बेंगलुरु: कर्नाटक की केजी हल्ली पुलिस ने बेंगलुरु और राज्य के अन्य हिस्सों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के बाद मामले की जांच पूरी कर ली है. पुलिस ने पीएफआई के 15 कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. सितंबर 2022 में पुलिस ने पीएफआई अध्यक्ष नासिर पाशा समेत 19 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस ने उनमें से 15 को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कहा कि अब अदालत में 10,196 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है.
पुलिस की विस्तृत चार्जशीट में पीएफआई कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग, मीटिंग, फंड कलेक्शन का जिक्र है. गिरफ्तार किए गए लोगों में से नौ पर यूएपीए अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच की जा रही है, जबकि शेष छह की पुलिस ने आईपीसी 153ए के तहत जांच की है. चार्जशीट में पीएफआई कार्यकर्ताओं की कई गतिविधियों का जिक्र किया गया है.
पुलिस ने बताया कि दक्षिण कन्नड़ जिले के मित्तुरु में फ्रीडम चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से एक बैठक हई थी, जिसमें संगठन के विस्तार, आगे की रणनीति और कार्यकर्ताओं गतिविधियों पर चर्चा हुई थी. पुलिस को देश के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के खाते में फंडिंग आदि के बारे में विस्तृत जानकारी मिली है. पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि करीब 10 साल से संस्था के खाते में चार से पांच करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं.
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ज्ञात हो कि प्राप्त धन का उपयोग समुदाय के छात्रों को छात्रवृत्ति, बच्चों की शिक्षा के लिए किताबें और बच्चों की शैक्षिक गतिविधियों के लिए धन प्रदान करने के लिए किया गया था. पुलिस ने बताया कि पीएफआई कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरू के बेंसन टाउन में भी एक बैठक की, जिसमें पीएफआई के कार्यकर्ता प्रशिक्षण ले रहे थे. उन्हें मानसिक मजबूती और शारीरिक सुरक्षा का प्रशिक्षण मिल रहा था. वे योग के नाम पर प्रशिक्षण ले रहे थे. जांच में यह भी सामने आया कि कुछ ही इच्छुक युवकों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया. पुलिस जांच के दौरान कोई हथियार नहीं मिला है. 'चार्जशीट में इसका उल्लेख किया गया है.