जौनपुरः पुलिस कर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग के मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव को जौनपुर की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.
27 साल पहले 4 फरवरी 1995 को उमाकांत यादव ने शाहगंज जंक्शन पर जीआरपी चौकी की लॉकअप में बंद वाहन चालक को छुड़ाने के लिए 7 लोगों के साथ पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थीं. गोली लगने से GRP जवान अजय सिंह शहीद हो गए थे. GRP जवान लल्लन सिंह, रेलवे कर्मचारी निर्मल वाटसन और यात्री भरतलाल गोली लगने से गंभीररूप से घायल हो गए थे. आरोपियों ने जीआरपी के मालखाने को लूटने की कोशिश भी की थी.
इस मामले की जांच CBCID कर रही थी. साक्ष्यों और गवाहों के मद्देनजर अपर सत्र न्यायाधीश (MP-MLA कोर्ट) शरद कुमार त्रिपाठी ने शनिवार को उमाकांत यादव समेत 7 आरोपियों को दोषी करार दिया था. इस मामले में कोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है.
बाहुबली उमाकांत यादव खुटहन विधानसभा (अब शाहगंज विधानसभा) से 3 बार विधायक और मछलीशहर लोकसभा से BSP सांसद रह चुके हैं. जेल में रहकर बीजेपी उम्मीदवार केशरी नाथ त्रिपाठी को 2004 का लोकसभा चुनाव हराकर वह पहली बार सांसद बने थे.
इस मामले को लेकर शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल का कहना है कि पूरा केस 27 साल तक लटकाने का प्रयास किया गया था. अभी दंड प्रश्न पर सुनवाई होना बाकी है. वह छह अगस्त को दोषी करार दिए गए थे.
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