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लोकसभा उपचुनावः रामपुर में आजम खान की साख दांव पर, आजमगढ़ में अखिलेश यादव की घेराबंदी

रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव के लिए 23 जून को सुबह सात से शाम छह बजे तक वोटिंग होगी. इस चुनाव में आजम खान और अखिलेश यादव जैसे दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा का भी फैसला हो जाएगा. इस बार जिस तरह से भाजपा ने दोनों ही सीटों पर सपा को तगड़ी चुनौती दी है उससे तो ऐसा ही लगता है कि किसी भी दल के लिए इस बार की राह आसान नहीं होगी.

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लोकसभा उपचुनावः
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Published : Jun 22, 2022, 6:33 PM IST

हैदराबादः रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव 23 जून को है. एक ओर ओर रामपुर में जेल से हाल में ही छूटे सपा के दिग्गज नेता आजम खान की प्रतिष्ठा दांव पर है तो वहीं आजमगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विरोधियों के चक्रव्यूह में इस बार घिरते नजर आ रहे हैं. इन दोनों ही सीटों का सियासी भविष्य कल सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होने वाली वोटिंग में तय हो जाएगा.

अपनों से लड़ने के लिए आजम को मैदान में आना पड़ा
कभी रामपुर से एकतरफा जीत दर्ज करने वाले आजम खान इस बार अपने ही करीबी की चुनौती में फंसे नजर आ रहे हैं. दरअसल, भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है. यह वही घनश्याम लोधी हैं जो कभी आजम खान के साथ चुनाव लड़े थे. वह आजम की हर चाल से वाकिफ हैं. ऐसे में आजम खान ने खुद न चुनाव लड़ते हुए अपने विश्वस्त आसिम रजा का मैदान में उतारा है. इसके पीछे कहीं न कहीं आजम खान का डर नजर आ रहा है. घनश्याम लोधी से निपटने के लिए आजम खान को खुद मैदान पर उतरना पड़ा है. कई जनसभाओं में वह जेल के दिनों के दर्द को य़ाद कर जनता से भावुक अपील करते भी नजर आए. अब इसका जनता पर क्या असर पड़ेगा यह तो कल का दिन तय करेगा. फिलहाल इस सीट पर भाजपा और सपा की टक्कर कांटे की है. 2022 के विधानसभा चुनाव में आजम खान ने दसवी बार जीत दर्ज कर रिकार्ड बनाा था. इसी के बाद उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर अपने खास आसिम रजा को लोकसभा उपचुनाव में मैदान में उतार दिया. आजिस रजा सपा के जिलाध्यक्ष हैं और आजम खान के बेहद करीबी हैं. उन्होंने आजम खान को कई चुनाव लड़ाए हैं.

आजमगढ़ में अखिलेश की भी तगड़ी घेराबंदी
पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट का लोकसभा उपचुनाव भी बेहद रोचक हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने फिर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली उम्मीदवार हैं. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में यह यूपी के सबसे अमीर उम्मीदवार थे. अखिलेश की घेराबंदी के लिए यहां पर भाजपा के कई दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा. यहां का मुस्लिम और यादव (एमवाई) फैक्टर कभी सपा की जीत का सबसे बड़ा आधार माना जाता था. इस बार गुड्डू जमाली के बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से मुस्लिम वोट बैंक को लेकर सपा की चिंता बढ़ी है. वहीं, यादव वोट बैंक खींचने के लिए निरहुआ को बीजेपी की ओर से मैदान में उतारा जाना तगड़ी चाल है. आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर सपा उम्मीदवारों को जीत मिली थी. इस वजह से ही भाजपा ने इस चुनाव में पूरी ताकत लगा दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद प्रचार के लिए आजमगढ़ पहुंचे थे. अब यह देखना रोचक होगा कि क्या इस बार भी सपा के लिए एमवाई फैक्टर काम आएगा या फिर बाजी कोई और मार ले जाएगा.

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हैदराबादः रामपुर और आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव 23 जून को है. एक ओर ओर रामपुर में जेल से हाल में ही छूटे सपा के दिग्गज नेता आजम खान की प्रतिष्ठा दांव पर है तो वहीं आजमगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव विरोधियों के चक्रव्यूह में इस बार घिरते नजर आ रहे हैं. इन दोनों ही सीटों का सियासी भविष्य कल सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होने वाली वोटिंग में तय हो जाएगा.

अपनों से लड़ने के लिए आजम को मैदान में आना पड़ा
कभी रामपुर से एकतरफा जीत दर्ज करने वाले आजम खान इस बार अपने ही करीबी की चुनौती में फंसे नजर आ रहे हैं. दरअसल, भाजपा ने घनश्याम लोधी को टिकट दिया है. यह वही घनश्याम लोधी हैं जो कभी आजम खान के साथ चुनाव लड़े थे. वह आजम की हर चाल से वाकिफ हैं. ऐसे में आजम खान ने खुद न चुनाव लड़ते हुए अपने विश्वस्त आसिम रजा का मैदान में उतारा है. इसके पीछे कहीं न कहीं आजम खान का डर नजर आ रहा है. घनश्याम लोधी से निपटने के लिए आजम खान को खुद मैदान पर उतरना पड़ा है. कई जनसभाओं में वह जेल के दिनों के दर्द को य़ाद कर जनता से भावुक अपील करते भी नजर आए. अब इसका जनता पर क्या असर पड़ेगा यह तो कल का दिन तय करेगा. फिलहाल इस सीट पर भाजपा और सपा की टक्कर कांटे की है. 2022 के विधानसभा चुनाव में आजम खान ने दसवी बार जीत दर्ज कर रिकार्ड बनाा था. इसी के बाद उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर अपने खास आसिम रजा को लोकसभा उपचुनाव में मैदान में उतार दिया. आजिस रजा सपा के जिलाध्यक्ष हैं और आजम खान के बेहद करीबी हैं. उन्होंने आजम खान को कई चुनाव लड़ाए हैं.

आजमगढ़ में अखिलेश की भी तगड़ी घेराबंदी
पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट का लोकसभा उपचुनाव भी बेहद रोचक हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने फिर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. बसपा से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली उम्मीदवार हैं. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में यह यूपी के सबसे अमीर उम्मीदवार थे. अखिलेश की घेराबंदी के लिए यहां पर भाजपा के कई दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा. यहां का मुस्लिम और यादव (एमवाई) फैक्टर कभी सपा की जीत का सबसे बड़ा आधार माना जाता था. इस बार गुड्डू जमाली के बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से मुस्लिम वोट बैंक को लेकर सपा की चिंता बढ़ी है. वहीं, यादव वोट बैंक खींचने के लिए निरहुआ को बीजेपी की ओर से मैदान में उतारा जाना तगड़ी चाल है. आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ और मेहनगर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर सपा उम्मीदवारों को जीत मिली थी. इस वजह से ही भाजपा ने इस चुनाव में पूरी ताकत लगा दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद प्रचार के लिए आजमगढ़ पहुंचे थे. अब यह देखना रोचक होगा कि क्या इस बार भी सपा के लिए एमवाई फैक्टर काम आएगा या फिर बाजी कोई और मार ले जाएगा.

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