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Ministry of Civil Aviation : विमानन उद्योग को पिछले तीन वर्षों में 28,907 करोड़ रुपये का घाटा हुआ- नागरिक उड्डयन मंत्रालय

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि तीन वर्षों में 28907 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. यह जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ वीके सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि 98 हजार करोड़ रुपये से मौजूदा टर्मिनलों और नए टर्मिनलों के अलावा अन्य गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा.

Lok Sabha (symbolic)
लोकसभा (प्रतीकात्मक)
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Published : Feb 2, 2023, 3:09 PM IST

नई दिल्ली : विमानन उद्योग को पिछले तीन वर्षों में 28 करोड़ 907 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. साथ ही बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में 2019 में 4770 करोड़, 2020 में 12479 करोड़ और 2021 में 11658 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उक्त जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ.वीके सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में दी. डॉ. सिंह नागरिक उड्डयन उद्योग द्वारा हुए नुकसान पर कांग्रेस सांसदस अनुमुला रेवंत रेड्डी के एक प्रश्न के जवाब में लिखित में यह जानकारी दी.

इस सवाल पर कि क्या सरकार ने देश में विमानन उद्योग की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए समान विश्लेषण करने के लिए कोई समय सीमा तय की है और क्या सरकार ने वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए समान विश्लेषण करने के लिए कोई समय सीमा तय की है. इसका खंडन करते हुए राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा कि सरकार ने एयरलाइन किराए को नियंत्रण मुक्त कर दिया है. ऐसे में सरकार एयरलाइंस की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण नहीं करती है.

विमानन उद्योग के वित्तीय नुकसान को कम करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों पर, राज्य मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) पर मूल्य वर्धित कर (VAT) जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और अन्य सहित 17 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कम कर दिया गया है. इस दौरान यह भी जानकारी दी गई कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और अन्य हवाईअड्डा विकासकर्ताओं ने लगभग 98000 करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय का लक्ष्य रखा है. मंत्री ने कहा कि मौजूदा टर्मिनलों, नए टर्मिनलों के विस्तार और संशोधन और अन्य गतिविधियों के अलावा हवाईअड्डा क्षेत्र में अगले पांच वर्षों में इस रुपये को खर्च किया जाएगा.

ये भी पढ़ें - parliament budget session 2023: विपक्ष ने चर्चा से रोकने का लगाया आरोप, सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित

नई दिल्ली : विमानन उद्योग को पिछले तीन वर्षों में 28 करोड़ 907 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. साथ ही बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में 2019 में 4770 करोड़, 2020 में 12479 करोड़ और 2021 में 11658 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उक्त जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ.वीके सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में दी. डॉ. सिंह नागरिक उड्डयन उद्योग द्वारा हुए नुकसान पर कांग्रेस सांसदस अनुमुला रेवंत रेड्डी के एक प्रश्न के जवाब में लिखित में यह जानकारी दी.

इस सवाल पर कि क्या सरकार ने देश में विमानन उद्योग की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए समान विश्लेषण करने के लिए कोई समय सीमा तय की है और क्या सरकार ने वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए समान विश्लेषण करने के लिए कोई समय सीमा तय की है. इसका खंडन करते हुए राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा कि सरकार ने एयरलाइन किराए को नियंत्रण मुक्त कर दिया है. ऐसे में सरकार एयरलाइंस की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण नहीं करती है.

विमानन उद्योग के वित्तीय नुकसान को कम करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों पर, राज्य मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) पर मूल्य वर्धित कर (VAT) जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और अन्य सहित 17 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कम कर दिया गया है. इस दौरान यह भी जानकारी दी गई कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और अन्य हवाईअड्डा विकासकर्ताओं ने लगभग 98000 करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय का लक्ष्य रखा है. मंत्री ने कहा कि मौजूदा टर्मिनलों, नए टर्मिनलों के विस्तार और संशोधन और अन्य गतिविधियों के अलावा हवाईअड्डा क्षेत्र में अगले पांच वर्षों में इस रुपये को खर्च किया जाएगा.

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