नई दिल्ली : भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई के दौरान लगातार तकनीकी गड़बड़ियों पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि वह रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र लिखेंगे, ताकि वह इस पर गौर करें. अटार्नी जनरल एक मामले में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव के समक्ष पेश हो रहे थे, जिसके दौरान उन्हें एक बार म्यूट भी कर दिया गया था. तब उन्होंने अनम्यूट करने का अनुरोध भी किया. बाद में एक अन्य मामले में उन्हें अनम्यूट कर दिया गया जिसके बाद उन्होंने इसके प्रति न्यायाधीशों से अपनी नाराजगी व्यक्त की.
हाईकोर्ट में नहीं होती कोई समस्या
न्यायाधीश भी अटॉर्नी जनरल से सहमत थे कि आए दिन ऐसे ही स्थिति बिगड़ जाती है. वकीलों को सुना जा सकता है, लेकिन देखा नहीं जा सकता है. कभी-कभी वीडियो धुंधला हो जाता है. अन्य वकीलों ने भी इसके बारे में शिकायत की और कहा कि स्क्रीन खाली चली जाती है. रविवार को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ भी सुनवाई के दौरान तकनीकी खराबी से नाराज थी और उसने महासचिव को इस पर गौर करने का निर्देश दिया था. यह भी देखा गया था कि दिल्ली उच्च न्यायालय जो कि उच्चतम न्यायालय के पास है, वहां कोई कठिनाई नहीं होती है. जबकि शीर्ष अदालत काे ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
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कई तरह की तकनीकी खामियां
सुप्रीम कोर्ट वस्तुतः उन मामलों की सुनवाई कर रहा है जो पहले लाॅकडाउन की वजह से रुक गई थीं. सुनवाई के दौरान तकनीकी गड़बड़ियां होती रहती हैं. कभी-कभी अस्पष्ट या तेज ध्वनि होती है. वीडियो धुंधले होते हैं या गायब हो जाते हैं. न्यायाधीश मौन हो जाते हैं. अदालत सुनवाई का संचालन करने के लिए वीडियो मंच का उपयोग कर रही है. अदालत को प्रदान किए गए विभिन्न हेल्पलाइनों और निवारण तंत्र के बावजूद सुनवाई सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है. कई बार अदालत ने वर्चुअल सुनवाई के प्रति असंतोष व्यक्त किया है.