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पहली बार होगी बड़े शाकाहारी जानवरों की गणना

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Published : Sep 22, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 1:31 PM IST

बंगाल के वन्यजीव अधिकारी देबल रॉय ने बताया कि पहले बाघों की गणना केवल बड़ी बिल्लियों को ध्यान में रखकर की जाती थी, लेकिन इस साल से अखिल भारतीय समन्वित बाघ गणना द्वारा निर्धारित गणना में बड़े शाकाहारी जानवरों को भी शामिल किया जाएगा.

बाघों की गणना
बाघों की गणना

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार इस साल पहली बार बाघों की गणना के दौरान हिरण और हाथियों जैसे बड़े शाकाहारी जानवरों की गिनती कराएगी. एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने बताया कि पहले बाघों की गणना केवल बड़ी बिल्लियों को ध्यान में रखकर की जाती थी, लेकिन इस साल से अखिल भारतीय समन्वित बाघ गणना द्वारा निर्धारित गणना में बड़े शाकाहारी जानवरों को भी शामिल किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि बाघों के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए शाकाहारी जानवर महत्वपूर्ण हैं. इसलिए, यह जानना जरूरी है कि वन क्षेत्र में बाघों के साथ कितने शाकाहारी जानवर हैं. रॉय ने कहा कि क्षेत्र के आधार पर हिरण, मृग, गौर, गैंडा और हाथियों की गिनती की जाएगी.

2019-2020 की गणना के अनुसार, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में बाघों की संख्या 95 है. वन विभाग को उम्मीद है कि आगामी गणना दिसंबर में शुरू होगी और जनवरी तक जारी रहेगी और इससे अधिक आंकड़े सामने आएंगे.

रॉय ने कहा, कैमरा ट्रैपिंग तकनीक के अलावा, अन्य सांख्यिकीय मॉडलों का उपयोग सबसे संभावित आंकड़े और न्यूनतम संभावित आंकड़े तक पहुंचने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) गणना के बाद आंकड़ों का विश्लेषण करेगा.

यह भी पढ़ें- सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा रॉयल बंगाल टाइगर का ये वीडियो

देबल रॉय ने कहा कि इस बार बाघों की गणना में सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान, बक्सा टाइगर रिजर्व, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान, जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान और छपरामारी राष्ट्रीय उद्यान को कवर किया जाएगा.

(पीटीआई)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार इस साल पहली बार बाघों की गणना के दौरान हिरण और हाथियों जैसे बड़े शाकाहारी जानवरों की गिनती कराएगी. एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने बताया कि पहले बाघों की गणना केवल बड़ी बिल्लियों को ध्यान में रखकर की जाती थी, लेकिन इस साल से अखिल भारतीय समन्वित बाघ गणना द्वारा निर्धारित गणना में बड़े शाकाहारी जानवरों को भी शामिल किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि बाघों के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए शाकाहारी जानवर महत्वपूर्ण हैं. इसलिए, यह जानना जरूरी है कि वन क्षेत्र में बाघों के साथ कितने शाकाहारी जानवर हैं. रॉय ने कहा कि क्षेत्र के आधार पर हिरण, मृग, गौर, गैंडा और हाथियों की गिनती की जाएगी.

2019-2020 की गणना के अनुसार, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में बाघों की संख्या 95 है. वन विभाग को उम्मीद है कि आगामी गणना दिसंबर में शुरू होगी और जनवरी तक जारी रहेगी और इससे अधिक आंकड़े सामने आएंगे.

रॉय ने कहा, कैमरा ट्रैपिंग तकनीक के अलावा, अन्य सांख्यिकीय मॉडलों का उपयोग सबसे संभावित आंकड़े और न्यूनतम संभावित आंकड़े तक पहुंचने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) गणना के बाद आंकड़ों का विश्लेषण करेगा.

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देबल रॉय ने कहा कि इस बार बाघों की गणना में सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान, बक्सा टाइगर रिजर्व, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान, जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान और छपरामारी राष्ट्रीय उद्यान को कवर किया जाएगा.

(पीटीआई)

Last Updated : Sep 22, 2021, 1:31 PM IST
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