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ईदगाह मैदान मुद्दा : बेंगलुरु के चामराजपेट में बंद पर मिली-जुली प्रतिक्रिया - bengaluru police

कर्नाटक के बेंगलुरु में ईदगाह मैदान के मुद्दे को लेकर मंगलवार को चामराजपेट ओक्कूटा समिति ने बंद का आह्वान किया. इस मौके पर विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मैदान में घुसने की कोशिश भी की, जिसपर पुलिस ने उन्हें मैदान से बाहर निकाल दिया.

bengaluru police shunted out activists from ground
बेंगलुरु पुलिस प्रदर्शनकारी मैदान से निकाला
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Published : Jul 12, 2022, 8:20 PM IST

बेंगलुरु: बेंगलुरु के चामराजपेट में ईदगाह मैदान को नगर निकाय की संपत्ति घोषित करने और इसे खेल के मैदान के रूप में संरक्षित करने की मांग को लेकर चामराजपेट ओक्कूटा समिति ने मंगलवार को बंद का आह्वान किया. इसके समर्थन के सांकेतिक रूप में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान मालिकों ने दुकानों को बंद रखा. बंद को लेकर हिंदू बहुल क्षेत्रों में अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली जबकि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इसका मिलाजुला असर देखने को मिला. वहीं हिंदू संगठन श्रीराम सेना सहित अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ईदगाह मैदान के अंदर घुसने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें मैदान से बाहर निकाला.

चामराजपेट में बंद के आह्वान को देखते हुए डीसीपी लक्ष्मण निंबरगी ने पहले ही क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी थी जिसके चलते 450 से अधिक पुलिसकर्मी मौके पर तैनात किए गए थे जिसमें वेस्ट डिवीजन के 4 एसीपी भी शामिल थे. इस बंद का समर्थन 50 से भी अधिक हिंदू संगठनों ने बंद का समर्थन किया था जिसमें श्रीराम सेना, हिंदू जन जागृति समिति, विश्व सनातन परिषद, बजरंग दल एवं हिंदू जागरण समिति जैसे संगठन शामिल थे. वहीं तनाव को देखते हुए क्षेत्र के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहे.

बेंगलुरु में ईदगाह मैदान को लेकर हुआ विवाद

इस मामले पर बात करते हुए हाल ही में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरीनाथ ने कहा था कि उन्होंने महसूस किया कि बीबीएमपी ने विशिष्ट धार्मिक उद्देश्यों के लिए खेल के मैदान का उपयोग करने की अनुमति देकर लोगों को निराश किया है. उन्होंने यह भी कहा था कि वक्फ बोर्ड ने संपत्ति का दावा किया था और 1965 की गजट अधिसूचना सहित रिकॉर्ड जमा किए थे. लेकिन जब हिंदू संगठनों ने बीजेड जमीर अहमद खान के इस मामले में एक वर्ग का पक्ष लेने के लिए बीबीएमपी को प्रभावित करने का आरोप लगाया तब उन्होंने अपनी बात से यू टर्न लेते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड स्वामित्व का दावा करने के लिए आगे नहीं आया है. उन्होंने यह भी कहा था कि 1974 के अभिलेखों में भूमि को पालिका की संपत्ति के रूप में दिखाया गया है.

यह भी पढ़ें-रिश्वत लेने के मामले में बेंगलुरु के पूर्व उपायुक्त जे मंजूनाथ गिरफ्तार

क्या है विवाद: चामराजपेट क्षेत्र में ईदगाह मैदान को लेकर विवाद हाल ही में सामने आया है. मामले में हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मैदान बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका कि संपत्ति है न कि वक्फ बोर्ड की संपत्ती और इसलिए यह मैदान केवल मुस्लिमों के लिए ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि यहां पर स्वतंत्रता दिवस, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एवं गणेश उत्सव जैसे कार्यक्रमों को आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

वहीं दूसरी ओर मुस्लिम निकाय ने यह दावा किया है कि ईदगाह मैदान पर उनका अधिकार है और उन्होंने इसके पुराने रिकॉर्ड बीबीएमपी के विशेष आयुक्त को भेज दिए हैं. हालांकि पालिका ने वक्फ बोर्ड को अपना स्वामित्व साबित करने के लिए कुछ रिकॉर्ड जमा करने के संबंध में एक और नोटिस भेजा है. वहीं मामले पर विवाद बढ़ने के बाद से पुलिस विभाग ने बीबीएमपी के साथ मिलकर अब विवादित स्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं जिससे क्षेत्र में नजर रखी जा सके.

बेंगलुरु: बेंगलुरु के चामराजपेट में ईदगाह मैदान को नगर निकाय की संपत्ति घोषित करने और इसे खेल के मैदान के रूप में संरक्षित करने की मांग को लेकर चामराजपेट ओक्कूटा समिति ने मंगलवार को बंद का आह्वान किया. इसके समर्थन के सांकेतिक रूप में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान मालिकों ने दुकानों को बंद रखा. बंद को लेकर हिंदू बहुल क्षेत्रों में अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली जबकि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इसका मिलाजुला असर देखने को मिला. वहीं हिंदू संगठन श्रीराम सेना सहित अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ईदगाह मैदान के अंदर घुसने का प्रयास किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें मैदान से बाहर निकाला.

चामराजपेट में बंद के आह्वान को देखते हुए डीसीपी लक्ष्मण निंबरगी ने पहले ही क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी थी जिसके चलते 450 से अधिक पुलिसकर्मी मौके पर तैनात किए गए थे जिसमें वेस्ट डिवीजन के 4 एसीपी भी शामिल थे. इस बंद का समर्थन 50 से भी अधिक हिंदू संगठनों ने बंद का समर्थन किया था जिसमें श्रीराम सेना, हिंदू जन जागृति समिति, विश्व सनातन परिषद, बजरंग दल एवं हिंदू जागरण समिति जैसे संगठन शामिल थे. वहीं तनाव को देखते हुए क्षेत्र के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहे.

बेंगलुरु में ईदगाह मैदान को लेकर हुआ विवाद

इस मामले पर बात करते हुए हाल ही में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरीनाथ ने कहा था कि उन्होंने महसूस किया कि बीबीएमपी ने विशिष्ट धार्मिक उद्देश्यों के लिए खेल के मैदान का उपयोग करने की अनुमति देकर लोगों को निराश किया है. उन्होंने यह भी कहा था कि वक्फ बोर्ड ने संपत्ति का दावा किया था और 1965 की गजट अधिसूचना सहित रिकॉर्ड जमा किए थे. लेकिन जब हिंदू संगठनों ने बीजेड जमीर अहमद खान के इस मामले में एक वर्ग का पक्ष लेने के लिए बीबीएमपी को प्रभावित करने का आरोप लगाया तब उन्होंने अपनी बात से यू टर्न लेते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड स्वामित्व का दावा करने के लिए आगे नहीं आया है. उन्होंने यह भी कहा था कि 1974 के अभिलेखों में भूमि को पालिका की संपत्ति के रूप में दिखाया गया है.

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क्या है विवाद: चामराजपेट क्षेत्र में ईदगाह मैदान को लेकर विवाद हाल ही में सामने आया है. मामले में हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मैदान बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका कि संपत्ति है न कि वक्फ बोर्ड की संपत्ती और इसलिए यह मैदान केवल मुस्लिमों के लिए ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि यहां पर स्वतंत्रता दिवस, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एवं गणेश उत्सव जैसे कार्यक्रमों को आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

वहीं दूसरी ओर मुस्लिम निकाय ने यह दावा किया है कि ईदगाह मैदान पर उनका अधिकार है और उन्होंने इसके पुराने रिकॉर्ड बीबीएमपी के विशेष आयुक्त को भेज दिए हैं. हालांकि पालिका ने वक्फ बोर्ड को अपना स्वामित्व साबित करने के लिए कुछ रिकॉर्ड जमा करने के संबंध में एक और नोटिस भेजा है. वहीं मामले पर विवाद बढ़ने के बाद से पुलिस विभाग ने बीबीएमपी के साथ मिलकर अब विवादित स्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं जिससे क्षेत्र में नजर रखी जा सके.

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