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अवैध फेरीवालों को हटाने में प्राधिकारियों की विफलता से नागरिकों के अधिकारों पर प्रतिकूल असर: दिल्ली HC

दिल्ली उच्च न्यायालयने यहां कनॉट प्लेस से अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में सामान बेचने की मनाही है, वहां से फेरीवालों एवं विक्रेताओं को हटाने में प्राधिकारियों की विफलता का स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण और नागरिकों के जीवन के अधिकार पर बहुत बुरा और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. पढ़ें पूरी खबर...

अवैध फेरीवालों पर अदालत की टिप्पणी
अवैध फेरीवालों पर अदालत की टिप्पणी
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Published : Oct 13, 2021, 5:25 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने यहां कनॉट प्लेस (Connaught Place - CP) से अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में सामान बेचने की मनाही है, वहां से फेरीवालों एवं विक्रेताओं को हटाने में प्राधिकारियों की विफलता का स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण और नागरिकों के जीवन के अधिकार पर बहुत बुरा और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

अदालत ने नई दिल्ली नगर निगम (New Delhi Municipal Council - NDMC) और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को अनधिकृत अतिक्रमणों के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुमोदित योजना एवं आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा.

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि कानून की जीत होनी चाहिए और अदालत शहर पर अवैध अतिक्रमण करने वालों या विक्रेताओं को कब्जा करने की अनुमति नहीं दे सकती.

पीठ ने कहा कि उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और सभी अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को उनके बोरिया-बिस्तर के साथ हटाया जाना चाहिए। अदालत ने सीपी क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने वालों और विक्रेताओं को हटाने का आदेश दिया. उसने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अतिक्रमण करने वाले लोग वापस न आएं.

अदालत ने एनडीएमसी के अध्यक्ष और संबंधित कार्यकारी इंजीनियरों, पुलिस उपायुक्त तथा स्थानीय थाने के प्रभारी को 18 नवंबर को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया. सीपी में एनडीएमसी का क्षेत्राधिकार है.

पीठ ने कहा, एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस अपने द्वारा उठाए गए कदमों की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें और ये कदम केवल अतिक्रमण हटाने के लिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने चाहिए कि अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले लोग और विक्रेता वापस न लौटें. एनडीएमसी को पूरे राजीव चौक और इंदिरा चौक इलाकों में स्थायी बोर्ड लगाने चाहिए, जिनमें यह बताया गया हो कि यह क्षेत्र फेरीवालों और विक्रेताओं के लिए प्रतिबंधित है.

पढ़ें : सरोजनी नगर: अवैध फेरीवालों के खिलाफ अभियान, एनफोर्समेंट टीम और फेरीवालों में हुई झड़प

कनॉट प्लेस में दुकान मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले न्यू दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन ने एक याचिका दायर कर प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है कि सीपी और कनॉट सर्कस में उन क्षेत्रों से फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाया जाए, जहां उनके बिक्री करने की मनाही है.

अदालत ने कहा, अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में प्राधिकारियों की इस प्रकार की नाकामी का जीवन के अधिकार समेत शहर के निवासियों के अधिकारों पर बहुत गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. जीवन के अधिकार में स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार भी शामिल है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने यहां कनॉट प्लेस (Connaught Place - CP) से अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में सामान बेचने की मनाही है, वहां से फेरीवालों एवं विक्रेताओं को हटाने में प्राधिकारियों की विफलता का स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण और नागरिकों के जीवन के अधिकार पर बहुत बुरा और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

अदालत ने नई दिल्ली नगर निगम (New Delhi Municipal Council - NDMC) और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को अनधिकृत अतिक्रमणों के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुमोदित योजना एवं आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा.

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि कानून की जीत होनी चाहिए और अदालत शहर पर अवैध अतिक्रमण करने वालों या विक्रेताओं को कब्जा करने की अनुमति नहीं दे सकती.

पीठ ने कहा कि उन्हें कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और सभी अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को उनके बोरिया-बिस्तर के साथ हटाया जाना चाहिए। अदालत ने सीपी क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने वालों और विक्रेताओं को हटाने का आदेश दिया. उसने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अतिक्रमण करने वाले लोग वापस न आएं.

अदालत ने एनडीएमसी के अध्यक्ष और संबंधित कार्यकारी इंजीनियरों, पुलिस उपायुक्त तथा स्थानीय थाने के प्रभारी को 18 नवंबर को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया. सीपी में एनडीएमसी का क्षेत्राधिकार है.

पीठ ने कहा, एनडीएमसी और दिल्ली पुलिस अपने द्वारा उठाए गए कदमों की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें और ये कदम केवल अतिक्रमण हटाने के लिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने चाहिए कि अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले लोग और विक्रेता वापस न लौटें. एनडीएमसी को पूरे राजीव चौक और इंदिरा चौक इलाकों में स्थायी बोर्ड लगाने चाहिए, जिनमें यह बताया गया हो कि यह क्षेत्र फेरीवालों और विक्रेताओं के लिए प्रतिबंधित है.

पढ़ें : सरोजनी नगर: अवैध फेरीवालों के खिलाफ अभियान, एनफोर्समेंट टीम और फेरीवालों में हुई झड़प

कनॉट प्लेस में दुकान मालिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले न्यू दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन ने एक याचिका दायर कर प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है कि सीपी और कनॉट सर्कस में उन क्षेत्रों से फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाया जाए, जहां उनके बिक्री करने की मनाही है.

अदालत ने कहा, अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में प्राधिकारियों की इस प्रकार की नाकामी का जीवन के अधिकार समेत शहर के निवासियों के अधिकारों पर बहुत गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. जीवन के अधिकार में स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार भी शामिल है.

(पीटीआई-भाषा)

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