नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को केंद्र सरकार को बलवंत सिंह राजोआना की उस याचिका पर दो महीने के भीतर फैसला लेने का निर्देश दिया, जिसमें उसने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (former Punjab chief minister Beant Singh) की 1995 में हुई हत्या मामले में खुद को सुनाई गई मौत की सजा को लगभग 26 साल से जेल में कैद होने के आधार पर आजीवन कारावास में बदलने का अनुरोध किया है.
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले में शीर्ष अदालत में अन्य सह-दोषियों की अपीलों का लंबित होना राजोआना की याचिका पर फैसला लेने के आड़े नहीं आएगा. पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना को 31 अगस्त 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर हुए एक विस्फोट में संलिप्तता का दोषी ठहराया गया था. इस विस्फोट में बेअंत सिंह और 16 अन्य लोगों की मौत हो गई थी.
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सर्वोच्च अदालत राजोआना की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने इस आधार पर मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की है कि वह 26 साल से जेल में है. जुलाई 2007 में एक विशेष अदालत ने बेअंत सिंह हत्या मामले में राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी.