कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार (Government of West Bengal) ने केन्द्रीय इस्पात मंत्री (Union Steel Minister) धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) से कोलकाता में भारत इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कच्चा माल प्रभाग (Raw Material Division-RMD) को बंद करने से रोकने और इसमें हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. राज्य सरकार ने कहा कि आरएमडी बंद होने से कोविड-19 महामारी के बीच कई लोगों की नौकरी चली जाएगी.
अमित मित्रा ने केंद्र मंत्री को लिखा पत्र
राज्य के वित्त मंत्री (State Finance Minister) अमित मित्रा (Amit Mitra) ने प्रधान को लिखे पत्र में कहा कि सेल बोर्ड का शहर में आरएमडी मुख्यालय को बंद करने का कदम पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर और बर्नपुर में दो प्रतिष्ठित और लाभदायक इस्पात संयंत्रों के हितों के लिए नुकसानदायक होगा. कंपनी ने अभी तक आरएमडी को भंग करने के बारे में आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों ने पिछले हफ्ते ‘पीटीआई-भाषा को इसके बारे में बताया था.
सूत्रों ने बताया था कि कोलकाता के आरएमडी मुख्यालय (RMD Headquater) के अधीन संचालित माइंस का नियंत्रण अब सेल के ओडिशा स्थित राउरकेला इस्पात संयंत्र और झारखंड में बोकारो इस्पात प्रबंधन को सौंपने का निर्णय लिया गया है.
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दो संस्थानों को बचाने का किया आग्रह
मित्रा ने पत्र में कहा गया है कि मैं मीडिया से यह जानकर स्तब्ध हूं कि आरएमडी को बंद किया जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप इस कोविड महामारी के बीच कई अनुबंधित कर्मचारियों को नुकसान होगा.
मित्रा ने कहा कि वह यह सुनकर व्यथित हैं कि सेल के शीर्ष प्रबंधन ने अनौपचारिक रूप से श्रमिक संघों को बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण रणनीतिक निर्णय के पीछे केंद्रीय इस्पात मंत्री खुद हैं. उन्होंने कहा कि मैं आपसे अपने अधिकारियों को आरएमडी को बंद करने से रोकने और पीएसयू के दो प्रतिष्ठित और लाभदायक संस्थानों को बचाने के लिए निर्देश देने का आग्रह करता हूं.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने हाल ही में आरोप लगाया था कि कोलकाता में सेल के आरएमडी मुख्यालय को बंद करने का निर्णय केंद्र द्वारा राज्य के खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
(पीटीआई-भाषा)