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मोदी सरकार पर अमर्त्य सेन की टिप्पणी पूरी तरह से राजनीतिक: भाजपा - मोदी सरकार पर अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कोरोना से लड़ाई को लेकर बयान दिया था. उनका कहना था कि सरकार में भ्रम के कारण कोरोना संकट से खराब तरीके के निपटने की वजह से भारत अपनी क्षमताओं के साथ काम नहीं कर सका. इस पर भाजपा की बंगाल इकाई ने निशाना साधा है. भाजपा ने इसे पूरी तरह से राजनीति से जुड़ा बयान बताया है.

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन
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Published : Jun 6, 2021, 3:05 AM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की उस टिप्पणी को पूर्ण रूप से राजनीतिक करार दिया है जिसमें सेन ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 'भ्रम में रहते हुए' कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए काम करने के बजाय अपने कामों का श्रेय लेने पर ध्यान केंद्रित किया. इससे 'स्किजोफ्रेनिया' की स्थिति बन गई और काफी दिक्कतें पैदा हुईं.

स्किजोफ्रेनिया एक गंभीर मनोरोग होता है जिसमें रोगी वास्तविक और काल्पनिक संसार में भेद नहीं कर पाता.

प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि वह पूरी दुनिया के सामने सरकार की लगातार आलोचना नहीं कर सकते. प्रख्यात अर्थशास्त्री सेन ने शुक्रवार देर शाम को राष्ट्र सेवा दल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकार में भ्रम के कारण संकट से खराब तरीके के निपटने की वजह से भारत अपनी क्षमताओं के साथ काम नहीं कर सका.

पढ़ें-मोदी सरकार के 'भ्रम' के कारण कोरोना संकट पैदा हुआ : अमर्त्य सेन

उन्होंने कहा कि सरकार ने जो किया उसका श्रेय लेने की इच्छुक दिखाई दी जबकि उसे यह सुनिश्चित करना था कि भारत में यह महामारी न फैले. इसका नतीजा काफी हद तक स्किजोफ्रेनिया जैसा था.

समिक भट्टाचार्य ने साधा निशाना

भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं उतना अधिक अहंकारी नहीं कि यह कहूं कि सेन की आयु अधिक हो गई है और उन्हें काउंसलिंग की जरूरत है. हालांकि, हमें मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले की भी उनकी टिप्पणियों को नहीं भूलना चाहिए. सेन ने प्रधानमंत्री और केंद्र के खिलाफ जो भी कहा, वह पूरी तरह से राजनीतिक टिप्पणी है.'

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की उस टिप्पणी को पूर्ण रूप से राजनीतिक करार दिया है जिसमें सेन ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 'भ्रम में रहते हुए' कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए काम करने के बजाय अपने कामों का श्रेय लेने पर ध्यान केंद्रित किया. इससे 'स्किजोफ्रेनिया' की स्थिति बन गई और काफी दिक्कतें पैदा हुईं.

स्किजोफ्रेनिया एक गंभीर मनोरोग होता है जिसमें रोगी वास्तविक और काल्पनिक संसार में भेद नहीं कर पाता.

प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि वह पूरी दुनिया के सामने सरकार की लगातार आलोचना नहीं कर सकते. प्रख्यात अर्थशास्त्री सेन ने शुक्रवार देर शाम को राष्ट्र सेवा दल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकार में भ्रम के कारण संकट से खराब तरीके के निपटने की वजह से भारत अपनी क्षमताओं के साथ काम नहीं कर सका.

पढ़ें-मोदी सरकार के 'भ्रम' के कारण कोरोना संकट पैदा हुआ : अमर्त्य सेन

उन्होंने कहा कि सरकार ने जो किया उसका श्रेय लेने की इच्छुक दिखाई दी जबकि उसे यह सुनिश्चित करना था कि भारत में यह महामारी न फैले. इसका नतीजा काफी हद तक स्किजोफ्रेनिया जैसा था.

समिक भट्टाचार्य ने साधा निशाना

भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं उतना अधिक अहंकारी नहीं कि यह कहूं कि सेन की आयु अधिक हो गई है और उन्हें काउंसलिंग की जरूरत है. हालांकि, हमें मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले की भी उनकी टिप्पणियों को नहीं भूलना चाहिए. सेन ने प्रधानमंत्री और केंद्र के खिलाफ जो भी कहा, वह पूरी तरह से राजनीतिक टिप्पणी है.'

(पीटीआई-भाषा)

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