भुवनेश्वर : ओडिशा के पुरी (Puri of Odisha) में भगवान श्रीजगन्नाथ (Lord Shri Jagannath) की बाहुड़ा यात्रा (वापसी की यात्रा) शुरू हो गई है. कोरोना वायरस (corona virus) के दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है.
बड़दांड (Badadanda) पर आज निर्धारित समय से पहले भगवान बलभद्र (Lord Balbhadra) के रथ तालध्वज (Taladhwaj) को खिंचा गया. कुछ देर बाद देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन (Darpadalan) और उनके पीछे-पीछे भगवान श्रीजगन्नाथ के रथ नन्दीघोष (Nandighosha) को खिंचा गया.
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस साल भी रथों को खिंचने के लिए श्रीमंदिर के सेवायतों और सुरक्षाकर्मियों को अनुमति दी गई है. साथ ही निर्देश दिया गया है कि रथयात्रा के दौरान इनकी संख्या पांच सौ से अधिक नहीं होनी चाहिए.
बता दें कि पुरी जिला प्रशासन ने भगवान श्रीजगन्नाथ की बहुड़ा यात्रा से पहले सोमवार शाम से मंदिर नगरी में कर्फ्यू लगा है. अधिकारियों के मुताबिक कोरोना महामारी से बचाव के लिए लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखने के लिए प्रशासन ने विशेष टीमें भी तैनात की हैं.
पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया कि पुरी शहर में 19 जुलाई की रात आठ बजे से 21 जुलाई की रात आठ बजे तक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत कर्फ्यू लगाया गया है. ताकि, ग्रैंड रोड और ग्रैंड रोड से सटे भवनों की बालकनियों तथा छतों पर लोगों को जुटने को प्रतिबंधित किया जा सके. पुरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कंवर विशाल सिंह ने कहा कि हमने ग्रैंड रोड पर व्यक्तियों की औचक जांच करने के लिए टीमों को तैनात किया है जिससे कि कर्फ्यू के आदेश का उल्लंघन करने वालों को पकड़ा जा सके.
उन्होंने श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिलाधिकारी के साथ हिस्सा लिया था. एसपी ने कहा कि पवित्र शहर में अवांछित व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. केवल सेवायकों, चयनित अधिकारियों को ही पर्व के दौरान भाग लेने की अनुमति होगी और इस आयोजन में जनता की भागीदारी पर सख्त प्रतिबंध है.