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JK Avalanche warning: जम्मू कश्मीर के कई जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी

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Published : Mar 25, 2023, 7:46 AM IST

जम्मू कश्मीर कुछ जिलों में लोगों को हिमस्खलन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इस संबंध में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से चेतावनी भी जारी की गई है.

Avalanche warning issued in several districts of Jammu and Kashmir (representational photo)
जम्मू कश्मीर के कई जिलों में हिमस्खलन की चेतावनी (प्रतीकात्मक फोटो )

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के कई जिलों में एक बार फिर हिमस्खलन की आशंका है. इसे लेकर प्रशासन तैयारी में जुटी है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस संबंध में चेतावनी जारी की है. हालांकि, अधिकारियों की मानें तो हिमस्खलन से नुकसान कम होने की संभावना है. हिमस्खलन के समुद्र तल से 2,800 से 3,000 मीटर ऊपर होने की संभावना है.

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार हिमस्खलन बारामूला, डोडा, गांदरबल, किश्तवाड़, कुपवाड़ा, कुपवाड़ा, पुंछ, रामबन, रियासी, अनंतनाग और कुलगाम में समुद्र तल से ऊपर होने की संभावना है. आपदा प्राधिकरण ने हिमस्खलन से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सलाह जारी की है. उन्हें प्रभावित इलाकों में जाने से बचने के लिए कहा गया है.

बता दें कि जम्मू कश्मीर में हिमस्खलन की अक्सर घटनाएं होती रहती हैं. इन आपदाओं में कई लोगों की जान भी जा चुकी है. हालांकि, सावधानी बरतने से इसके खतरे को कम किया जा सकता है. लोगों को सरकार द्वारा जारी चेतावनियों पर गौर करना चाहिए. हाल में फरवरी माह में हिमस्खलन को लेकर बड़ी घटना हुई थी. इस हादसे में दो विदेशी सैलानियों की मौत हो गई थी.

ये भी पढ़ें- Migrant Birds In Kashmir: सर्दियां खत्म होते ही घाटी छोड़कर जाने लगे विदेशी पक्षी, 13 लाख से ज्यादा पक्षियों ने किया था प्रवास

जानकारी के अनुसार इस हिमस्खलन में 19 विदेशी सैलानी फंस गए थे जिसमें दो गाइड भी शामिल थे. हालांकि, सतर्क प्रशासन ने उन्हें सकुशल बचा लिया. पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि 21 विदेशी और दो स्थानीय गाइड वाली तीन टीम स्कीइंग के लिए अफरवत गुलमर्ग गई थी. हिमस्खलन की समस्या खासकर बारिश के मौसम में देखी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण ऐसा हो रहा है. लोग प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हैं इसके चलते भी इसके खतरे बढ़ जाते हैं.

(एएनआई)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के कई जिलों में एक बार फिर हिमस्खलन की आशंका है. इसे लेकर प्रशासन तैयारी में जुटी है. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इस संबंध में चेतावनी जारी की है. हालांकि, अधिकारियों की मानें तो हिमस्खलन से नुकसान कम होने की संभावना है. हिमस्खलन के समुद्र तल से 2,800 से 3,000 मीटर ऊपर होने की संभावना है.

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार हिमस्खलन बारामूला, डोडा, गांदरबल, किश्तवाड़, कुपवाड़ा, कुपवाड़ा, पुंछ, रामबन, रियासी, अनंतनाग और कुलगाम में समुद्र तल से ऊपर होने की संभावना है. आपदा प्राधिकरण ने हिमस्खलन से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सलाह जारी की है. उन्हें प्रभावित इलाकों में जाने से बचने के लिए कहा गया है.

बता दें कि जम्मू कश्मीर में हिमस्खलन की अक्सर घटनाएं होती रहती हैं. इन आपदाओं में कई लोगों की जान भी जा चुकी है. हालांकि, सावधानी बरतने से इसके खतरे को कम किया जा सकता है. लोगों को सरकार द्वारा जारी चेतावनियों पर गौर करना चाहिए. हाल में फरवरी माह में हिमस्खलन को लेकर बड़ी घटना हुई थी. इस हादसे में दो विदेशी सैलानियों की मौत हो गई थी.

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जानकारी के अनुसार इस हिमस्खलन में 19 विदेशी सैलानी फंस गए थे जिसमें दो गाइड भी शामिल थे. हालांकि, सतर्क प्रशासन ने उन्हें सकुशल बचा लिया. पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि 21 विदेशी और दो स्थानीय गाइड वाली तीन टीम स्कीइंग के लिए अफरवत गुलमर्ग गई थी. हिमस्खलन की समस्या खासकर बारिश के मौसम में देखी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण ऐसा हो रहा है. लोग प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हैं इसके चलते भी इसके खतरे बढ़ जाते हैं.

(एएनआई)

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