ढाका : विदेश मंत्री एस जयशंकर (Minister of External Affairs S jaishankar) ने बृहस्पतिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की, जिन्होंने दोनों पड़ोसियों के बीच संपर्क के महत्व को रेखांकित करते हुए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम और त्रिपुरा के लिए अपने देश के चटगांव बंदरगाह के इस्तेमाल की पेशकश की. चटगांव बंदरगाह बांग्लादेश का मुख्य बंदरगाह है.
संक्षिप्त आधिकारिक यात्रा पर बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे जयशंकर ने हसीना को उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी की तरफ से नई दिल्ली आने का निमंत्रण दिया. जयशंकर ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं. दोनों नेताओं के मार्गदर्शन में हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं. बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने को बताया कि बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि दोनों देशों को अपने संपर्क को और बढ़ाना होगा. करीम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जयशंकर से कहा कि परस्पर लाभ के लिए संपर्क बढ़ाने की जरूरत है, और बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी चटगांव बंदरगाह का उपयोग करने में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष रूप से फायदा होगा.
उन्होंने कहा, यदि संपर्क बढ़ाया जाता है, तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों - जैसे असम और त्रिपुरा- को चट्टोग्राम में बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त हो सकती है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा पार मार्गों को फिर से शुरू करने के लिए पहल की गई थी, जिन्हें 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था. तब बांग्लादेश पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा था.
करीम ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना की जयशंकर के साथ आधे घंटे से अधिक लंबी बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. जयशंकर ने बाद में अपने बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमेन के साथ बातचीत की और फिर संयुक्त रूप से मीडिया को जानकारी दी. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, “डॉ. मोमेन और डॉ. एस जयशंकर ने बांग्लादेश और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने चल रहे बांग्लादेश-भारत सहयोग के बारे में संतोष व्यक्त किया, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प जताया, समग्र रूप से सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया.”
जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी सुविधा के समय भारत आने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा, “मैंने (उन्हें) बताया कि हम उनकी सुविधा के अनुसार भारत की उनकी यात्रा के लिए आकांक्षी हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ तर्कसंगत और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई.
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स्थानीय मीडिया ने करीम के हवाले से कहा कि रक्षा क्षेत्र में सहयोग, कुशियारा और फेनी नदियों का जल बंटवारा, वर्तमान कोविड -19 स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव को लेकर प्रमुखता से चर्चा की गई. संक्षिप्त आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे जयशंकर का बांग्लादेश की वायुसेना के हवाई अड्डे बंगबंधु में विदेश मंत्री मोमेन ने स्वागत किया. उनकी बांग्लादेश यात्रा का उद्देश्य प्रधानमंत्री हसीना की भारत यात्रा के लिए आधार तैयार करना है.
दोनों देशों द्वारा बांग्लादेश-भारत संयुक्त सलाहकार आयोग (जेसीसी) की 7वीं बैठक की तारीख तय करने की उम्मीद है, जो नई दिल्ली में होने वाली है. मोमेन ने विदेश सेवा अकादमी में एक इफ्तार दावत की मेजबानी की और उसके बाद जयशंकर के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया. जयशंकर शुक्रवार को सुबह ढाका से भूटान के लिए रवाना होंगे. उनकी बांग्लादेश की आखिरी यात्रा पिछले साल मार्च में हुई थी.