हरिद्वार: योग गुरु बाबा रामदेव (baba ramdev) अब शायद आयुर्वेद बनाम एलोपैथी (allopathic medicine) विवाद को विराम देना चाहते है. एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर तल्ख दिखने वाले बाबा रामदेव थोड़ा नरम पड़ते हुए दिख रहे है. यही कारण है कि बाबा रामदेव अब कोरोना की वैक्सीन (corona vaccine) लगवाने की बात कह रहे है. इतना ही नहीं पहली बार बाबा रामदेव किसी कार्यक्रम में मास्क पहने हुए दिखाई दिए है. उन्होंने लोगों से भी वैक्सीन लगवाने की अपील की है.
बाबा का यू-टर्न
बाबा रामदेव ने कुछ दिनों पहले एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद से ही वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के डॉक्टरों के निशाने पर आ गए थे. देशभर में डॉक्टरों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किए. कई थानों में उनके खिलाफ तहरीर भी दी गई है. आखिर में विवाद बढ़ने के बाद बाबा को यू-टर्न लेना पड़ा. यही कारण है कि कल तक एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर सवाल खड़े करने वाले बाबा आज उन्हीं डॉक्टरों को भगवान का रूप कह रहे हैं.
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'मेरी किसी से दुश्मनी नहीं'
बाबा रामदेव ने कहा कि हमारी दुश्मनी किसी भी समुदाय के साथ नहीं हो सकती है. धरती पर जितने भी अच्छे डॉक्टर हैं, वे भगवान का रूप हैं. यदि कोई डॉक्टर होने के बावजूद भी कुछ उल्टा सीधा करता है तो वह इंडिविजुअल की गलत है. किसी संस्था के कई डॉक्टर मरीजों को महंगी महंगी दवाइयां लिखकर देते हैं, वह भी केवल अपने कमीशन के चक्कर में, जो बहुत गलत है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोरोना की लहरें तो आती रहेगी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून से 18+ को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का जो निर्णय लिया है, वो ऐतिहासिक है. वैक्सीन की दोनों डोज के साथ योग और आयुर्वेद को अपनाने से कोरोना से सुरक्षा कवच तैयार होगा. वह भी जल्द ही वैक्सीन लगवा लेंगे. वहीं नेपाल सरकार ने पंतजलि को कोरोनिल दवा पर जो बैन लगाया है, उस पर बाबा रामदेव में कोई जवाब नहीं दिया.