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बैंक के ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप, बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची सोनी पिक्चर्स - नेटवर्क इंडिया

सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया ने मुंबई उच्च न्यायालय का रुख कर कराड शहरी सहकारी बैंक की शिकायत पर आपराधिक मानहानि और ट्रेडमार्क के उल्लंघन के लिए पुणे पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है.

सोनी पिक्चर्स
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Published : Aug 20, 2021, 10:36 PM IST

मुंबई : सोनीलिव ऐप का मालिकाना हक रखने वाले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया ने मुंबई उच्च न्यायालय का रुख कर कराड शहरी सहकारी बैंक (केयूसीबी) की शिकायत पर आपराधिक मानहानि और ट्रेडमार्क के उल्लंघन के लिए पुणे पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है.

सोनी पिक्चर्स ने याचिका में अदालत से कहा कि केयूसीबी द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 'स्कैम 1992' सीरीज की एक कड़ी में इस्तेमाल लोगों शिकायतकर्ता बैंक के लोगों के समान है. जिसे पृष्ठभूमि में दिखाया गया है बैंक ने दावा किया है कि इससे उसकी साख को गंभीर धक्का लगा है.

उच्च न्यायालय में इस महीने दाखिल अपनी याचिका में सोनी पिक्चर्स ने कहा है कि सीरीज की प्रत्येक कड़ी की शुरुआत में एक उद्घोषणा का प्रकाशन किया गया है.कंपनी ने कहा कि प्राथमिकी आधारहीन और बेतुका है. सोनी पिक्चर्स ने अदालत से प्राथमिकी की जांच पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया और पुलिस से आग्रह किया उसके प्रतिनिधियों और कर्मचारियों के खिलाफ तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे जब तक याचिका पर अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती.

इसे भी पढ़ें-'अविभाजित राज्य में आरक्षण पाने वाला व्यक्ति पुनर्गठन के बाद किसी एक राज्य में लाभ का हकदार'

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की पीठ ने पुणे पुलिस को याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. मामले में अंतरिम राहत के लिए अर्जी पर अब 23 अगस्त को सुनवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : सोनीलिव ऐप का मालिकाना हक रखने वाले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया ने मुंबई उच्च न्यायालय का रुख कर कराड शहरी सहकारी बैंक (केयूसीबी) की शिकायत पर आपराधिक मानहानि और ट्रेडमार्क के उल्लंघन के लिए पुणे पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है.

सोनी पिक्चर्स ने याचिका में अदालत से कहा कि केयूसीबी द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 'स्कैम 1992' सीरीज की एक कड़ी में इस्तेमाल लोगों शिकायतकर्ता बैंक के लोगों के समान है. जिसे पृष्ठभूमि में दिखाया गया है बैंक ने दावा किया है कि इससे उसकी साख को गंभीर धक्का लगा है.

उच्च न्यायालय में इस महीने दाखिल अपनी याचिका में सोनी पिक्चर्स ने कहा है कि सीरीज की प्रत्येक कड़ी की शुरुआत में एक उद्घोषणा का प्रकाशन किया गया है.कंपनी ने कहा कि प्राथमिकी आधारहीन और बेतुका है. सोनी पिक्चर्स ने अदालत से प्राथमिकी की जांच पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया और पुलिस से आग्रह किया उसके प्रतिनिधियों और कर्मचारियों के खिलाफ तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे जब तक याचिका पर अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती.

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न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनजे जमादार की पीठ ने पुणे पुलिस को याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. मामले में अंतरिम राहत के लिए अर्जी पर अब 23 अगस्त को सुनवाई होगी.

(पीटीआई-भाषा)

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