बेंगलुरु : कर्नाटक पुलिस ने साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जालसाजों द्वारा शहर के लोगों को धोखा देने के लिए इस्तेमाल किए गए 15,000 से अधिक सिम कार्डों को ब्लॉक करवा दिया है. शनिवार को उन्होंने कहा कि शहर में दर्ज साइबर अपराध के मामलों में वृद्धि के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है. पुलिस के अनुसार, शहर में साइबर अपराध की घटनाओं की जांच करने के उद्देश्य से 16 अगस्त को एक विशेष अभियान शुरू किया गया था.
पुलिस ने बताया कि अभियान के पहले हिस्से के रूप में, पुलिस 16 अगस्त से 7 सितंबर तक 15,378 सिम कार्डों की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने में कामयाब रही. इनमें से अधिकांश सिम कार्ड उत्तरी भारत में चालू पाए गए और जालसाजों द्वारा विभिन्न माध्यमों से बेंगलुरु के लोगो को धोखा देने के लिए इस्तेमाल किया गए. पुलिस ने आगे कहा कि 'इस साल जनवरी से, साइबर अपराध से संबंधित मामलों में वृद्धि हुई है और हमें बहुत सारी शिकायतें मिलीं, पीड़ितों ने हमें नंबर साझा किए, जिन नंबरो से उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लिए उनसे संपर्क किया और उनके द्वारा धोखा दिया गया.
पुलिस ने कहा कि इसलिए, हमने इन नंबरों की पहचान की, इन्हें सत्यापित किया और उन्हें तुरंत ब्लॉक कर दिया, पुलिस उपायुक्त (कमांड सेंटर) रवींद्र गदादी ने कहा कि एक जालसाज द्वारा कई निर्दोष लोगों को धोखा देने के लिए एक ही सिम कार्ड का उपयोग किया जा सकता है. इसलिए यदि वह सिम कार्ड तुरंत ब्लॉक हो जाता है, तो वह अन्य लोगों के साथ धोखा करने के लिए उसी सिम का दोबारा उपयोग नहीं कर सकता है. इस तरह यह धोखे को कम करने में मदद करेगा और मामलों की संख्या में भी कमी लाएगा.
उन्होंने कहा, यह अभियान लगातार जारी रहेगा और जब भी हम ऐसे संदिग्ध नंबरों की पहचान करेंगे, हम ऐसे सिम कार्डों को ब्लॉक कर देंगे. पुलिस ऐसे और सिम कार्डों की पहचान करने के लिए पिछले वर्षों की केस फाइलों का भी विश्लेषण कर रही है, जिनका उपयोग धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया था ताकि यदि वे अभी भी उसी उद्देश्य के लिए उपयोग में हों तो उन्हें भी ब्लॉक कराया जा सके.
(पीटीआई)