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हिसार बैंक डकैती मामला: अमीर बनने की भूख में अपराधी बन गया अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट

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Published : Apr 26, 2022, 8:38 PM IST

हिसार बैंक लूट (bank robbery case in hisar) मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस वारदात का मास्टमाइंड कोई अपराधी नहीं बल्कि देश की सरहद का रक्षक और जूडो में गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी है. जिसके इलाके के युवा कभी उसके जैसा बनना चाह रहे थे. आज वही उसके नाम से युवा शर्मसार हैं.

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हिसार: हरियाणा के हिसार बैंक लूट केस (bank robbery case in hisar) का खुलासा जब पुलिस ने किया तो हरियाणा का हर शख्स हैरान रह गया. पुलिस की तफ्तीश जब अंजाम तक पहुंची तो इसमें इस वारदात का मास्टरमाइंड ऐसा शख्स निकला जो जूडो में गोल्ड मेडलिस्ट और आईटीबीपी का जवान है. ये सुनते ही हरियाणा का हर शख्स सन्न रह गया. इस शख्स का नाम है सोनी छाबा. पुलिस ने सोमवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिनमें से एक आरोपी सोनी छाबा भी है. छाबा अभी दिल्ली में बतौर कांस्टेबल आईटीबीपी में तैनात है.

हिसार बैंक लूट का मास्टरमाइंड ये वही सोनी छाबा है जिसने यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को जूडो में गोल्ड मेडल दिलाया था. हरियाणा सरकार की तरफ से सोनी को 25 से 30 लाख रुपये का कैश अवॉर्ड भी दिया गया. सोनी छाबा हिसार के नंगथला गांव का रहने वाला है. गांव के युवा सोनी को अपना आदर्श मानते थे. लेकिन इस वारदात के बाद गांव के लोगों का सिर शर्म से झुक गया है. सोनी छाबा ने वर्ष 2017 यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स (Youth Commonwealth Games 2017) के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के भामास को हराकर स्वर्ण पदक जीता था. उसके कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने का पूरा खर्च जूडो फैडरेशन ने वहन किया था.

पदक जीतने के बाद केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार की तरफ से सोनी को कैश अवॉर्ड दिया गया था. इस जीत के बाद हिसार के नंगथला गांव के लोगों ने उसका भव्य स्वागत भी किया. यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में मिली शोहरत और इनाम में आई राशि से उसे ऐशो आराम मिला. इस शोहरत को शायद सोनी संभाल नहीं पाया. उसे ऐशोआराम की ऐसी तलब लगी कि उसने अपराधी की दुनिया में जाने का फैसला कर लिया. 12वीं पास सोनी छाबा को खेल कोटे से आईटीबीपी की नौकरी भी मिली. इससे पहले वो कांस्टेबल की नौकरी छोड़ने का प्रयास भी कर चुका है. लग्जरी लाइफ में वो इतना डूब गया कि खर्च चलाने के लिए डकैती तक का सफर चुन लिया.

ये भी पढ़ें- हिसार बैंक लूट मामला: 5 आरोपी गिरफ्तार, ITBP का जवान निकला मास्टरमाइंड, जूडो में है गोल्ड मेडलिस्ट

गिरफ्तारी के बाद से ही जो खबरें निकलकर सामने आ रही हैं उसके मुताबिक बड़ी कारों में घूमने और लग्जरी लाइफ के चलते सोनी के खर्चे बढ़ते जा रहे थे. खेल पीछे छूट गया था और वो हमेशा इसी फिराक में रहता कि करोड़ों रुपये कहां से जुटाए जाएं. इस बीच हिसार के महावीर स्टेडियम में उसकी मुलाकात प्रदीप सहुई से हुई. जो आर्म्स एक्ट के मुकदमे में जेल जा चुका था. दोनों मिलकर पैसे लूटने की प्लानिंग करने लगे. इस दौरान सोनी और प्रदीप सोनीपत के नवीन के संपर्क में आए. नवीन के दो और दोस्त विकास और सोनू थे. पांचों ने गैंग बनाकर बैंक लूटने का प्लान बनाया. इसी गैंग ने हिसार के आजाद नगर बैंक में रेकी कर लूट की वारदात को अंजाम दिया. इस वारदात के बाद गांव के लोगों ने बस इतना ही कहा कि 'छोरे ने गांव का नाम डुबो दिया.

हिसार: हरियाणा के हिसार बैंक लूट केस (bank robbery case in hisar) का खुलासा जब पुलिस ने किया तो हरियाणा का हर शख्स हैरान रह गया. पुलिस की तफ्तीश जब अंजाम तक पहुंची तो इसमें इस वारदात का मास्टरमाइंड ऐसा शख्स निकला जो जूडो में गोल्ड मेडलिस्ट और आईटीबीपी का जवान है. ये सुनते ही हरियाणा का हर शख्स सन्न रह गया. इस शख्स का नाम है सोनी छाबा. पुलिस ने सोमवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिनमें से एक आरोपी सोनी छाबा भी है. छाबा अभी दिल्ली में बतौर कांस्टेबल आईटीबीपी में तैनात है.

हिसार बैंक लूट का मास्टरमाइंड ये वही सोनी छाबा है जिसने यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को जूडो में गोल्ड मेडल दिलाया था. हरियाणा सरकार की तरफ से सोनी को 25 से 30 लाख रुपये का कैश अवॉर्ड भी दिया गया. सोनी छाबा हिसार के नंगथला गांव का रहने वाला है. गांव के युवा सोनी को अपना आदर्श मानते थे. लेकिन इस वारदात के बाद गांव के लोगों का सिर शर्म से झुक गया है. सोनी छाबा ने वर्ष 2017 यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स (Youth Commonwealth Games 2017) के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के भामास को हराकर स्वर्ण पदक जीता था. उसके कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने का पूरा खर्च जूडो फैडरेशन ने वहन किया था.

पदक जीतने के बाद केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार की तरफ से सोनी को कैश अवॉर्ड दिया गया था. इस जीत के बाद हिसार के नंगथला गांव के लोगों ने उसका भव्य स्वागत भी किया. यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में मिली शोहरत और इनाम में आई राशि से उसे ऐशो आराम मिला. इस शोहरत को शायद सोनी संभाल नहीं पाया. उसे ऐशोआराम की ऐसी तलब लगी कि उसने अपराधी की दुनिया में जाने का फैसला कर लिया. 12वीं पास सोनी छाबा को खेल कोटे से आईटीबीपी की नौकरी भी मिली. इससे पहले वो कांस्टेबल की नौकरी छोड़ने का प्रयास भी कर चुका है. लग्जरी लाइफ में वो इतना डूब गया कि खर्च चलाने के लिए डकैती तक का सफर चुन लिया.

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गिरफ्तारी के बाद से ही जो खबरें निकलकर सामने आ रही हैं उसके मुताबिक बड़ी कारों में घूमने और लग्जरी लाइफ के चलते सोनी के खर्चे बढ़ते जा रहे थे. खेल पीछे छूट गया था और वो हमेशा इसी फिराक में रहता कि करोड़ों रुपये कहां से जुटाए जाएं. इस बीच हिसार के महावीर स्टेडियम में उसकी मुलाकात प्रदीप सहुई से हुई. जो आर्म्स एक्ट के मुकदमे में जेल जा चुका था. दोनों मिलकर पैसे लूटने की प्लानिंग करने लगे. इस दौरान सोनी और प्रदीप सोनीपत के नवीन के संपर्क में आए. नवीन के दो और दोस्त विकास और सोनू थे. पांचों ने गैंग बनाकर बैंक लूटने का प्लान बनाया. इसी गैंग ने हिसार के आजाद नगर बैंक में रेकी कर लूट की वारदात को अंजाम दिया. इस वारदात के बाद गांव के लोगों ने बस इतना ही कहा कि 'छोरे ने गांव का नाम डुबो दिया.

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