भरतपुर: फर्जी न्यूड वीडियो जैसे साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजस्थान का कुख्यात साइबर क्राइम गैंग फिर से पुलिस के निशाने पर हैं. हाल ही हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस राजस्थान के भरतपुर पहुंची जहां उन्होंने घोटालेबाजों को गिरफ्तार कर उच्च न्यायालय में पेश किया. इन साइबर क्राइम गिरोहों ने पिछले 6 महीनों में ही कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की उगाही की है.
ये गिरोह लोगों को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करते हैं जिसमें एक नग्न महिला लक्षित पीड़ित व्यक्ति के साथ चैट करती है. फिर वे पीड़ित को एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग ऐप का उपयोग करके महिला के साथ चैट करते हुए रिकॉर्ड करते हैं. इसके बाद ये पीड़ितों को ब्लैकमेल करने के लिए ये वीडियो भेजते हैं जिससे ये धनउगाही कर सकें.
ये घोटालेबाज मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में स्थित युवाओं और पेशेवरों को फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया ऐप के माध्यम से टार्गेट करते हैं और एक-दो दिन उनसे बात करने के बाद फोन नंबर एक्सचेंज कर लेते हैं. इसके बाद पीड़ितों को व्हाट्सएप या अन्य वीडियो-सक्षम प्लेटफॉर्म पर एक महिला से नग्न वीडियो कॉल आती है.
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कुछ दिनों के नग्न वीडियो कॉल के बाद, जालसाज पीड़िता को नग्न होने के लिए कहते हैं. एक बार जब पीड़ित अपने कपड़े उतार देता है, तब वे उन्हें अपना चेहरा दिखाने का लालच देते हैं. इस दौरान पूरी कॉल रिकॉर्ड की जाती है और रिकॉर्ड की गई इन वीडियो क्लिप्स का इस्तेमाल पीड़ितों को ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता है जिसके बाद पीड़ितों के पास मोटी रकम चुकाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है. जांच में हैदराबाद साइबर सेल अधिकारियों को पता चला कि कॉल करने वाली वास्तविक महिलाएं नहीं थीं.
हाल ही में जुबली हिल्स के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की फेसबुक पर एक महिला होने का नाटक करने वाले साइबर अपराधी से दोस्ती हुई. कुछ हफ्तों के बाद, घोटालेबाज ने पीड़िता के नग्न वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दी और 12 लाख रुपये की उगाही की.
इसी तरह अशोक नगर में एक डॉक्टर को एक अनजान महिला का व्हाट्सएप कॉल आया जिसने डॉक्टर से कैमरे पर नग्न होने के लिए कहा. हालाँकि उसने पहले तो मना कर दिया, लेकिन महिला के बार-बार आग्रह करने पर उसने बात मान ली. इस दौरान वीडियो कॉल रिकॉर्ड की गई जिलके बाद उसे धमकियां मिलने लगीं. पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने साइबर जालसाजों को 15 लाख रुपये ट्रांसफर किए.
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थितियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि सोशल मीडिया पर खातों को निजी रखा जाए और अजनबियों से मित्र अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया जाए. इसके अतिरिक्त, जबरन वसूली का शिकार होने के बजाय साइबर अपराध विभाग से शिकायत की जाए.