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क्रिकेट टीम के खाने पर बवाल, नए डाइट प्लान में हलाल मीट अनिवार्य, कटघरे में बीसीसीआई

भारतीय क्रिकेट टीम के नए डाइट प्लान को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है. दरअसल, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकेटरों के लिये 'हलाल' मांस भेजने की सिफारिश की है. नए डाइट प्लान से पोर्क (सूअर का मांस) और बीफ (गौमांस) को हटा दिया गया है. नए डाइट प्लान की आलोचना हो रही है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

कटघरे में बीसीसीआई
कटघरे में बीसीसीआई
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Published : Nov 23, 2021, 10:49 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) मंगलवार को तब विवादों से घिर गया जब पता चला कि न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में पहले टेस्ट मैच के दौरान भारतीय क्रिकेटरों के लिये केवल 'हलाल' मांस (halal meat) की सिफारिश की गई है. भारतीय क्रिकेटरों के लिये जो व्यंजन सूची (मेन्यू) तैयार किया गया है, उसकी एक प्रति पीटीआई के पास भी है. इसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि पोर्क (सूअर का मांस) और बीफ (गौमांस) किसी भी रूप में भोजन का हिस्सा नहीं होने चाहिए.

भाजपा ने सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और एडवोकेट गौरव गोयल (BJP spokesperson and advocate Gaurav Goel) ने इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की है. गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी वीडियो में कहा, 'खिलाड़ी कुछ भी खाना चाहते हैं वह खायें, यह उनकी मर्जी है, लेकिन बीसीसीआई को यह अधिकार किसने दिया है वह 'हलाल' मांस की सिफारिश करे.' उन्होंने कहा, 'यह फैसला सही नहीं है. इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.'

इस संबंध में जब पीटीआई ने बीसीसीआई के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया तो कोई भी प्रतिक्रिया देने के लिये तैयार नहीं था. माना जा रहा है कि भोजन की यह सूची खिलाड़ियों के पोषण को ध्यान में रखते हुए सहयोगी स्टॉफ और चिकित्सा दल ने तैयार की है.

हिंदू और सिख अमूमन 'झटका' वाला मांस (jhatka meat), जबकि मुस्लिम 'हलाल' मांस (Halal meat) खाना पसंद करते हैं. हलाल में जानवर के गले की नस को काटकर तब तक छोड़ दिया जाता है, जब तक कि उसका पूरा खून नहीं निकल जाए. झटका में जानवर के गर्दन पर तेज धारदार हथियार से वार करके उसे तुरंत मार दिया जाता है.

एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि सूअर का मांस (pork meat) और गौमांस (beef meat) को भोजन सामग्री में शामिल नहीं करना आश्चर्यजनक नहीं हैं, लेकिन इस बारे में कभी लिखित निर्देश नहीं दिये गये. इस क्रिकेटर ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, 'जब मैं टीम में था तो मैच के दिनों में कभी ड्रेसिंग रूम में गौमांस या सूअर का मांस नहीं भेजा गया. भारत में तो कम से कम कभी नहीं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि लिखित निर्देश देने के अलावा इसमें कुछ भी नया है.'

उन्होंने कहा, 'इससे पहले कि कोई इसका कुछ अर्थ लगाये, क्रिकेटरों को कभी गौमांस खाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इसमें बकरे के मांस की तरह काफी मात्रा में वसा होती है. हमें हमेशा कम प्रोटीनयुक्त भोजन करने की सलाह दी जाती रही जैसा कि मुर्गे के मांस या मछली में होता है.'

यह भी पढ़ें- IND vs NZ, 1st Test: केएल राहुल पहले टेस्ट से हुए बाहर, सूर्यकुमार यादव को टीम में शामिल किया गया

व्यंजन सामग्री में दो तरह के मांस का जिक्र किया गया है. चिकन (मुर्गे का मांस) और भेड़ का मांस. सूचीबद्ध मांसाहारी भोजन में भुना हुआ चिकन, भेड़ का भुना हुआ मांस, काली मिर्च सॉस के साथ भेड़ के मांस के चॉप, मुर्ग यखनी, चिकन थाई करी, मसालेदार ग्रील्ड चिकन, गोवा मछली करी, टंगड़ी कबाब और लहसुन की चटनी के साथ तला हुआ चिकन शामिल हैं.

श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच गुरुवार से कानपुर में शुरू होगा जबकि दूसरा मैच तीन दिसंबर से मुंबई में खेला जाएगा.

(भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) मंगलवार को तब विवादों से घिर गया जब पता चला कि न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में पहले टेस्ट मैच के दौरान भारतीय क्रिकेटरों के लिये केवल 'हलाल' मांस (halal meat) की सिफारिश की गई है. भारतीय क्रिकेटरों के लिये जो व्यंजन सूची (मेन्यू) तैयार किया गया है, उसकी एक प्रति पीटीआई के पास भी है. इसमें स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि पोर्क (सूअर का मांस) और बीफ (गौमांस) किसी भी रूप में भोजन का हिस्सा नहीं होने चाहिए.

भाजपा ने सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और एडवोकेट गौरव गोयल (BJP spokesperson and advocate Gaurav Goel) ने इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की है. गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी वीडियो में कहा, 'खिलाड़ी कुछ भी खाना चाहते हैं वह खायें, यह उनकी मर्जी है, लेकिन बीसीसीआई को यह अधिकार किसने दिया है वह 'हलाल' मांस की सिफारिश करे.' उन्होंने कहा, 'यह फैसला सही नहीं है. इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.'

इस संबंध में जब पीटीआई ने बीसीसीआई के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया तो कोई भी प्रतिक्रिया देने के लिये तैयार नहीं था. माना जा रहा है कि भोजन की यह सूची खिलाड़ियों के पोषण को ध्यान में रखते हुए सहयोगी स्टॉफ और चिकित्सा दल ने तैयार की है.

हिंदू और सिख अमूमन 'झटका' वाला मांस (jhatka meat), जबकि मुस्लिम 'हलाल' मांस (Halal meat) खाना पसंद करते हैं. हलाल में जानवर के गले की नस को काटकर तब तक छोड़ दिया जाता है, जब तक कि उसका पूरा खून नहीं निकल जाए. झटका में जानवर के गर्दन पर तेज धारदार हथियार से वार करके उसे तुरंत मार दिया जाता है.

एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि सूअर का मांस (pork meat) और गौमांस (beef meat) को भोजन सामग्री में शामिल नहीं करना आश्चर्यजनक नहीं हैं, लेकिन इस बारे में कभी लिखित निर्देश नहीं दिये गये. इस क्रिकेटर ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, 'जब मैं टीम में था तो मैच के दिनों में कभी ड्रेसिंग रूम में गौमांस या सूअर का मांस नहीं भेजा गया. भारत में तो कम से कम कभी नहीं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि लिखित निर्देश देने के अलावा इसमें कुछ भी नया है.'

उन्होंने कहा, 'इससे पहले कि कोई इसका कुछ अर्थ लगाये, क्रिकेटरों को कभी गौमांस खाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इसमें बकरे के मांस की तरह काफी मात्रा में वसा होती है. हमें हमेशा कम प्रोटीनयुक्त भोजन करने की सलाह दी जाती रही जैसा कि मुर्गे के मांस या मछली में होता है.'

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व्यंजन सामग्री में दो तरह के मांस का जिक्र किया गया है. चिकन (मुर्गे का मांस) और भेड़ का मांस. सूचीबद्ध मांसाहारी भोजन में भुना हुआ चिकन, भेड़ का भुना हुआ मांस, काली मिर्च सॉस के साथ भेड़ के मांस के चॉप, मुर्ग यखनी, चिकन थाई करी, मसालेदार ग्रील्ड चिकन, गोवा मछली करी, टंगड़ी कबाब और लहसुन की चटनी के साथ तला हुआ चिकन शामिल हैं.

श्रृंखला का पहला टेस्ट मैच गुरुवार से कानपुर में शुरू होगा जबकि दूसरा मैच तीन दिसंबर से मुंबई में खेला जाएगा.

(भाषा)

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