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असम चुनाव पर बोले अजमल- ध्रुवीकरण की ताक में भाजपा, नहीं होंगे कामयाब - असम चुनाव पर बदरूद्दीन अजमल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम की एक जनसभा में बदरुद्दीन अजमल को आड़े हाथों लिया था. उन्होंने अजमल को असम में घुसपैठ का कारण बताया था. इसी बीच एक इंटरव्यू में बदरुद्दीन अजमल ने असम में मुख्य मुद्दों के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि मुख्य मुद्दा चाय बागान मजदूरों का है और उनकी पार्टी उनके अधिकारों के लिए मजबूती से लड़ेगी. उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून भी एक बड़ा मुद्दा है. हम इसका विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस भी इसका विरोध कर रही है.

badruddin ajmal comments on assam assembly elections
असम चुनाव पर बदरूद्दीन अजमल का बड़ा बयान
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Published : Mar 15, 2021, 10:45 AM IST

Updated : Mar 15, 2021, 11:02 AM IST

नई दिल्ली : इस बार के असम विधानसभा चुनाव में 'मोदी लहर' नहीं है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल ने यह दावा किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें निशाने पर लेकर और मुसलमानों को 'दुश्मनों की तरह पेश' करके हिन्दू मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी को इसमें कामयाबी नहीं मिलेगी.

मेहनत से लड़ रहा है महागठबंधन
एक साक्षात्कार में अजमल ने कहा कि असम विधानसभा चुनाव देश के लिए 'अहम मोड़' साबित होंगे, क्योंकि राज्य से ही भाजपा के हारने की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन मेहनत से लड़ रहा है, जिसका हिस्सा उनकी पार्टी भी है.

मुस्लिमों की 'पर्याप्त नुमाइंदगी'
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के खिलाफ भाजपा के सांप्रदायिकता संबंधी आरोपों को 'बेबुनियाद' बताकर खारिज करते हुए अजमल ने दावा किया कि असम में उनकी पार्टी से ज्यादा 'कोई और संगठन धर्मनिरपेक्ष' नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पहले के चुनावों में गैर मुस्लिमों को 'पर्याप्त नुमाइंदगी' देती रही है.

भाजपा खुद 'सांप्रदायिक' है
लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने 'धर्मनिरपेक्ष ताकतों' के जीतने का भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव हारेगी और इससे पूरे देश में एक संदेश जाएगा. अजमल ने कहा एआईयूडीएफ धर्मनिरपेक्ष है और हमेशा धर्मनिरपेक्ष रहेगा. मगर भाजपा खुद 'सांप्रदायिक' है और 'सांप्रदायिक' राजनीति करती है, इसलिए वह दूसरों को भी उसी नजरिए से देखती है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास बात करने के लिए विकास का कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने पिछली बार नौकरियां देने की बात की थी, लेकिन वे नौकरियां मुहैया नहीं करा सके. राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने काला धन वापस लाने की बात की थी, लेकिन काला धन विदेश भेजा गया.

2016 में थी मोदी लहर, इस बार नहीं होंगे कामयाब
अजमल ने फोन पर कहा कि भाजपा किसानों का मुद्दा भी हल नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि असम में लगभग हर दिन कोई-न-कोई उद्योग बंद हो रहा है. अजमल ने दावा किया कि पिछली बार (2016 में) जब नरेंद्र मोदी ने यहां प्रचार किया था तब एक लहर थी, लेकिन इस बार कोई मोदी लहर नहीं है. वह पांच बार आए हैं लेकिन कोई भी लहर पैदा करने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा चेहरा दिखाकर, मुसलमानों को दुश्मनों के तौर पर पेश करके और सांप्रदायिक टिप्पणियां करके, भाजपा हिंदुओं का ध्रुवीकरण करना चाहती है लेकिन पिछली बार की तरह, उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी.

15 साल से केंद्र में संप्रग का हिस्सा
कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने और 'महाजोत' गठबंधन बनाने पर धुबरी से लोकसभा सदस्य ने कहा कि यह देखा गया है कि जहां भी कांग्रेस के साथ विपक्षी दल आते हैं, वहां नतीजे अच्छे होते हैं. लिहाजा उनकी पार्टी ने गठबंधन करने का फैसला किया. अजमल ने कहा कि मैं 15 साल से केंद्र में संप्रग का हिस्सा रहा. हमारा एक साथ आना अहम था. कुछ लोग इसे नहीं होने दे रहे थे, लेकिन चीजे हुईं. कांग्रेस आलाकमान ने भी हरी झंडी दिखाई और सात पार्टियों का महागठबंधन बना.

राम मंदिर और हिंदुत्व की बात कर रही भाजपा
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ लहर है जिसका फायदा महागठबंधन को मिलेगा. सोशल मीडिया पर उनके कथित 'छेड़छाड़' से तैयार किए गए वीडियो से संबंधित हालिया विवाद पर अजमल ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास उनकी पार्टी के खिलाफ कहने को कुछ नहीं है, इसलिए वह ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'छेड़छाड़' किए गए वीडियो के लिए जिम्मेदार लोगों पर ट्विटर ने कार्रवाई की है. अजमल ने कहा कि देश में एक ही पार्टी है जो हिन्दुत्व के बारे में बात करती है और वह भाजपा है. अगर कोई राम मंदिर के बारे में बात कर रहा है तो वह भाजपा है. हम न इसे उठा रहे हैं न ही इसका मुद्दा बना रहे हैं.

30-31 सीटों पर चुनाव लड़ सकती थी एआईयूडीएफ
असम में मुख्य मुद्दों के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि मुख्य मुद्दा चाय बागान मजदूरों का है और उनकी पार्टी उनके अधिकारों के लिए मजबूती से लड़ेगी. उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून भी एक बड़ा मुद्दा है. हम इसका विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस भी इसका विरोध कर रही है. हम इसके खिलाफ थे, इसके खिलाफ हैं और रहेंगे. एआईयूडीएफ के, कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में 21 सीटों पर चुनाव लड़ने के आसार पर अजमल ने कहा कि उनकी पार्टी 30-31 सीटों पर चुनाव लड़ सकती थी लेकिन उन्होंने विपक्षी वोटों को बंटने से रोकने और गठबंधन की खातिर कुर्बानी देने का फैसला किया.

मुगलों से मेरा क्या लेना-देना ?
उन्होंने कहा कि हम कम सीटों पर सहमत हो गए हैं, लेकिन हमें 90-95 प्रतिशत सीटें जीतने की उम्मीद है. राज्य के मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा उन पर बार-बार हमला करने और भूतपूर्त मुगल शासन की बात करने पर अजमल ने कहा कि उन्होंने (सरमा ने) कांग्रेस में रहते हुए अच्छा काम किया था लेकिन भाजपा में जाने के बाद, वह उसके विपरीत बात कर रहे हैं जो उन्होंने पहले कहा था. एआईयूडीएफ के प्रमुख ने कहा कि भाजपा के पास कहने को कुछ नहीं है, इसलिए वह 'बदरूद्दीन अजमल के चेहरे का इस्तेमाल कर रही है, मुझे मुगल बता रही है. मुगलों से मेरा क्या लेना-देना है?

पढ़ें: असम को छोड़कर बाकी चार राज्यों में चुनाव हारेगी भाजपा : पवार

एआईयूडीएफ और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं. इस महागठबंधन में बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, माकपा, भाकपा, भाकपा-एमएल और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं. असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव तीन चरणों में होंगे. ये 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को होंगे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : इस बार के असम विधानसभा चुनाव में 'मोदी लहर' नहीं है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल ने यह दावा किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें निशाने पर लेकर और मुसलमानों को 'दुश्मनों की तरह पेश' करके हिन्दू मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी को इसमें कामयाबी नहीं मिलेगी.

मेहनत से लड़ रहा है महागठबंधन
एक साक्षात्कार में अजमल ने कहा कि असम विधानसभा चुनाव देश के लिए 'अहम मोड़' साबित होंगे, क्योंकि राज्य से ही भाजपा के हारने की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन मेहनत से लड़ रहा है, जिसका हिस्सा उनकी पार्टी भी है.

मुस्लिमों की 'पर्याप्त नुमाइंदगी'
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के खिलाफ भाजपा के सांप्रदायिकता संबंधी आरोपों को 'बेबुनियाद' बताकर खारिज करते हुए अजमल ने दावा किया कि असम में उनकी पार्टी से ज्यादा 'कोई और संगठन धर्मनिरपेक्ष' नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पहले के चुनावों में गैर मुस्लिमों को 'पर्याप्त नुमाइंदगी' देती रही है.

भाजपा खुद 'सांप्रदायिक' है
लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने 'धर्मनिरपेक्ष ताकतों' के जीतने का भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव हारेगी और इससे पूरे देश में एक संदेश जाएगा. अजमल ने कहा एआईयूडीएफ धर्मनिरपेक्ष है और हमेशा धर्मनिरपेक्ष रहेगा. मगर भाजपा खुद 'सांप्रदायिक' है और 'सांप्रदायिक' राजनीति करती है, इसलिए वह दूसरों को भी उसी नजरिए से देखती है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के पास बात करने के लिए विकास का कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने पिछली बार नौकरियां देने की बात की थी, लेकिन वे नौकरियां मुहैया नहीं करा सके. राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने काला धन वापस लाने की बात की थी, लेकिन काला धन विदेश भेजा गया.

2016 में थी मोदी लहर, इस बार नहीं होंगे कामयाब
अजमल ने फोन पर कहा कि भाजपा किसानों का मुद्दा भी हल नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि असम में लगभग हर दिन कोई-न-कोई उद्योग बंद हो रहा है. अजमल ने दावा किया कि पिछली बार (2016 में) जब नरेंद्र मोदी ने यहां प्रचार किया था तब एक लहर थी, लेकिन इस बार कोई मोदी लहर नहीं है. वह पांच बार आए हैं लेकिन कोई भी लहर पैदा करने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरा चेहरा दिखाकर, मुसलमानों को दुश्मनों के तौर पर पेश करके और सांप्रदायिक टिप्पणियां करके, भाजपा हिंदुओं का ध्रुवीकरण करना चाहती है लेकिन पिछली बार की तरह, उन्हें कामयाबी नहीं मिलेगी.

15 साल से केंद्र में संप्रग का हिस्सा
कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने और 'महाजोत' गठबंधन बनाने पर धुबरी से लोकसभा सदस्य ने कहा कि यह देखा गया है कि जहां भी कांग्रेस के साथ विपक्षी दल आते हैं, वहां नतीजे अच्छे होते हैं. लिहाजा उनकी पार्टी ने गठबंधन करने का फैसला किया. अजमल ने कहा कि मैं 15 साल से केंद्र में संप्रग का हिस्सा रहा. हमारा एक साथ आना अहम था. कुछ लोग इसे नहीं होने दे रहे थे, लेकिन चीजे हुईं. कांग्रेस आलाकमान ने भी हरी झंडी दिखाई और सात पार्टियों का महागठबंधन बना.

राम मंदिर और हिंदुत्व की बात कर रही भाजपा
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ लहर है जिसका फायदा महागठबंधन को मिलेगा. सोशल मीडिया पर उनके कथित 'छेड़छाड़' से तैयार किए गए वीडियो से संबंधित हालिया विवाद पर अजमल ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास उनकी पार्टी के खिलाफ कहने को कुछ नहीं है, इसलिए वह ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'छेड़छाड़' किए गए वीडियो के लिए जिम्मेदार लोगों पर ट्विटर ने कार्रवाई की है. अजमल ने कहा कि देश में एक ही पार्टी है जो हिन्दुत्व के बारे में बात करती है और वह भाजपा है. अगर कोई राम मंदिर के बारे में बात कर रहा है तो वह भाजपा है. हम न इसे उठा रहे हैं न ही इसका मुद्दा बना रहे हैं.

30-31 सीटों पर चुनाव लड़ सकती थी एआईयूडीएफ
असम में मुख्य मुद्दों के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि मुख्य मुद्दा चाय बागान मजदूरों का है और उनकी पार्टी उनके अधिकारों के लिए मजबूती से लड़ेगी. उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून भी एक बड़ा मुद्दा है. हम इसका विरोध कर रहे हैं और कांग्रेस भी इसका विरोध कर रही है. हम इसके खिलाफ थे, इसके खिलाफ हैं और रहेंगे. एआईयूडीएफ के, कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में 21 सीटों पर चुनाव लड़ने के आसार पर अजमल ने कहा कि उनकी पार्टी 30-31 सीटों पर चुनाव लड़ सकती थी लेकिन उन्होंने विपक्षी वोटों को बंटने से रोकने और गठबंधन की खातिर कुर्बानी देने का फैसला किया.

मुगलों से मेरा क्या लेना-देना ?
उन्होंने कहा कि हम कम सीटों पर सहमत हो गए हैं, लेकिन हमें 90-95 प्रतिशत सीटें जीतने की उम्मीद है. राज्य के मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा उन पर बार-बार हमला करने और भूतपूर्त मुगल शासन की बात करने पर अजमल ने कहा कि उन्होंने (सरमा ने) कांग्रेस में रहते हुए अच्छा काम किया था लेकिन भाजपा में जाने के बाद, वह उसके विपरीत बात कर रहे हैं जो उन्होंने पहले कहा था. एआईयूडीएफ के प्रमुख ने कहा कि भाजपा के पास कहने को कुछ नहीं है, इसलिए वह 'बदरूद्दीन अजमल के चेहरे का इस्तेमाल कर रही है, मुझे मुगल बता रही है. मुगलों से मेरा क्या लेना-देना है?

पढ़ें: असम को छोड़कर बाकी चार राज्यों में चुनाव हारेगी भाजपा : पवार

एआईयूडीएफ और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ रहे हैं. इस महागठबंधन में बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, माकपा, भाकपा, भाकपा-एमएल और आंचलिक गण मोर्चा शामिल हैं. असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव तीन चरणों में होंगे. ये 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को होंगे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 15, 2021, 11:02 AM IST
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