मुंबई : दो महीने पहले उसकी शादी हुई थी और उसने अपने परिवार से वादा किया था कि बार्ज से वापस घर आ कर वह अपने विवाह की तस्वीरों के एलबम को अंतिम रूप देगा. लेकिन वह अपने परिवार से किए गए वादे को पूरा नहीं कर पाया.
....यह किसी कहानी या उपन्यास का अंश नहीं है, बल्कि हाल ही में हुए बार्ज हादसे में मारे गए 37 साल के विशाल कटदारे की भयानक सच्चाई है, क्योंकि परिजनों से किया हुआ उसका वादा अब कभी पूरा नहीं होगा. विशाल बार्ज पी 305 पर मौजूद थे और घर लौटने के सपने देख रहे थे कि इसी दौरान यह बार्ज चक्रवात तौकते की चपेट आकर डूब गया जिससे उनकी मौत हो गई.
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के अम्बरनाथ शहर के रहने वाले विशाल बार्ज पर क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर के रूप में तैनात थे. वह बार्ज पर तैनात उन 37 लोगों में शामिल थे जिनके शव बुधवार को मुंबई के तट पर पहुंचे.
विशाल के मित्र पवन कुलकर्णी ने कहा, 'मैं विशाल को तब से जानता हूं जब हम पांचवी कक्षा में पढ़ते थे. वह एक सामान्य व्यक्ति था जिसे अपने परिवार से प्यार था.' पवन ने बताया, 'अभी दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी और उसके विवाह की तस्वीरों का एलबम भी नहीं बना था. विशाल ने अपने परिवार के सदस्यों से कहा था कि वह बार्ज पर से लौटने के बाद तस्वीरों का चयन करेगा और एलबम को अंतिम रूप देगा. बार्ज को 26 को वापस लौटना था.' कुलकर्णी ने कहा कि जब उसके परिजनों और दोस्तों को उसकी मृत्यु की खबर मिली तो प्रत्येक व्यक्ति स्तब्ध रह गया.
विशाल के परिवार में 80 साल के पिता, 75 साल की मां, उसकी पत्नी, बड़ी बहन और भाई है. भाई बहनों में वह सबसे छोटा था.
कुलकर्णी ने कहा, 'उसके बहुत सारे सपने थे और अपने परिवार के लिए कई चीजें करना चाहता था, लेकिन अब सब समाप्त हो गया.' उन्होंने कहा कि विशाल और उसके 32 साल के सहयोगी दीपक टीके को जब नौसेना ने बचाया तो वह 12 घंटे से पानी में थे .
नौसेना ने महसूस किया कि विशाल अर्द्ध चेतन अवस्था में है किंतु बाद में उसकी मौत हो गई. हालांकि, दीपक जीवित बच गया.
उसके दोस्त ने बताया, 'दीपक ने हमसे कहा कि विशाल ने उसे पीछे से कस कर पकड़ लिया था और बचाए जाने तक वे इसी अवस्था में थे.
उसने कहा कि तैरने के उनके प्रयास के दौरान विशाल ने दीपक को बताया कि यह उसका आखिरी मौका होगा जब वह समुद्र में है और नौकरी के लिए अब कभी वापस नहीं लौटेगा.
कुलकर्णी के अनुसार उन लोगों ने पोस्टमार्टम के बाद विशाल का शव जेजे अस्पताल से प्राप्त किया.
उन्होंने कहा, 'हमें पता चला कि उसका चेहरा और हाथ सफेद पड़ गया था क्योंकि वह लंबे समय से पानी में था....जब हम उसके शव को लेकर उसके घर गए तो उसके रोते विलखते परिजनों को देख कर कोई भी अपने आंसू नहीं रोक सका.' उन्होंने बताया कि विशाल को तैरना नहीं आता था लेकिन इसके बावजूद उसे नौकरी मिली और ऐसा ही दीपक टीके के साथ भी था.
'कंपनी प्रशिक्षण दिए बगैर ऐसे कैसे भेज सकती है'
कुलकर्णी ने पूछा, 'कैसे कोई कंपनी इस तरह की ड्यूटी पर, ऐसी परिस्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिए बगैर लोगों को भेज सकती है.' उसने जानना चाहा कि, चक्रवात के बारे में सबको पता था, तो बार्ज को तट पर क्यों नहीं लाया गया.
इंजीनियर के दोस्त ने कहा, 'विशाल पिछले महीने बार्ज पर गया था. चक्रवात की चपेट में आने के बाद बार्ज डूबने लगा. उसने रविवार को दोपहर करीब एक बजे पत्नी को मैसेज किया था.
कुलकर्णी ने बताया कि मैसेज में विशाल ने कहा था कि चक्रवात की स्थिति के कारण बार्ज तट की ओर जा रहा है और वे सब सुरक्षित घर लौट आयेंगे.
उन्होंने कहा, 'इस मामले की जांच होनी चाहिए कि चक्रवात की चेतावनी के बावजूद बार्ज समुद्र में कैसे रुका रहा.' उसने आरोप लगाया कि अफकोंस कंपनी को बार्ज को तट की ओर वापस लौटने के लिए एक कॉल करना था, लेकिन इसने ऐसा नहीं किया .
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उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों ने हमें बताया कि बार्ज के कप्तान की समुद्र में बने रहने की जिद थी क्योंकि वह इस बात को लेकर आश्वस्त था कि चक्रवात से उन लोगों को हानि नहीं होगी.' लेकिन जैसे ही बार्ज डूबने लगा, कैप्टन बिना लाइफ जैकेट के पानी में कूद गया.
उल्लेखनीय है कि अरब सागर में बार्ज के डूबने की घटना में उस पर मौजूद 49 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 26 अब भी लापता हैं. यह बार्ज ओएनजीसी की परियोजना पर तैनात था.
(पीटीआई-भाषा)