ETV Bharat / bharat

बेबी रानी मौर्य, राज्यपाल की कुर्सी छोड़ योगी मंत्रिमंडल में हुईं शामिल

उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल (Former Governor of Uttarakhand) व आगरा ग्रामीण सीट से विधायक बेबी रानी मौर्य (MLA Baby Rani Maurya) को योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. भाजपा की ओर से बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से दलित चेहरे के तौर पर 2022 के चुनाव में लॉन्च किया गया था. दिग्गज नेता बेबी रानी मौर्य ने 76,608 से ज्यादा वोटों से बसपा प्रत्याशी किरण प्रभा केसरी को हराया है.

baby rani maurya
योगी मंत्रिमंडल में पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य हुई शामिल
author img

By

Published : Mar 25, 2022, 5:36 PM IST

देहरादून: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में बड़ी जीत हासिल करने के बाद आज योगी सरकार 2.0 का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है. योगी सरकार में इस बार बेबी रानी मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल (Former Governor of Uttarakhand) व आगरा ग्रामीण सीट से विधायक बेबी रानी मौर्य (Baby rani maurya) को भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. बेबी रानी मौर्य को पहले डिप्टी सीएम बनाये जाने के कयास लगाये जा रहे थे. एक साधारण भाजपा कार्यकर्ता फिर मेयर के पद से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाली बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड की राज्यपाल (Governor) तक की अहम भूमिका निभाई है. इस बार विधानसभा चुनाव में बेबी रानी मौर्य ने आगरा ग्रामीण सीट से बड़ी जीत दर्ज की है.

तीन वर्षों तक रहीं उत्तराखंड की राज्यपाल: बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवा दी. वे इस प्रदेश के राज्यपाल के रूप में 26 अगस्त 2018 से सितंबर 2021 तक रहीं. कार्यकाल समाप्त होने से दो साल पहले ही उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्हें सितंबर 2021 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. इस बार उन्हें भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की.

पढ़ें: योगी ने संभाली यूपी की कमान, केशव मौर्य व ब्रजेश पाठक डिप्टी सीएम, नये चेहरों को मौका

भाजपा का दलित चेहरा बेबी रानी मौर्य: यूपी में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा मानी जाती हैं. उनकी तुलना कई बार बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से होती रही है. 65 वर्षीय बेबी रानी मौर्य का जन्म दलित परिवार में हुआ था. वे अनुसूचित जाति श्रेणी से आती हैं. उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से वर्ष 1990 में की थी. इसके बाद वे वर्ष 1995 में आगरा की मेयर बनी थीं. उन्हें आगरा की पहली महिला मेयर होने का भी गौरव हासिल है. भाजपा की ओर से बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से दलित चेहरे के तौर पर 2022 के चुनाव में लॉन्च किया गया था. दिग्गज नेता बेबी रानी मौर्य ने 76,608 से ज्यादा वोटों से बसपा प्रत्याशी किरण प्रभा केसरी को हराया है. भाजपा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाह से लोग खासे नाराज थे, ऐसे में भाजपा ने चुनावी मैदान में बेबी रानी मौर्य को उतारा था.

राज्यपाल बनने के बाद मंत्री बने कई नेता: उत्तराखंड में राज्यपाल रही बेबी रानी मौर्य ने राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने उन्हें चुनाव लड़वाया. आगरा की सीट से चुनाव लड़ने के बाद आज उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. भारतीय राजनीति में कई ऐसे राज्यपाल हैं जो बाद में राजनीति में आए हैं. उनमें से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल महावीर प्रसाद और साउथ की राजनीति में भी कई ऐसे नाम हैं. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत बताते हैं कि हो सकता है कि बेबी रानी मौर्य का उदाहरण इसलिए अलग हो क्योंकि राज्यपाल से इस्तीफा देने के बाद वह एक मंत्री बन रही हैं. यह शायद भारतीय राजनीति में ऐसा पहली बार हो रहा है.

देहरादून: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में बड़ी जीत हासिल करने के बाद आज योगी सरकार 2.0 का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है. योगी सरकार में इस बार बेबी रानी मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल (Former Governor of Uttarakhand) व आगरा ग्रामीण सीट से विधायक बेबी रानी मौर्य (Baby rani maurya) को भी योगी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. बेबी रानी मौर्य को पहले डिप्टी सीएम बनाये जाने के कयास लगाये जा रहे थे. एक साधारण भाजपा कार्यकर्ता फिर मेयर के पद से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाली बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड की राज्यपाल (Governor) तक की अहम भूमिका निभाई है. इस बार विधानसभा चुनाव में बेबी रानी मौर्य ने आगरा ग्रामीण सीट से बड़ी जीत दर्ज की है.

तीन वर्षों तक रहीं उत्तराखंड की राज्यपाल: बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवा दी. वे इस प्रदेश के राज्यपाल के रूप में 26 अगस्त 2018 से सितंबर 2021 तक रहीं. कार्यकाल समाप्त होने से दो साल पहले ही उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्हें सितंबर 2021 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. इस बार उन्हें भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की.

पढ़ें: योगी ने संभाली यूपी की कमान, केशव मौर्य व ब्रजेश पाठक डिप्टी सीएम, नये चेहरों को मौका

भाजपा का दलित चेहरा बेबी रानी मौर्य: यूपी में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा मानी जाती हैं. उनकी तुलना कई बार बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती से होती रही है. 65 वर्षीय बेबी रानी मौर्य का जन्म दलित परिवार में हुआ था. वे अनुसूचित जाति श्रेणी से आती हैं. उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से वर्ष 1990 में की थी. इसके बाद वे वर्ष 1995 में आगरा की मेयर बनी थीं. उन्हें आगरा की पहली महिला मेयर होने का भी गौरव हासिल है. भाजपा की ओर से बेबी रानी मौर्य को आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से दलित चेहरे के तौर पर 2022 के चुनाव में लॉन्च किया गया था. दिग्गज नेता बेबी रानी मौर्य ने 76,608 से ज्यादा वोटों से बसपा प्रत्याशी किरण प्रभा केसरी को हराया है. भाजपा विधायक हेमलता दिवाकर कुशवाह से लोग खासे नाराज थे, ऐसे में भाजपा ने चुनावी मैदान में बेबी रानी मौर्य को उतारा था.

राज्यपाल बनने के बाद मंत्री बने कई नेता: उत्तराखंड में राज्यपाल रही बेबी रानी मौर्य ने राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने उन्हें चुनाव लड़वाया. आगरा की सीट से चुनाव लड़ने के बाद आज उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. भारतीय राजनीति में कई ऐसे राज्यपाल हैं जो बाद में राजनीति में आए हैं. उनमें से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल महावीर प्रसाद और साउथ की राजनीति में भी कई ऐसे नाम हैं. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत बताते हैं कि हो सकता है कि बेबी रानी मौर्य का उदाहरण इसलिए अलग हो क्योंकि राज्यपाल से इस्तीफा देने के बाद वह एक मंत्री बन रही हैं. यह शायद भारतीय राजनीति में ऐसा पहली बार हो रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.