बठिंडा : किसान आंदोलन दौरान विवादों में रहीं मशहूर अदाकारा कंगन रनौत को बठिंडा की अदालत ने समन (Bathinda court summons Actress Kangana Ranaut) जारी किया है. किसान आंदोलन में शामिल रहीं महिन्द्र कौर की तस्वीर को ट्वीट करने पर कंगना इस पचड़े में फंसती दिख रही हैं. कंगना ने महिन्द्र कौर की तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल से शेयर कर लिखा था, ऐसे लोग सौ-सौ रुपए की दिहाड़ी पर प्रदर्शनों में शामिल होते हैं.
अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए महिन्द्र कौर ने कहा था कि कंगना की टिप्पणी (kangana ranaut mahinder kaur tweet) से उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है. महिन्द्र कौर की याचिका पर बठिंडा की अदालत में कंगना के खिलाफ जनवरी, 2021 में मामला सूचीबद्ध हुआ था.
कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज मानहानि के मामले (kangana bathinda defamation case) में अदालत ने सभी सबूतों को जांच पड़ताल की. अब कंगना को 19 मार्च को बठिंडा अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया गया है. इस मामले में वकील रघुवीर सिंह बहणीवाल ने बताया कि यदि अदाकारा कंगन रनौत अदालत में पेश नहीं होती हैं तो उनके खिलाफ वारंट भी जारी किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस मामले में कंगन को दो साल तक की सजा हो सकती है.
गौरतलब है की कंगना ने वर्ष 2020 में जारी किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर हैंडल- @KanganaTeam से किए गए एक ट्वीट में लिखा गया था कि यह वही दादी हैं जिन्हें टाइम मैगजीन ने सबसे प्रभावी महिलाओं में चुना था. ऐसे लोग 100 रुपये में मिल जाते हैं.
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कंगना रनौत के इस ट्वीट में लिखा गया था कि पाकिस्तान के पत्रकारों ने इंटरनेशनल पब्लिक रिलेशंस को हाइजैक कर भारत के खिलाफ शर्मनाक तरीके से काम किया है. उन्होंने आह्वान किया था कि भारत के लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए.
बता दें कि किसान आंदोलन में शामिल जिस बुजुर्ग को कंगना ने 'टाइम मैगजीन वाली दादी...' समझा वह पंजाब की बुजुर्ग महिला हैं. कंगना ने इस महिला को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल महिला बिलकिस दादी समझा और 'अपमानजनक' टिप्पणी की. हालांकि, बाद में कंगना ने ट्वीट डिलीट भी कर दिया था.
कंगना ने जिस बुजुर्ग महिला की तस्वीर ट्वीट की थी, उनका नाम महेन्द्र कौर है. 80 साल से अधिक उम्र की यह महिला महिन्द्र कौर पंजाब के बठिंडा जिले के बहादुरगढ़ जंडिया गांव में रहती हैं. विवाद शुरू होने के समय महिन्द्र कौर ने कहा था, वे चाहें तो कंगना को अपने खेत में नौकरानी रख सकती हैं. उन्होंने कहा था, कंगना जैसी सात महिलाएं उनके खेत में मजदूरी करती हैं, कंगना भी काम करना चाहें तो उन्हें सात सौ रुपये दिहाड़ी देंगी.
किसान आंदोलन के संबंध में महिंदर कौर ने कहा था, उनका परिवार करीब 20 साल से किसान यूनियन से जुड़ा है. उन्होंने बताया था कि उनके घर में पति लाभ सिंह, बेटा और पुत्रवधू हैं. सभी धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हौसला बढ़ाते हैं.
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दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य ने भेजा नोटिस
यह भी दिलचस्प है कि किसानों पर आपत्तिजनक बयान देने के लिए कंगना को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (DSGMC) के सदस्य की ओर से भी नोटिस भेजा जा चुका है. कानूनी नोटिस में डीएसजीएमसी सदस्य जस्मैन सिंह नोनी के वकील हरप्रीत सिंह होरा ने कहा था, जब अवैध अतिक्रमण मामले में मुंबई में कंगना रनौत के परिसर के एक हिस्से को ढहाया गया तो जिस प्रकार कंगना ने बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की कार्रवाई को मौलिक अधिकारों पर हमला बताया, उसी तरह संविधान के तहत किसानों को भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है. वह किसानों का अपमान नहीं कर सकतीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंगना को डीएसजीएमसी के नोटिस में कहा गया, कंगना को अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसी बुजुर्ग महिला को अपमानित करने का अधिकार नहीं. यह नफरत फैलाने वाली हरकत है.