अमरावती : आयुष विभाग के अधिकारियों ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी से आयुर्वेदिक दवा के चिकित्सक बी. आनंदैया की दवाई 'कृष्णपटनम' पर चर्चा की. इस दौरान कमिश्नर रामुलु ने कहा कि कुछ दिनों में कंपनी द्वारा बनाई दई दवा पर फाइनल रिपोर्ट आ जाएगी. आयुक्त ने कहा कि आयुर्वेदिक दवा के रूप में घोषित करने के लिए इसके पास कोई कानूनी स्टैंड नहीं है.
उन्होंने चिकित्सक बी. आनंदैया की दवाई 'कृष्णपटनम' पर बताया कि इसे आयुर्वेदिक दवा घोषित करने के लिए क्लिनिकल ट्रायल किया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस दवा में कोई विषैला पदार्थ नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि बी. आनंदैया पिछले 35 साल से दवाईयों पर अध्यन कर रहे हैं. उन्होंने चार दवाईयां दी हैं, जिसमें कोरोना की आंखों में डालने की दवाई भी शामिल है. ऐसे में उनके दवाईयों के सभी नमूने लैब में जांच के लिए भेज दिए गये हैं. इनमें से कुछ के परिणाम आ गये हैं, तो कुछ के आने बाकी हैं.
इन नमूनों को आयुर्वेदिक अध्ययन के लिए सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च को भी भेजा गया था, क्योंकि वे दवा का 500 सदस्यों पर नैदानिक परीक्षण करते हैं और फिर अपनी अंतिम रिपोर्ट देते हैं.'
रामुलू एन. ने कहा कि चिकित्सक बी. आनंदैया द्वारा निर्मित आंखों की दवाई के प्रभाव के बारे में अभी पता नहीं चला है. इसलिए आयुष मंत्रालय इस पर नेत्र विशेषज्ञों के सुझाव मांग रहा है, लेकिन आनंदैया द्वारा निर्मित आंखों की दवाई के अभी कोई साइड इफेक्ट्स भी देखने को नहीं मिले हैं, बावजूद इसे जांचा जाएगा.
बता दें, चिकित्सक बी.आनंदैया ने 21 अप्रैल से यह दवा देनी शुरू की और तब से कोविड-19 के लिए चमत्कारिक साबित हो रही है. इस पर सभी जानकारी मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है.
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वहीं, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बी. आनंदैया दवा के अध्ययन और परीक्षण को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश दिया है. उन्होंने आई ड्रॉप्स के साइड इफेक्ट के बारे में भी पूछा.