी में गिरावट आएगी.

उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज सेकेंड जेनरेशन वैक्सीन होगी. कहा कि सेकेंड जेनरेशन वैक्सीन बेहतर इम्यूनिटी के साथ ही अलग-अलग प्रकार के वैरिएंट पर अधिक प्रभावी होगी. बूस्टर शॉट्स का ट्रायल जारी है और इस साल के अंत तक लोगों के लिए यह उपलब्ध होगा. डॉ गुलेरिया ने कहा कि यह तभी संभव है जब एक बार पूरी आबादी का टीकाकरण पूरा कर लिया जाए.

बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल

एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक बच्चों के लिए वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में है और इसके ट्रायल रिजल्ट सितंबर तक आने की संभावना है. भारत बायोटेक का ट्रायल अंतिम चरण में है और हमें इसका डाटा सितंबर तक मिल सकता है. यह ट्रायल तीन चरणों में किया जा रहा है जिसमें अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों का वर्गीकरण किया गया है. पहला ट्रायल 12-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए किया गया. फिर 6-12 वर्ष आयु वर्ग और अब 2-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों पर ट्रायल जारी है.

जायडस ने उपलब्ध कराया डाटा

एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जायडस-कैडिला द्वारा निर्मित बच्चों के वैक्सीन का डाटा उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने बच्चों की वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन दिया है. उन्होंने 12-18 वर्ष आयु वर्ग का ट्रायल पूरा कर लिया है और आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मांगी है.

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अहमदाबाद स्थित कंपनी ने तीन डोज की वैक्सीन तैयार की है जो दुनिया की पहली प्लाज्माइड वैक्सीन है. जल्द ही इसे डीसीजीआई (DCGI) से मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

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