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Dhamtari: आजाद हिंद फौज के सिपाही मनराखन लाल देवांगन का निधन, 108 साल की उम्र में ली अंतिम सांस - नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आजाद हिंद फौज में सिपाही रहे मनराखन लाल देवांगन का 108 साल की उम्र में निधन हो गया. ये अनोखा संयोग रहा कि मनराखन लाल ने 21 मार्च को अपने जन्मदिन के दिन ही अंतिम सांस ली. मनराखन लाल देवांगन धमतरी के रहने वाले थे.

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मनराखन लाल देवांगन
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Published : Mar 22, 2023, 12:20 AM IST

मनराखन लाल देवांगन को अंतिम विदाई

धमतरी: भटगांव में रहने वाले मनराखन लाल देवांगन 1942 में आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए थे. 5 साल का बॉन्ड खत्म होने के बाद 1947 में वे रिटायर हो गए. धमतरी में अपने गांव लौट कर वे खेती बाड़ी करने लगे. लेकिन मंगलवार 21 मार्च 2023 को मनराखन ने अपने जन्मदिन के दिन ही अंतिम सांस ली. उनकी अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ. धमतरी महापौर तथा एसपी भी शामिल हुए और परिजनों से मिले.आजाद हिंद फौज के दिवंगत सिपाही का शव राष्ट्रध्वज में लपेट कर अंतिम यात्रा निकाली गई. पूरा गांव उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा पड़ा.


एक किसान के बेटे थे मनराखन: धमतरी शहर से 5 किलोमीटर दूर भटगांव में मनराखन लाल देवांगन रहते थे. मनराखन लाल एक किसान के पुत्र थे. 1942 में दोस्तों के साथ मानराखन रायपुर घूमने आये थे. तब आजाद हिंद फौज में भर्ती के लिए अपील की गई. तो देशप्रेम से प्रभावित होकर वह आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए.

यह भी पढ़ें: Dhamtari road accident: धमतरी में यात्री बस पलटने से मची अफरा तफरी, 8 लोग हुए घायल

जंग में 25 दुश्मनों को मार गिराया था: ट्रेनिंग पास होने के बाद वे आजाद हिंद फौज का हिस्सा बने. पुणे में उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग मिली. इसके बाद 397 कंपनी में उनका बतौर सिपाही के रूप में चयन हुआ. बाद में उनका ट्रांसफर कंपनी नम्बर 520 में हुआ. उन्होंने असम, मणिपुर, बर्मा में सेवाएं दी. साथ ही जापानी फौज के साथ मिलकर भी जंग भी लड़ा. इस जंग में उन्होंने 25 दुश्मनों को मार गिराया था. फौज में उन्हें वेतन के रूप में 18 रुपये मिलते थे. रिटायरमेन्ट के समय उन्हें 1000 रु मिले थे. 1947 मेंं मनराखन लाल अपने गांव लौट आए और खेती करने लगे.

मनराखन लाल देवांगन को अंतिम विदाई

धमतरी: भटगांव में रहने वाले मनराखन लाल देवांगन 1942 में आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए थे. 5 साल का बॉन्ड खत्म होने के बाद 1947 में वे रिटायर हो गए. धमतरी में अपने गांव लौट कर वे खेती बाड़ी करने लगे. लेकिन मंगलवार 21 मार्च 2023 को मनराखन ने अपने जन्मदिन के दिन ही अंतिम सांस ली. उनकी अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ. धमतरी महापौर तथा एसपी भी शामिल हुए और परिजनों से मिले.आजाद हिंद फौज के दिवंगत सिपाही का शव राष्ट्रध्वज में लपेट कर अंतिम यात्रा निकाली गई. पूरा गांव उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा पड़ा.


एक किसान के बेटे थे मनराखन: धमतरी शहर से 5 किलोमीटर दूर भटगांव में मनराखन लाल देवांगन रहते थे. मनराखन लाल एक किसान के पुत्र थे. 1942 में दोस्तों के साथ मानराखन रायपुर घूमने आये थे. तब आजाद हिंद फौज में भर्ती के लिए अपील की गई. तो देशप्रेम से प्रभावित होकर वह आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए.

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जंग में 25 दुश्मनों को मार गिराया था: ट्रेनिंग पास होने के बाद वे आजाद हिंद फौज का हिस्सा बने. पुणे में उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग मिली. इसके बाद 397 कंपनी में उनका बतौर सिपाही के रूप में चयन हुआ. बाद में उनका ट्रांसफर कंपनी नम्बर 520 में हुआ. उन्होंने असम, मणिपुर, बर्मा में सेवाएं दी. साथ ही जापानी फौज के साथ मिलकर भी जंग भी लड़ा. इस जंग में उन्होंने 25 दुश्मनों को मार गिराया था. फौज में उन्हें वेतन के रूप में 18 रुपये मिलते थे. रिटायरमेन्ट के समय उन्हें 1000 रु मिले थे. 1947 मेंं मनराखन लाल अपने गांव लौट आए और खेती करने लगे.

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