चंडीगढ़ : पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक जुलाई से लागू होने वाली आबकारी नीति की घोषणा से पहले राज्य के लोगों से सुझाव मांगे हैं. यह सुझाव आने वाले 15 दिन में दिए जा सकते हैं. पंजाब के आबकारी आयुक्त रजत अग्रवाल के अनुसार एक्साइज पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसे बेहतर बनाने के लिए राज्य के लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. राज्य के लोग विभाग के ई-मेल और फोन नंबर से अपने सुझाव 15 दिन में दे सकते हैं. पंजाब सरकार का दावा है कि नई आबकारी नीति से राज्य में शराब की बिक्री का कंट्रोल सरकार के पास रहेगा और राजस्व में बढ़ोतरी होगी. साथ ही इस कारोबार में शामिल बड़े घरानों का एकाधिकार खत्म होगा. माना जा रहा है कि भगवंत मान सरकार पंजाब में शराब बेचने का दिल्ली मॉडल लागू कर सकती है. पंजाब का आबकारी विभाग दिल्ली सरकार की नीति की स्टडी कर रहा है.
सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि नई आबकारी नीति के कारण जहां सरकार राजस्व के लक्ष्य को पूरा करेगी, वहीं शराब माफिया की दखलअंदाजी भी बंद हो जाएगी. उम्मीद जताई जा रही है कि अब पंजाब में आने वाले वक्त में शराब सस्ती हो सकती है. पंजाब में अन्य राज्यों से विशेष रूप से चंडीगढ़ से सस्ती शराब की तस्करी होती है, जिससे पंजाब को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है.
बता दें कि पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने भी आबकारी नीति में बदलाव की सिफारिश की थी. तब सरकार ने खुद शराब बेचने का मन बनाया था. इसके लिए एक टीम को तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में आबकारी मॉडल की जानकारी लेने के लिए भेजा गया था. इन राज्यों में शराब की बिक्री राज्य सरकार ही करती , जिससे अधिक राजस्व प्राप्त होता है. मगर इस टीम की सिफारिशों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. आम आदमी पार्टी ने चुनाव में शराब माफिया को लेकर सवाल उठाए थे. तब पार्टी ने सत्ता में आने पर नई आबकारी नीति लागू करने का वादा किया था. फिलहाल सरकार की एक टीम दिल्ली में शराब बिक्री के मॉडल का अध्ययन कर रही है. दिल्ली में शराब के ठेके सरकार के अधीन है. केजरीवाल सरकार का दावा है कि दिल्ली सरकार के आबकारी राजस्व में लगातार वृद्धि हुई है.
फिलहाल पंजाब में 3 माह की अवधि के लिए आबकारी नीति लागू की गई है जो प्रथम अप्रैल से लेकर 30 जून तक के लिए है. इसके बाद एक जुलाई से पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा नई संशोधित नीति को लागू किया जाएगा. फिलहाल सरकार ने अतिरिक्त राजस्व हासिल करने के लिए देसी शराब, अंग्रेज़ी शराब, बीयर और आइएफएल के न्यूनतम गारंटी कोटे को इस तिमाही में 10 प्रतिशत बढ़ा दिया है.
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