बेंगलुरु : एक दिन पहले कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु से चार संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. इन संदिग्धों के हवाले से खुलासा किया गया है कि उनकी साजिश 15 अगस्त के दिन बेंगलुरु पर हमला करने की थी. महत्वपूर्ण जगहों पर वे विस्फोट करना चाहते थे. पुलिस को इन आतंकियों के आवास से हथगोले बरामद हुए हैं. सेंट्रल सिटी क्राइम (सीसीबी) ब्रांच इन संदिग्धों से पूछताछ कर रही है.
सीसीबी के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर डॉ शरणप्पा एसडी ने कहा कि हमारी टीम ने बेंगलुरु के कोडिगेल्ली एरिया से चार हैंड ग्रेनेड बरामद किए हैं. आश्चर्य ये है कि सभी हैंड ग्रेनेड लॉकर में रखे गए थे. पुलिस के अनुसार जिस आतंकी के घर से ग्रेनेड बरामद किया गया, उसे कथित तौर पर इसकी जानकारी नहीं थी. ग्रेनेड उसके घर की अलमारी में रखे हुए थे.
पुलिस के अनुसार संदिग्ध आतंकी ने अलमीरा के लॉकर में ग्रेनेड रखे हुए थे. इतना ही नहीं इन संदिग्धों ने ग्रेनेड पर कुछ खास किस्म के पाउडर लगा रखे थे, ताकि ग्रेनेड को फटने से बचाजा जा सके. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये सभी कितने खतरनाक मंसूबे पाल रखे थे. लॉकर से किस तरह से बम निकाला गया, इस सवाल पर पुलिस ने बताया कि हमने बम निरोधक दस्ते को बुला रखा था.
पुलिस ने कहा कि जो भी संदिग्ध हैं, उन पर विशेष रूप से निगरानी की जा रही है. अभी इस मामले की जांच जारी है. यहां आपको बता दें कि इस मामले में पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. सभी पुलिस की हिरासत में हैं. उन्हें कोर्ट में पेश किए जाने के बाद पुलिस ने सात दिनों की कस्टडी में रखा हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में पांचवें आरोपी जाहिद तबरेज को सरगना मोहम्मद जुनैद से हथगोले की खेप मिली थी. यह भी जानकारी दी गई है कि वह अफगानिस्तान के बॉर्डरिंग एरिया में काम कर रहा था. जिन संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी, उनमें सुहैल खान, फैजल खान, मुद्दस्सिर पाशा और जाहिद तबरेज शामिल हैं. पुलिस को उसके पास से आर्म्स, विस्फोटक और हथियार बरामद हुए थे.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सभी संदिग्धों ने स्वीकार किया है कि वे पीएफआई पर बैन के खिलाफ हैं. पुलिस के मुताबिक वे बम ब्लास्ट के जरिए पूरे राज्य और देश को एक संदेश देना चाहते थे. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को केंद्र सरकार ने बैन कर दिया है.
ऐसी भी खबरें हैं कि इन आतंकियों और बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार आतंकी टी नजीर, को आमने-सामने बिठाकर जांच की जाएगी. सीरियल ब्लास्ट 2008 में हुआ था. नजीर बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद है.
नजीर को मास्टरमाइंड माना जा रहा है. वह युवाओं को जेल में ही ब्रेन वॉश कर देता था. उसके बाद उसकी ट्रेनिंग करवाता था. जेल से बाहर जुनैद उसका सारा काम करता था. जुनैद आतंकियों के गिरोह को कमांड करता था.
नजीर मूल रूप से केरल का है. वह लश्कर से जुड़ा है. उसने जुनैद के जरिए बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना ली थी. इसी काम के लिए उसने अलग-अलग युवाओं से संपर्क किया. पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि जुनैद पाकिस्तान भी गया था. पुलिस के अनुसार नजीर ने ही जुनैद की मदद की थी. सभी आंतिकयों ने स्वीकार किया कि उसका मास्टर माइंड नजीर है.
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